नई दिल्ली : केंद्रीय दूर संचार व आई टी एवं रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टेलीफ़ोन की दुनिया के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि हम देश में जल्द ही नया दूरसंचार विधेयक लाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इससे धोखाधड़ी वाले कॉल (Fraud Call) और मैसेज पर लगाम लगेगी. उन्होंने पत्राकारों से नए कानून के ड्राफ्ट बिल की विस्तृत जानकारी साझा की .
उन्होंने कहा है कि सरकार अपने दूरसंचार विधेयक के माध्यम से ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफार्मों के लिए ‘लाइट टच’ नियम लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि नए नियम के अनुसार किये जाने वाले सुधार से ग्राहकों को स्पैम कॉल और संदेशों से राहत मिलेगी. केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह नया बिल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के रूप में काम करेगा. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि दूरसंचार विधेयक का मसौदा अभी सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के अधीन है और परामर्श के आधार पर एक अंतिम मसौदा तैयार किया जाएगा.
वैष्णव ने कहा कि “फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल जैसे ऐप दूरसंचार विधेयक के दायरे में आएंगे. मसौदा विधेयक में ओटीटी, संचार सेवाओं के साथ-साथ दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा भी शामिल है.” ड्राफ्ट बिल के अनुसार, व्हाट्सएप, जूम, स्काइप, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स और गूगल डुओ जैसे ऐप जो कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाएं प्रदान करते हैं, उन्हें जल्द ही भारत में काम करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता लेनी पड़ सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद साइबर धोखाधड़ी में कमी आने की उम्मीद है.
व्हाट्सएप और जूम जैसे अन्य प्लेटफॉर्म पर कॉल के बारे में बोलते हुए, मंत्री ने कहा, “यह किसी भी प्रकार की कॉल हो , अगर कोई मुझे कॉल कर रहा है, तो मुझे यह जानने का अधिकार है कि कौन कॉल कर रहा है.उन्होंने कहा कि यह कदम मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को स्पैम कॉल और धोखाधड़ी वाले संदेशों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि “इस विधेयक को अधिनियम बनने में कम से कम 6-10 महीने लगेंगे. परामर्श प्रक्रिया के बाद, हम अंतिम मसौदा तैयार करेंगे. इसे संसद में विचार और पारित होने के लिए रखा जाएगा. इस कानून के बनने के बाद साइबर धोखाधड़ी में कमी की उम्मीद है.