चंडीगढ़, 18 नवंबर । रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा), गुरुग्राम ने गुरुवार को आईएलडी बिल्डर प्रबंधक सलमान अकबर को 60 दिनों की सजा सुनाते हुए भोंडसी जेल भेज दिया। राजेंद्र कुमार, सहायक अधिकारी (एओ), रेरा, गुरुग्राम ने गरिमा गुप्ता बनाम आईएलडी मिलेनियम प्राइवेट लिमिटेड के मामले में कारावास की सजा सुनाई है।
शिकायतकर्ता गरिमा गुप्ता ने जनवरी 2013 में एक समझौते को निष्पादित करते हुए आईएलडी स्पायर ग्रीन्स, सेक्टर 37 में एक इकाई बुक की थी और प्रमोटर को जुलाई 2016 में कब्जा सौंपना था, लेकिन वह आवंटी गरिमा गुप्ता को सौंपने में विफल रहे। आवंटी ने नवंबर 2018 में रेरा कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें प्रमोटर पर यूनिट का कब्जा सौंपने में देरी करने और सुपर एरिया के लिए ओवरचार्जिंग करने का आरोप लगाया। साथ ही देरी से कब्जा शुल्क लेने की मांग की।
आईएलडी मिलेनियम प्राइवेट लिमिटेड को गरिमा गुप्ता बनाम आईएलडी मिलेनियम प्राइवेट लिमिटेड मामले में 2018 की शिकायतकर्ता संख्या 1941 में प्राधिकरण/एओ के एक डिक्री द्वारा अधिनिर्णित किया गया था, जिसमें 8 फरवरी, 2019 को डिक्री-धारक को 2730376 रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया गया था। निर्णय देनदार के निदेशकों को एओ कार्यालय द्वारा अपनी संपत्ति की सूची दाखिल करने के लिए बुलाया गया था और डिक्री को पूरा करने के लिए अपनी संपत्ति का विवरण बताते हुए एक हलफनामा दायर करने को कहा गया था। लेकिन अवसर देने के बावजूद वे जवाब देने में विफल रहे।
इसलिए प्राधिकरण ने पीड़ित आवंटी के पक्ष में आदेश पारित किया जिसमें प्रतिवादी प्रमोटर को 12 नवंबर, 2020 को ओसी प्राप्त करने के बाद यूनिट के वास्तविक कब्जे को सौंपने तक शिकायतकर्ता द्वारा भुगतान की गई राशि पर देरी के हर महीने के लिए ब्याज का भुगतान करने के लिए कहा गया।
बाद में दिसंबर 2021 में शिकायतकर्ता आवंटी ने रेरा अदालत के आदेश के निष्पादन के लिए निर्णायक अधिकारी की अदालत में एक याचिका दायर की कि प्रमोटर ने इसका पालन नहीं किया। इसलिए अवमानना के मामले में रेरा कोर्ट ने आईएलडी बिल्डर को सजा सुनाई।