समग्र हिन्दू सेवा संघ के आह्वान पर जुटे सैकड़ों मन्दिरों के पंडित व शास्त्री : समाज को विघटित होने से बचाने का किया आह्वान

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– शीतला माता मंदिर परिसर में हुई बैठक

-पुजारी संघ ने मन्दिरों के माध्यम से सेवा के आयाम शुरू करने का संकल्प लिया

-हिन्दू त्यौहारों को लेकर तिथियों की भ्रांतियां दूर करने पर भी किया विचार 

– हिन्दू समाज में जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय 

गुरूग्राम: समग्र हिन्दू सेवा संघ के आह्वान पर गठित अर्चक पुरोहित सेवा संघ के बैनर तले आज विभिन्न मन्दिरों से जुङे पण्ङितों, शास्ञियों , कथा वाचक और ज्योतिष के सैकङो वेद मर्मज्ञ लोगों ने संगठित होकर मन्दिरों के माध्यम से सेवा के आयाम शुरू करने का संकल्प लिया. इस बैठक में हिन्दू त्यौहारों को लेकर होने वाली तिथियों की भ्रान्तियों के लिए भी एक सन्देश एक दिन निर्धारित करने की योजना का निर्णय लिया गया।

शीतला माता मन्दिर परिसर में आज समग्र हिन्दू सेवा संघ के द्वारा दीपावली मिलन समारोह के आयोजन में नगर के सैकङो मन्दिरों के पण्ङित और ब्राहमण एकत्र हुए। अर्चक पुरोहित सेवा संघ के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि त्यौहारों की तिथियों  अलग अलग बताऐ जाने को लेकर जिले में भ्केरांतियां पैदा होती हैं. जिला के हजारों मन्दिरों में एक दिन एक सन्देश की योजना को लेकर कार्य जारी है। तिथि मिति को लेकर सही दिन , सही समय शास्त्र सम्मत सभी त्यौहार मनाए जाए ऐसा संघ का प्रयास है।

समग्र हिन्दू सेवा संघ के आह्वान पर जुटे सैकड़ों मन्दिरों के पंडित व शास्त्री : समाज को विघटित होने से बचाने का किया आह्वान 2समग्र हिन्दू सेवा संघ के अध्यक्ष ब्रह्म प्रकाश कौशिक ने बताया कि सेवा के विभिन्न आयाम को लेकर संघ के कार्यकर्ता हर मन्दिर की कमेटी  और उनके पुजारीयों को अपने साथ लेकर तीन माह में अनुमानित इकत्तीस सौ सदस्यों का परिवार बना लेंगे और संगठित होकर एक सन्देश को पच्चीस समूह निर्मातक आगे पच्चीस और वह और आगे पच्चीस को सूचना प्रसारण कर कुछ घण्टो में एक निर्णायक सूचना अथवा जानकारी को हजारों तक भेज सकेंगे.  इस हेतु  भी कार्य प्रगति पर है।

आज की बैठक के मुख्य अतिथि कार्टरपुरी से प्रसिद्ध समाजसेवी धर्मपाल यादव थे तथा अध्यक्षता 36 बिरादरी के मुखिया नत्थू सिंह सरपंच ने की। आयोजन का संचालन महामंत्री राजीव मित्तल ने किया। यह पहला ऐसा प्रयास सफल रहा जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के सैकङो मन्दिरों से भारी संख्या में ब्राह्मण और वेद मर्मज्ञ एक झण्ङे के नीचे एकजुट हुए।

बैठक में मुख्य रूप से चेतन शर्मा, प्रदीप गौतम, अमरजीत कटारिया, बी एल अग्ग्र्वाल, मनोज गर्ग, लक्ष्मीकान्त व्यास, मीनाक्षी सक्सेना, नीलम कटारिया, अनीता गुप्ता, महेन्द्र शर्मा,कृष्ण भारद्वाज, जितेन्द्र कुमार, प्रमोद गुप्ता, निरंजन गोयल, सतीश गौतम, सरयू विश्वकर्मा,मुकेश प्रजापति, मोहित अग्रवाल, विवेक गुप्ता, आचार्य विष्णु शास्ञी, सत्यवान भारद्वाज, राघवेन्द्र मिश्रा, संजय कौशिक, ब्रमानन्द शास्ञी, हेमचन्द नैनवाल, गिरीशचन्द्र भट्ट, सन्दीप शरामा,पण्ङित अभयकान्त झा, दिनेश मिश्रा, ब्रिजानन्द पाण्ङेय, सिट्टु कुमार झा, प्रीतम मिश्रा, लोकेन्द्र भट्ट, गोविन्द प्रसाद शर्मा,राम प्रसाद शर्मा, गोविन्द प्रसाद शर्मा,महेश कौशिक, संजीत शास्ञी, दीपक गुप्ता, लक्ष्मी भारद्वाज, देवानन्द शास्ञी, अतुल, जितेन्द्र सिंह, पप्पू झा नैलेश झा, बजरंगी चतुर्वेदी, संतोष शर्मा, नेपाल सिंह, मनोज गौतम, आचार्य मनीष वशिष्ठ, आचार्य अशोक, पण्ङित अरविन्द केवल शास्ञी, प्रकाश शास्ञी, दीपक तिवारी, पुष्कर भट्ट, रामदेव भट्ट, आचार्य अतुल कृष्ण चतुर्वेदी ,संतोष झा, सोहन झा, विनोद मिश्र, आचार्य अमलेश, आचार्य श्यामानन्द पाठक, महावीर शर्मा, नीरज तिवारी, आनन्द शास्ञी , आचार्य ज्ञानेश, मोहर झा ,सुरेन्द्र मिश्रा समेंत अनेको पण्ङित, शास्ञी, कथा वाचक और ज्योतिषाचार्य शामिल रहे।

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