अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग सुप्रीम कोर्ट में खारिज

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सम्बंधित याचिका सुनने से इनकार 

नई दिल्ली : देश की सर्वोच्च अदालत ने एक अर्जी पर सुनवाई से साफ़ इनकार कर दिया है जिसमें मांग की गई थी कि सभी अदालतों की सुनवाई की कार्यवाहियों की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाए। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की अदालत ने सुनील शांतिस्वरूप गुप्ता की याचिका पर यह आदेश दिया. उल्लेखनीय है कि गुप्ता ने बंबई उच्च न्यायालय के सात जनवरी 2016 के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । उच्च न्यायालय ने भी गुप्ता की इस मांग को खारिज कर दिया था।

 

गौरतलब है कि अपील कर्ता ने अपनी याचिका में यह दलील दी थी कि अदालती कार्यवाहियों की वीडियो रिकॉर्डिंग मुकदमों की सुनवाई के दौरान की न्यायिक प्रक्रियाओं और घटनाओं को जानने का किसी नागरिक का मौलिक अधिकार है । वकील मैथ्यूज जे नेदुमपरा के जरिए दाखिल की गई याचिका में गुप्ता ने ऐसे निर्देश देने की अदालत से मांग की थी . यह भी कहा था कि अदालत से अनुरोध किए जाने पर और लागत के भुगतान पर लोगों को रिकॉर्ड की सभी प्रतियां मुहैया कराई जाए और मीडिया द्वारा एवं इंटरनेट पर कार्यवाहियों का प्रसारण किया जाए ।

 

गुप्ता की अर्जी नामंजूर करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि न्यायोचित एवं निष्पक्ष सुनवाई या सुनवाई के अधिकार से कभी समझौता नहीं हो, यह किसी अदालत की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।

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