सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी संरचना को संरक्षित करने को कहा

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नई दिल्ली :  सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी संरचना और उसके आसपास की जगह को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. हिंदू श्रद्धालुओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को यह बताया गया था कि पूरी जगह को सुरक्षित रखने का जो आदेश उसकी तरफ से दिया गया था, उसकी अवधि 12 नवंबर को पूरी हो रही.

इस पर कोर्ट ने कहा कि जो आदेश 17 मई और 20 मई को दिए गए थे, वह अगले आदेश तक जारी रहेंगे. इन आदेशों में कोर्ट ने मस्जिद के वजूखाने को सील रखने के लिए कहा था ताकि परिसर के सर्वे के दौरान वहां मिली शिवलिंग जैसी संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को एक दूसरे की याचिकाओं पर तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है. बता दें कि कोर्ट ने 17 मई को वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

मई में इस मामले को सुन चुके चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस पी एस नरसिम्हा आज विशेष रूप से इसे सुनने के लिए बैठे. हिंदू पक्ष की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा, “मस्जिद कमिटी ने मई के महीने में जो याचिका दाखिल की थी, वह अब अर्थहीन हो चुकी है. मस्जिद कमिटी ने परिसर की जांच के लिए कोर्ट की तरफ से कमिश्नर नियुक्त किए जाने को चुनौती दी थी लेकिन कमिटी के लोग खुद ही खुद कमिश्नर के सामने पेश होकर अपनी बात रख चुके हैं.”

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