नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के नेता व सांसद राहुल गांधी को उनके द्वारा मोदी सरनेम की गई कथित टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी पत्र में 23 मार्च 2023 से राहुल गांधी को अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया गया है. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटीफिकेशन में जन प्रतिनिधि कानून का हवाला दिया गया है. दूसरी तरफ इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने की खबर के बाद कांग्रेस पार्टी ने सदन से वॉक आउट कर दिया जबकि पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक चल रही है . उधर बीजेपी ने कांग्रेस के पलटवार के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि गाली देने का अधिकार किसी को नहीं है. कानून से बड़ा कोई नहीं है.
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही मानहानि मामले में सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राहुल गांधी को उक्त मामले में दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. हालांकि इसके बाद उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी. उनके पास इस निर्णय के खिलाफ अगले 30 दिन तक अपील करने का अधिकार है.
इस फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था, इंकलाब जिंदाबाद, मैं बीजेपी-आरएसएस से नहीं डरता. राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था, ‘भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर सादर नमन! सच और हिम्मत का दामन थाम, देश के लिए बेखौफ लड़ते जाना, भारत मां के इन्हीं वीर सपूतों से सीखा है. इंकलाब जिंदाबाद.’
राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की खबर आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर कहा, ए तलवार तुझे झुकना होगा गर्दन ने बगावत कर दी है. राहुल गांधी को डराना आपके बस की बात नहीं है पीएम मोदी, अडानी को बचाने की सारी कोशिशें नाकाम होंगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है. बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे. हम भयभीत या चुप नहीं रहेंगे. पीएम से जुड़े अडानी मामले में जेपीसी जांच के बजाय, राहुल गांधी को अयोग्य करार दे दिया. भारतीय लोकतंत्र ओम शांति.”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट ने कहा, “नीरव मोदी घोटाला- 14,000 करोड़, ललित मोदी घोटाला- 425 करोड़, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 करोड़. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं. क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है.”
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पीएम मोदी के न्यू इंडिया में विपक्षी नेता बीजेपी के निशाने पर हैं. जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है. आज, हम संवैधानिक लोकतंत्र में एक नया निम्न स्तर देख रहे हैं.
शिवसेना उद्धव गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘लुटने वाले आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा दी गई है. चोर को चोर कहना गुनाह हो गया है.’
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अपने नोएडा दौरे पर कहा, “समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता बीजेपी ने ली है और आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता गई है. ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है.”
कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अभिषेक सिंघवी ने कहा, “सरकारी संस्थाओं का दमन हो रहा है. राहुल को सच बोलने की सजा मिली है. लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है.”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करके उनकी आवाज को नहीं दबाया जा सकता. लोकतंत्र का जो गला घोटा जा रहा है उस आवाज को जब राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक बुलंद किया तो बीजेपी बौखला गई.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “क्या हाल बना दिया देश का? अभी राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी इन लोगों ने. डरते हो तुम लोग. भारत के इतिहास में सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री में कोई अगर हुआ है…जो 12वीं पढ़ा है. कोई सबसे कम पढ़ा लिखा प्रधानमंत्री हुआ है तो वह नरेंद्र मोदी हैं…”