-आरोपी भोलू के मामले को बालिग के रुप में सुना जाए या फिर नाबालिक के रुप मेंअब अदालत 8 को देगी फैसला
गुडग़ांव, 2 दिसम्बर : जिले के एक निजी स्कूल की कक्षा दूसरी के छात्र प्रिंस की गला रेतकर निर्मम हत्या कर देने के मामले की शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल की अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें सभी पक्षों के अधिवक्ता अदालत में उपस्थित रहे। इस मामले में आरोपी पक्ष ने अदालत में जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड के उस फैसले को चुनौती दी हुई है, जिसमें जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी के मामले की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में करने का फैसला दिया था।
शुक्रवार को पीडि़त पक्ष यानि कि प्रिंस के अधिवक्ता ने आरोपी की अपील का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के मामले की सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले के अनुसार बालिग आरोपी के रुप में की जानी चाहिए। गत दिवस आरोपी भोलू के अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई थी कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले को खारिज कर भोलू को नाबालिक मानकर इस मामले की सुनवाई की जाए।
सीबीआई के अधिवक्ता ने भी आरोपी भोलू की अपील को खारिज करने की मांग करते हुए कहा था कि आरोपी के मामले की सुनवाई बालिग के रुप में ही की जाए। अदालत ने तीनों पक्षों की दलीलों को सुन लिया है। अब अदालत इस मामले में आगामी 8 दिसम्बर को फैसला देगी कि आरोपी भोलू के मामले की सुनवाई नाबालिक आरोपी के रुप में की जाए या फिर बालिग के रुप में। अदालत के इस फैसले पर सभी पक्षों की निगाहें टिकी हुई हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में कक्षा दूसरी के छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल बस परिचालक अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब परिजनों ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने इसी स्कूल के कक्ष 11वीं के छात्र भोलू को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था।