सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन : पीएम मोदी ने बताया भव्य उपहार

Font Size

नई दिल्ली/ सिंकदराबाद । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सिकंदराबाद को विशाखापट्टनम से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की जाने वाली आठवीं वंदे भारत एक्सप्रेस होगी और लगभग 700 किमी की दूरी तय करते हुए दो तेलुगु भाषी राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली पहली ट्रेन होगी। आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम, राजमुंदरी और विजयवाड़ा स्टेशनों पर तथा तेलंगाना में खम्मम, वारंगल और सिकंदराबाद स्टेशनों पर इसका ठहराव होगा।

सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन : पीएम मोदी ने बताया भव्य उपहार 2

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उत्सवों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस शुभ वातावरण में, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में एक भव्य उपहार मिल रहा है, जो एक तरह से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की साझा संस्कृति और विरासत को जोड़ने वाली है। उन्होंने इस अवसर पर दोनों राज्यों के लोगों को बधाई दी। उन्होंने सेना दिवस पर सशस्त्र बलों को भी बधाई दी। श्री मोदी ने कहा कि देश की रक्षा में, देश की सीमाओं की रक्षा में भारतीय सेना का योगदान, भारतीय सेना का शौर्य अतुलनीय है। 

प्रधानमंत्री ने देश के सभी हिस्सों को जोड़ने वाले उत्सवों के संदर्भ को जारी रखते हुए कहा कि भारतीय रेल देश के कोने-कोने से जुड़ती है और देश के विभिन्न हिस्सों को एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से समझने, जानने तथा जोड़ने का अवसर प्रदान करती है। 

प्रधानमंत्री ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बहुत लाभ होगा तथा इस ट्रेन से सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम के बीच लगने वाला समय भी अब कम हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “वंदे भारत ट्रेन की एक और विशेषता है। यह ट्रेन, नए भारत के संकल्पों और सामर्थ्य का प्रतीक है।” श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “यह उस भारत का प्रतीक है, जो तेज बदलाव के रास्ते पर है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसा भारत, जो अपने  सपनों, अपनी आकांक्षाओं को लेकर अधीर है। ऐसा भारत, जो तेजी से चलकर अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहता है। वंदे भारत एक्सप्रेस, उस भारत का प्रतीक है, जो अपने हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं देना चाहता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “वंदे भारत एक्सप्रेस, उस भारत का प्रतीक है, जो गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर, आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है।” 

प्रधानमंत्री ने वंदे भारत ट्रेनों के संबंध में हो रहे काम की गति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष 15 दिनों के भीतर दूसरी वंदे भारत शुरू हो जाएगी और यह जमीनी स्तर पर परिवर्तन की गति को दर्शाती है। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों की स्वदेशी विशेषता और लोगों के मन में उनके प्रभाव एवं गर्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 7 वंदे भारत ट्रेनों ने कुल मिलाकर पृथ्वी के 58 चक्कर लगाने के बराबर 23 लाख किलोमीटर की दूरी तय की है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों में अब तक 40 लाख से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने कनेक्टिविटी और गति के बीच सीधा संबंध और ‘सबका विकास’ के साथ उसके जुड़ाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “कनेक्टिविटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर दो जगहों को ही नहीं जोड़ता, बल्कि यह सपनों को हकीकत से जोड़ता है। यह मैन्युफैक्चरिंग को मार्केट से जोड़ता है, टैलेंट को उचित प्लेटफार्म से जोड़ता है। कनेक्टिविटी अपने साथ विकास की संभावनाओं का विस्तार करती है।” उन्होंने कहा, “जहां गति है, वहां प्रगति है। जब भी प्रगति होती है, समृद्धि सुनिश्चित होती है।”  

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब आधुनिक कनेक्टिविटी का लाभ कुछ चुनिंदा लोगों तक ही सीमित था और आबादी का बड़ा हिस्सा महंगे परिवहन से बहुत समय बर्बाद कर रहा था। वंदे भारत ट्रेन उस सोच को पीछे छोड़कर सभी को गति और प्रगति से जोड़ने की दृष्टि के परिवर्तन की मिसाल है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बहानेबाजी और रेलवे की खराब छवि और निराशाजनक स्थिति के लिए एक घातक दृष्टिकोण तब बदल गया जब अच्छे और ईमानदार इरादों के साथ इन समस्याओं का समाधान किया गया और पिछले आठ वर्षों में, यही वह मंत्र है जिसने भारतीय रेल को बदल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारतीय रेल में यात्रा करना एक सुखद अनुभव बन रहा है और देश के कई रेलवे स्टेशन ऐसे हैं, जहां अब आधुनिक होते भारत  की तस्वीर दिखती है। उन्होंने कहा, “पिछले 7-8 वर्षों में किए गए कार्य आने वाले 7-8 वर्षों में भारतीय रेलवे को बदल देंगे।” श्री मोदी ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विस्टाडोम कोच और हेरिटेज ट्रेन, कृषि उपज को दूर-दराज के बाजारों तक ले जाने के लिए किसान रेल, 2 दर्जन से अधिक शहरों में मेट्रो नेटवर्क और भविष्य की रैपिड रेल ट्रांजिट प्रणाली तेजी से उभर रही है जैसे उपायों पर विस्तार से बताया।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page