चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कहा कि सरकार ने ई-टेंडरिंग से सरपंचों के हाथ मजबूत किए हैं, इससे विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी और कार्य शीघ्रता से पूरे होंगे। मुख्यमंत्री ने सरपंचों की कोटेशन के आधार पर विकास कार्य की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपए करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री आज प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि इस वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही के लिए आवंटित किए गए ₹1100 करोड़ के विकास कार्यों के प्रस्ताव 31 मार्च से पहले अपलोड कर दें। इनमें ग्राम पंचायतों को 800 करोड़ तथा ब्लॉक समितियों को 165 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की सोशल-ऑडिट के लिए ग्राम स्तर पर मौजिज लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो गांव में होने वाले विकास कार्यों पर नजर रखेगी। विकास एवं पंचायत विभाग के लिए अलग से इंजीनियरिंग विंग भी गठित की जाएगी।
प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री ने क्या कहा ?
ग्राम स्तर तक विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाए,पारदर्शिता लाने के सीओ जिला परिषद की नियुक्ति की
अंतर जिला परिषद समन्वय बनाने की कोशिश की गई
जबसे चुनाव नई पंचायतों का चुनाव हुआ है उनको 1 क्वार्टर इस वितीय साल का बचा है जिसके 1100 करोड़ रूपये अलाट किए गए
जिला परिषद को 110,ग्राम पंचायत के लिए 165 करोड़, पंचायतों के लिए 850 करोड़ रूपये अलाट किए
हर जिले में जिला परिषद के सचिवालय बनाने का फैसला सरकार ने किया, काम की क्वालिटी तय करने के लिए इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की
जनता के काम में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का सहारा लिया, ई-टेंडरिंग के जरिए काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की
पहले के प्रधानमंत्री कहते थे कि 1 रूपया भेजा जाता है तो 15 पैसे पहुँचते हैं, लेकिन अब 1 रूपया भेजने पर 1 रूपया ही आगे पहुंचता है
ई-टेंडरिंग की सीमा अब 2 लाख की बजाय 5 लाख होगी
वार्षिक 25 लाख तक के काम कोटेशन के आधार पर या छोटी पंचायत होने पर 50 फीसदी( बजट का) पंचायतें कर पाएंगी
लेकिन हर काम का आनलाइन आडिट किया जाएगा, अधिकारियों के साथ साथ सोशल आडिट सिस्टम बनाया जाएगा
ग्राम सचिव की एसीआर पर सरपंच टिप्पणी कर पाएंगे
सरपंचों का मानदेय 3000 से बढ़ाकर 5000 किया गया, पंचों का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 1600 किया गया, जिसको 2026 में रिव्यू किया जाएगा
सरपंचों और पंचों का मानदेय डीए की तर्ज पर हर 6 महीने में बढ़ेगा
ई-टेंडरिंग में काम की जिम्मेदारी अधिकारी और कोटेशन के आधार पर होने वाले काम की जिम्मेदारी सरपंच की होगी
HSR Rate और DC Rate के बीच समन्वय बनाया जाएगा, HSR Rate जिला स्तर पर बनाकर नोटिफाई किया जाएगा
बिजली कर का 2 फीसदी पंचायतों को एरियर के साथ और स्टांप ड्यूटी का 2 फीसदी उनको दिया जाएगा
अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 के प्रस्ताव आए, लगभग 9418 के करीब प्रस्ताव आए जिनमें से 1044 के टेंडर अभी तक अपलोड हुए