नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी @narendramodi ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारत की #G20 वेबसाइट का अनावरण किया साथ ही भारत की #G20 की अध्यक्षता के लोगो और थीम लांच किये गए . इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि #G20 ऐसे देशों का समूह है जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85% GDP का प्रतिनिधित्व करता है. ये विश्व के 75% व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या समाहित है। उन्होंने कहा कि भारत, अब इस G-20 समूह का नेतृत्व करने जा रहा है . उनका कहना था कि G20 का ये लोगो केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है। ये एक संदेश है। ये एक भावना है, जो हमारी रगों में है।
प्रधान मंत्री ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के मंत्र के जरिए विश्व बंधुत्व की जिस भावना को हम जीते आए हैं, वो विचार इस लोगो और थीम में प्रतिबिम्बित हो रहा है. भारत के पास जितनी विशिष्टता है, उतनी ही विविधता भी है। डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी, ये इंडिजिनस अप्रोच, ये इन्क्लूसिव सोच, लोकल लाइफस्टाइल, ग्लोबल थॉट, आज वर्ल्ड इन्हीं आइडियाज में अपनी सभी चुनौतियों के समाधान देख रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत ने वन अर्थ, वन हेल्थ के मंत्र के साथ ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करने का अभियान शुरू किया है। और अब #G20 में भी हमारा मंत्र है – ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’. उन्होंने बताया कि 1 दिसंबर से भारत G20 की अध्यक्षता करेगा। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है। इसलिए आज इस समिट की वेबसाइट, थीम और लोगों को लांच किया गया है।
इस अवसर पर उन्होंने सभी देशवासियों को इस बात के लिए बधाई दी कि G20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य, विश्व की 85% GDP का प्रतिनिधित्व करता है। G20 उन 20 देशों का समूह है, जो विश्व के 75% व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। और भारत अब इस G20 समूह का नेतृत्व करने जा रहा है, इसकी अध्यक्षता करने जा रहा है।
उन्होंने भारतीय चिकित्सा की बात करते हुए कहा कि आज विश्व इलाज की जगह आरोग्य की तलाश कर रहा है। हमारा आयुर्वेद, हमारा योग, जिसे लेकर दुनिया में एक नया उत्साह और विश्वास है। हम उसके विस्तार के लिए एक वैश्विक व्यवस्था बना सकते हैं। भारत एक ओर विकसित देशों से घनिष्ठ रिश्ते रखता है, और साथ ही विकासशील देशों के दृष्टिकोण को भी अच्छी तरह से समझता है, उसकी अभिव्यक्ति करता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि विश्व में कोई भी first world या third world न हो, बल्कि केवल one world हो।