राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय 16 से 26 फरवरी तक भारत रंग महोत्सव के 22वें संस्करण का आयोजन करेगा

Font Size

नई दिल्ली। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) 16 से 26 फरवरी, 2023 तक भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) के 22वें संस्करण का आयोजन करेगा। यह प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव दिल्ली, जयपुर, राजमुंदरी, रांची, गुवाहाटी, जम्मू, श्रीनगर, भोपाल, नासिक और केवड़िया में आयोजित किया जाएगा। इसका समापन समारोह 26 फरवरी को केवड़िया में आयोजित होगा।

इस 22वें भारत रंग महोत्सव में नाटक व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में रंगमंच के वैश्विक व रणनीतिक महत्व के कई विषयगत पैनल चर्चाएं आयोजित होंगी। रंगमंच मानवीय भावनाओं को एक तरह से संप्रेषित करने के लिए कला परंपराओं का सबसे पुराना और सबसे प्रभावी रूप है, जिसका दायरा अतीत से लेकर वर्तमान युग तक है।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय 16 से 26 फरवरी तक भारत रंग महोत्सव के 22वें संस्करण का आयोजन करेगा 2

एनएसडी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) रमेश चंद्र गौड़ ने दिल्ली स्थित एनएसडी परिसर में आज मीडिया को बीआरएम के मौजूदा संस्करण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमने अंतरराष्ट्रीय प्रविष्टियों सहित 960 आवेदनों में से चयनित शीर्ष-स्तर के नाटकों की एक सूची की स्क्रूटिनी की है। इस महोत्सव के तहत दिल्ली 10 पारंपरिक प्रदर्शनों की मेजबानी कर रही है। यह संस्थान 22वें बीआरएम के मंच के जरिए नई लोक प्रतिभाओं के विकास को आगे बढ़ाना चाहती है। इसे देखते हुए हमने अधिक से अधिक युवा रंगमंच प्रशंसकों को जोड़ने का प्रयास किया है।

इसके अलावा डॉ. रमेश ने यह भी बताया कि विभिन्न राज्यों के संस्थानों, जहां नाटकों का आयोजन किया जाना है, के साथ सहयोग किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि इस महोत्सवव में स्थानीय कलाकार शामिल हों और इनके नाटक स्थानीय लोगों को आकर्षित करें।

निदेशक ने आगे बताया कि नाटकों के साथ-साथ अन्य संबद्ध गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। इनमें पुस्तकों का विमोचन, निर्देशकों की बैठक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और रंगमंच समुदाय के दिग्गजों की मास्टर क्लास शामिल हैं। हर साल 100 से अधिक रंगमंच कंपनियों के इस महोत्सव में हिस्सा लेने से भारत रंग महोत्सव ने अपने लिए एक अलग जगह बनाई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह अपनी तरह का अनोखा रंगमंच मेला है, जिसमें लाइव थिएटर के साथ-साथ प्रदर्शनियां, निर्देशक-दर्शकों की बातचीत, संगोष्ठी और रंगमंच से संबंधित विभिन्न विषयों पर सेमिनार शामिल हैं।

You cannot copy content of this page