चंडीगढ़, 19 अक्तूबर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 में आगे संशोधन के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) -2022 नाम से एक अध्यादेश लाने को स्वीकृति प्रदान की गई।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2004 हरियाणा राज्य द्वारा 14 जुलाई, 2014 की अधिसूचना के माध्यम से राज्य में सिख गुरुद्वारों और गुरुद्वारा संपत्तियों के बेहतर स्वायत्त प्रबंधन और प्रभावी पर्यवेक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था।
उक्त अधिनियम की धारा 16 की उपधारा (8) के तहत प्रावधान है कि अधिनियम के लागू होने के बाद चुनाव होने तक हरियाणा सरकार द्वारा 41 सदस्यों वाली एक तदर्थ समिति को प्रबंधन, पर्यवेक्षण और निर्णय लेने के लिए नामित किया जाएगा। नई समिति के गठन तक गुरुद्वारों की सभी संपत्तियों पर, जो 18 महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए, जिसमें वार्डों के परिसीमन पर खर्च की गई अवधि, पात्र मतदाताओं का पंजीकरण शामिल है।
उक्त अधिनियम में राज्य सरकार द्वारा संरक्षक के नामांकन का प्रावधान किया जाना अपेक्षित है। इसके अलावा, अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जहां चुनाव नहीं होते हैं और 18 महीने की अवधि के भीतर नई समिति का गठन नहीं किया जाता है जैसा कि अधिनियम की धारा 16 की उप-धारा (8) के तहत प्रदान किया गया है।
अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए जाने की आवश्यकता के लिए अध्यादेश लाना जरूरी था। हरियाणा में वर्तमान में विधानसभा सत्र में नहीं है और ऐसी परिस्थितियां जो तत्काल कार्रवाई करने के लिए आवश्यक बनाती हैं। इसलिए उक्त अधिनियम की धारा 16 में संशोधन करने के लिए यह अध्यादेश लाया गया है। इसके अलावा, प्रस्तावित संशोधन सरकार को समिति के सदस्य या एडहॉक समिति को संरक्षक के रूप में नामित करने का अधिकार देता है।
फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022 बनाने को स्वीकृति
इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022 बनाने को स्वीकृति प्रदान की।
उक्त नियम अधिसूचित होने उपरांत फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण को वित्तीय खर्चों और प्राधिकरण की बैठक को पूरा करने में सक्षम बनाएगी।
नियम प्राधिकरण के सामान्य और विशेष प्रावधानों को परिभाषित करते हैं, जिसमें समय, स्थान, बैठकों के आयोजन, बैठकों की सूचना, इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से उपस्थिति, कोरम की स्थिति, बैठक में किए जाने वाले कार्य, प्रश्नों को तय करने की विधि, गैर-सदस्यों की भागीदारी व अवसंरचना विकास योजना आदि की तैयारी शामिल है।