नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से जम्मू-कश्मीर रोजगार मेले को संबोधित करते हुए आज जम्मू-कश्मीर के होनहार युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बताया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में 20 विभिन्न स्थानों पर सरकार में काम करने के लिए नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी तीन हजार युवाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन युवाओं को पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, पशुपालन, जल शक्ति और शिक्षा-संस्कृति जैसे विभिन्न विभागों में सेवा करने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में अन्य विभागों में 700 से अधिक नियुक्ति पत्र सौंपने की तैयारी जोरों पर है।
प्रधानमंत्री ने इस दशक को 21वीं सदी में जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे अहम दशक बताते हुए कहा, “अब समय पुरानी चुनौतियों को पीछे छोड़कर नई संभावनाओं का पूरा लाभ उठाने का है। मुझे खुशी है जम्मू-कश्मीर के नौजवान अपने प्रदेश के विकास के लिए, जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास के लिए बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।” श्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि यह हमारे युवा हैं जो जम्मू-कश्मीर में विकास की एक नई गाथा लिखेंगे, जिससे राज्य में रोजगार मेला का आयोजन बहुत खास होगा।
एक नए, पारदर्शी और संवेदनशील शासन द्वारा जम्मू-कश्मीर के निरंतर विकास के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “विकास की तेज गति के लिए, हमें एक नए दृष्टिकोण के साथ, नई सोच के साथ काम करना होगा।” उन्होंने बताया कि 2019 से अब तक लगभग तीस हजार सरकारी पदों पर भर्तियां की गई हैं, जिनमें से बीस हजार नौकरियां पिछले डेढ़ साल में दी गई हैं। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और राज्य प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। श्री मोदी ने कहा, ‘सक्षमता से रोजगार’ का मंत्र राज्य के युवाओं में नया विश्वास जगा रहा है।
प्रधानमंत्री ने पिछले 8 वर्षों में रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला और कहा कि 22 अक्टूबर से देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया जा रहा ‘रोजगार मेला’ उसी का एक हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस अभियान के तहत पहले चरण में अगले कुछ महीनों में केंद्र सरकार द्वारा 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य में कारोबारी माहौल का दायरा बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नई औद्योगिक नीति और व्यापार में सुधार से जुड़ी कार्ययोजना ने कारोबारी सुगमता का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे यहां निवेश को जबरदस्त प्रोत्साहन मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस गति से विकास संबंधी परियोजनाओं पर काम हो रहा है, उससे यहां की पूरी अर्थव्यवस्था बदल जाएगी। उन्होंने उन परियोजनाओं का उदाहरण दिया जो कश्मीर से ट्रेनों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों तक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि श्रीनगर से शारजाह के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पहले ही शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों को भी बढ़ी हुई कनेक्टिविटी से काफी फायदा हुआ है, क्योंकि अब जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादक किसानों के लिए अपनी उपज राज्य के बाहर भेजना आसान हो गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ड्रोन के माध्यम से परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू- कश्मीर में जिस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, कनेक्टिविटी बढ़ रही है, उसने टूरिज्म सेक्टर को भी बहुत मजबूत किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग तक बिना किसी भेदभाव के पहुंचे।” उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्गों और नागरिकों तक विकास का समान लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2 नए एम्स, 7 नए मेडिकल कॉलेज, 2 राज्य कैंसर संस्थान और 15 नर्सिंग कॉलेज खोलने के साथ जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं।
यह बताते हुए कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमेशा ट्रांसपेरेंसी पर बल दिया है, ट्रांसपेरेंसी को सराहा है, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो नौजवान सरकारी सेवाओं में आ रहे हैं, उन्हें ट्रांसपेरेंसी को अपनी प्राथमिकता बनाना है। प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा, “मैं पहले जब भी जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलता था, उनका एक दर्द हमेशा महसूस करता था। यह दर्द था – व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार। जम्मू-कश्मीर के लोग भ्रष्टाचार से नफरत करते हैं।” प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार रूपी बीमारी को समाप्त करने के लिए भी जी जान से जुटकर किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा और उनकी टीम की भी प्रशंसा की।
संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल रहा है, वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा, “जम्मू- कश्मीर हर हिंदुस्तानी का गौरव है। हमें मिलकर जम्मू-कश्मीर को नई ऊंचाई पर ले जाना है। हमारे पास 2047 के विकसित भारत का भी एक बड़ा लक्ष्य है और इसे पूरा करने के लिए हमें दृढ़ संकल्प के साथ राष्ट्र निर्माण के काम में जुटना होगा।”