गुरुग्राम 16 अक्टूबर : आम आदमी पार्टी के नेता कई महीनों से गुडगांव की मूलभूत सुविधाओं की सच्चाई उजागर कर रहे हैं. आप पार्टी के नेताओं का कहना है कि गुडगाँव में कूड़े के ढेर , टूटी सड़कें, ब्लॉक सीवर और जलभराव जैसी गंभीर समस्याएं आम नागरिक की जिंदगी को नरक बना रही हैं. इन मुद्दों पर हरियाणा सरकार जमीन पर काम तो कुछ कर नहीं रही लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गुडगांव को सिंगापुर और दुबई जैसे ग्लोबल सिटी की श्रेणी में गिन रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला के नया गाँव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया था कि हरियाणा सुशासन में देश में नमबर वन घोषित किया गया है जबकि गुडगाँव दुनिया के दो तीन अंतर्राष्ट्रीय शहरों में शुमार हो गया है. इसको लेकर आम आदमी पार्टी नेताओं ने आज सख्त आपत्ति जताई. आप नेताओं का कहना है कि केवल भाषणों में और अखबारों में गुडगांव मिलेनियम सिटी , गारबेज फ्री सिटी और ग्लोबल सिटी बन चुका है लेकिन जमीन पर कोई विकास नहीं दिख रहा है . केवल बिल्डरों द्वारा शानदार बिल्डिंग बनाने से कोई शहर मिलेनियम सिटी नहीं कहलाता. उन बिल्डिंगों के बाहर पानी की निकासी होनी चाहिए, सीवर साफ होने चाहिए जबकि सड़कें गड्ढे मुक्त करने की जरूरत है. यहाँ महंगी गाड़ियां भी सडकों पर हिचकौले खाती है.
वार्ड 4 के सेक्टर 21 में आम आदमी पार्टी की नुक्कड़ सभा के दौरान संयोजक सुरेंद्र तंवर ने कहा कि भाजपा शासन में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, और स्थानीय पार्षद केवल शब्दों में ही विकास दिखा रहे हैं. यह विकास जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा है और न ही लोगों तक पहुंच रहा है.
शशिपाल यादव ने कहा कि गुडगांव के निवासियों से पूछीये कि आधे घंटे की बारिश में जब पूरा शहर जलमग्न हो जाता है तो कितनी कठिनाई से लोग अपने घर पहुंचते हैं . किसी की गाड़ी खराब तो किसी के मकान या बेसमेंट में पानी भर जाता है. इस शहर में रहने वाली माओं को चिंता रहती है कि कोई छोटा बच्चा सीवर के पानी में ना बह जाए. ऐसे में मुख्यमंत्री का ग्लोबल सिटी वाला बयान हास्यास्पद ही नहीं गुड़गांव के लोगों के साथ एक भद्दा मजाक है.
वार्ड 4 के सतवीर यादव ने याद दिलाया हाल ही में बंध्वारी में सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में गुडगांव शहर को 100 करोड रुपए का जुर्माना भरना पड़ा. गुड़गांव के नागरिकों का दुर्भाग्य देखिए एक तरफ ऐसी सरकार जो अपना काम सही से नहीं करती और दूसरी तरफ उन्हीं के कुकर्मों का जुर्माना भी हमारे ही टैक्सों से भरा जा रहा है.