फरीदाबाद और गुरुग्राम जिले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर उच्च जोखिम और हाई डेंसिटी वाले गलियारों में इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट उपकरण लगाए जाएंगे : मुख्य सचिव

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गुरुग्राम, 15 फरवरी :  हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने फरीदाबाद जिले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों और महत्वपूर्ण जंक्शनों पर उच्च जोखिम और हाई डेंसटी वाले कॉरिडोर पर इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों को लगाने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार, राज्य सरकार ने इन उपकरणों को गुरुग्राम में भी लगाने का फैसला किया है।

मुख्य सचिव ने आज चंडीगढ़ में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए के प्रावधान को लागू करने के लिए तौर-तरीके स्थापित करने के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकता का आंकलन करने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों को नियुक्त करें। ये विशेषज्ञ राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं की निगरानी और जांच करने के लिए स्पीड कैमरा, क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान और मशीन में वजन के माध्यम से आंकलन करेंगे । उन्होंने बताया कि ये विशेषज्ञ राज्य के विभिन्न विभागों को उन जंक्शनों की पहचान करने में सहायता भी करेंगे जहां वाहनों की तेज गति और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की संभावना है।

मुख्य सचिव ने सभी हितधारक विभागों को प्रक्रिया पूरी करने के लिए 7 मार्च, 2023 तक समय दिया है और अपने-अपने विभागों की रिपोर्ट आगामी 14 मार्च, 2023 तक परिवहन आयुक्त को भेजने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों को इस तरह से लगाया जाना चाहिए ताकि यातायात प्रवाह में कोई बाधा, दृष्टि की समस्या या बाधा उत्पन्न न हो।

बैठक में श्री कौशल को अवगत कराया गया कि नियम 167 के तहत सभी चालान इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से ऑटो-जेनरेशन चालान का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किए जाने चाहिए। इसके अलावा, बारिश, ओलावृष्टि, कोहरे के मौसम जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति के साथ-साथ मार्ग में आगे किसी बाधा को इंगित करने के लिए सड़क खंडों पर गति सीमा को सूचित करने के लिए निश्चित और गतिशील गति सीमा संकेतों का भी उपयोग किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट उपकरणों द्वारा निगरानी किए जाने वाले हिस्सों से पहले उपयुक्त चेतावनी संकेत स्पष्ट रूप से लगाए जाने चाहिए, जिससे जनता को सूचित किया जा सके कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपयोग में हैं और वे सीसीटीवी निगरानी के अधीन हैं।

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री पी. के. अग्रवाल, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुधीर राजपाल, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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