-बैंक और एटीएम की सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की समीक्षा की
गुरुग्राम ,13 जनवरी। डीसीपी (क्राइम ) विजय प्रताप की अध्यक्षता में आज बैंक प्रतिनिधियों की जिला स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक पुलिस आयुक्त कार्यालय गुरुग्राम के कॉन्फ्रेंस हॉल मेंआयोजित की गई। बैठक में पुलिस उपायुक्त ने कहा कि बैंकों को छुट्टियों के बाद के दिन , त्योहारी सीजन और फसल सीजन के समय अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए. उनका कहना था कि इसी समय लूटपाट का अंदेशा सबसे अधिक होता है।
डीसीपी (क्राइम ) विजय प्रताप ने यह कहते हुए ध्यान दिलाया कि एटीएम में सप्ताह के छुट्टियों के दौरान लूटपाट का ज्यादा खतरा रहता है. इसीलिए एटीएम की सुरक्षा के लिए आर्म्स गार्ड या आरबीआई के दिशा निर्देश अनुसार ई सर्विलेंस को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि त्योंहारी सीजन या शादी के सीजन के दौरान भी लोगों द्वारा बैंकों से नगदी निकाली जाती है। उस दौरान भी इस तरह की घटनाओं का ज्यादा खतरा बना रहता है। उनका कहना था कि हालांकि एटीएम बदलकर फ्रॉड की घटनाओं में काफी कमी आई है लेकिन अब जालसाज ओटीपी के माध्यम से फ्रॉड के नए-नए तरीके उपयोग करने लगे हैं।
आज की बैठक में बैंक प्रतिनिधियों तथा बैंकों की सुरक्षा देखने वाले, एटीएम की सुरक्षा देखने वाले तथा नगदी ट्रांसपोर्टेशन में लगी सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों से सम्बंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान डीसीपी क्राइम ने सुरक्षा में लगी एजेंसियों के प्रतिनिधियों से उनके द्वारा काम पर लगे सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया को लेकर भी बात की . उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सुरक्षा में लगे गार्डों की पुलिस वेरिफिकेशन व हथियार संबंधित सारा सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से चेक किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट सुरक्षा गार्ड को नौकरी पर रखने से पहले अच्छी तरह से जांच परख कर लेना आवश्यक है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि डकैती या लूटपाट में कई मामलों में बैंक या एटीएम तथा उनकी सुरक्षा में लगे आंतरिक व्यक्ति की भी संलिप्तता पाई जाती है। उन्होंने कहा कि बैंकों में संबंधित थाना, पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर बड़े बड़े अक्षरों में लिखे होने चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना के दौरान पुलिस से जल्द से जल्द संपर्क स्थापित किया जा सके।
इस दौरान उन्होंने विभिन्न बैंक शाखाओं या एटीएम में ले जाने वाली एजेंसियों को जारी प्रक्रिया के तहत ही ट्रांसपोर्टेशन करने तथा सुरक्षा उपायों को अपनाने के दिशा निर्देश दिए। बैंक प्रतिनिधियों को यह भी सुझाव दिया कि सबसे ज्यादा कैश विड्रोल होने वाले समय या दिन को सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से विश्लेषण करते रहना चाहिए। इससे किसी अप्रिय घटना को होने से रोकना संभव हो सकेगा. इससे संदिग्ध की भी पहचान करना संभव होगा।
उन्होंने कहा कि कैश ट्रांसपोर्टेशन का तरीका व समय बदलते रहना चाहिए जिससे कि ट्रांसपोर्टेशन के रूट की रेकी ना की जा सके। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि गैस एजेंसी,पेट्रोल पंप के पास छुट्टी के दिनों में नगदी ज्यादा हो जाती है, तो उस नगदी को बैंक में जमा करने के तरीके पेट्रोल पंप मालिकों तथा गैस एजेंसी मालिकों इत्यादि से साझा किए जाएं व कैश डिपॉजिट मशीन के अधिक प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
बैठक में एसीपी क्राइम प्रीतपाल,विभिन्न बैंकों , सिक्योरिटी एजेंसियों ओर एटीएम कैश ले जाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।