पेट्रोल और डीजल के दाम कब कम होंगे : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने लोकसभा में बताया

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सुभाष चौधरी/The Public World 

नई दिल्ली : देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिलहाल कोई कमी आने के आसार नहीं है . इस बात के संकेत आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी की ओर से कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब से मिला.  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत घटने से देश में रिटेल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट नहीं आती है. उन्होंने कहा कि इसमें कई पहलू काम करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में अन्य देशों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल के बावजूद पेट्रोल की कीमत में काफी कम वृद्धि की गई है। उन्होंने साफ कर दिया कि राज्य सरकारों को अपने वैट में कमी कर उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए।

पेट्रोल और डीजल के दाम कब कम होंगे : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने लोकसभा में बताया 2उल्लेखनीय है कि केरल के वाडकरा से कांग्रेस सांसद के मुरलीधरन ने आज प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से यह कहते हुए सवाल किया कि मई 2014 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत 106 डॉलर प्रति बैरल थी जबकि भारत में पेट्रोल की कीमत 71. 41 रुपए प्रति लीटर थी। लेकिन आज देश में पेट्रोल की कीमत ₹100 प्रति लीटर से अधिक है जबकि क्रूड ऑयल की कीमत 77.99 यूएस डॉलर प्रति बैरल है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी आने के बावजूद देश में पेट्रोल की कीमतों में कमी क्यों नहीं की जा रही है ?

कांग्रेस सांसद के सवाल के जवाब में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्ष 2010 और 2014 में पेट्रो पदार्थों की कीमतों को डी रेगुलेटेड किया गया। उन्होंने कहा कि केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत में कमी आने से ही रिटेल की कीमत कम नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, इंश्योरेंस चार्जेज और डॉलर के एक्सचेंज रेट जैसे फैक्टर भी काम करते हैं. उन्होंने साफ किया कि इन पहलुओं को ध्यान में रखकर ही रिटेल प्राइस तय की जाती है। इसमें डीलर के मार्जिन और केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले वैट भी शामिल होते हैं।

उन्होंने दुनिया के अन्य देशों में पेट्रोल पदार्थों की रिटेल कीमतों का ब्यौरा रखते हुए बताया कि भारत में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जबरदस्त उछाल आने के बावजूद न्यूनतम वृद्धि की गई है उनका कहना था कि जब क्रूड ऑयल में 14 से 15% की वृद्धि हुई जबकि रिटेल प्राइस में देश में केवल 2% की वृद्धि की गई है।पेट्रोल और डीजल के दाम कब कम होंगे : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने लोकसभा में बताया 3

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 और मई 2022 के दौरान एक्साइज ड्यूटी में छूट देकर रिटेल प्राइस को नियंत्रित रखने की कोशिश की ।देश के कई राज्यों ने पेट्रोल पर लगाए जाने वाले वैट में छूट देकर अपने राज्य की जनता को राहत दी है.  उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वैट में छूट देने वालों में सभी भाजपा शासित राज्य हैं जबकि कुछ अन्य पार्टियों से शासित राज्य भी हैं.

उन्होंने कहा कि वेस्ट बंगाल, केरल, तमिलनाडु ,तेलंगाना ,आंध्र प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में वहां की प्रदेश सरकारों ने पेट्रोल पदार्थ पर लगाए जाने वाले वैट में कोई कमी नहीं की. इससे ही वहां कीमतें बढ़ी हुई हैं . उन्होंने बल देते हुए कहा कि उन राज्यों की सरकारों को वैट में छूट देकर पेट्रोल पदार्थों की कीमतों को कम करना चाहिए।

 

केंद्रीय मंत्री ने खुलासा किया कि पेट्रोल पर भाजपा शासित राज्यों में ₹17 प्रति लीटर वेट लगाए गए हैं जबकि अन्य पार्टियों द्वारा शासित राज्यों में ₹32 प्रति लीटर वैट वसूले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैट की दरों में ही राज्यों के बीच में बड़ा अंतर है . इसलिए संबंधित राज्यों को वैट में छूट देकर उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए।

केन्द्रीय मंत्री ने कांग्रेस सांसद के सवाल के जवाब में कहा कि दुनिया में उत्पन्न परिस्थितियों के कारण हालात और अनिश्चित बने हुए हैं । उन्होंने कहा कि 2021 और 2022 के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में 40 से 50% की वृद्धि होने पर भी देश में पेट्रोल की कीमतों में केवल 2% की वृद्धि की गई । क्योंकि हमने एक्साइज ड्यूटी में कमी की और राज्यों से भी वैट में छूट देने का आग्रह किया गया। भारतीय तेल कंपनियां जो पहले लाभ में थी को वर्ष  2021-22 के दौरान लगभग 28360 करोड़ का लाभ हुआ था । उन्होंने कहा कि इसके बाद के वर्ष में भारतीय तेल कंपनियां एचपीसीएल, बीपीसीएल और आइओसीएल को कुल 27276 करोड़ का घाटा हुआ।

उन्होंने कहा कि मेरा आकलन है कि भारत में पेट्रोल की कीमत आज दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब क्रूड ऑयल की कीमत 102% तक बढ़ी तब भी देश में पेट्रोल की कीमत केवल 18% बढ़ाई गई।

उन्होंने कहा कि हमें डॉलर के एक्सचेंज रेट को भी ध्यान में रखना चाहिए. उनका कहना था कि उपभोक्ताओं को न्यूनतम कीमत पर पेट्रोल उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना पड़ता है कि किसी ऐसे निर्णय से व्यवस्था खराब नहीं हो जाए.  उन्होंने पड़ोसी देश श्रीलंका का नाम लिए बिना उदाहरण देते हुए अपनी बात को पुष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि किसी भी विषम परिस्थिति में हमारे देश में पेट्रोल और डीजल की कोई कमी हमने नहीं आने दी और कीमतों को भी एक हद तक नियंत्रण में रखा. उनका कहना था कि वे स्वयं पेट्रो पदार्थों की कीमतों में और कमी करना चाहते हैं लेकिन हमें अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लेना होगा।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने जैसे ही दुनिया के अन्य देशों में रिटेल प्राइस का आंकड़ा रखने की कोशिश की विपक्षी सांसदों ने टोका टोकी करनी शुरू कर दी।लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी साहिर कांग्रेस पार्टी और डीएमके के सभी सांसद अपनी सीट पर खड़े होकर पेट्रो पदार्थों की कीमत कम करने कि मांग करने लगे.   इस पर केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस शासित राज्यों में वैट कम करवाने की सलाह दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस पार्टी के सांसद अपने राज्य सरकारों को वैट कम करने को कहेंगे

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