नई दिल्ली : सोशल मिडिया पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाउस अरेस्ट होने की खबर चल रही है। #XiJinping हैशटैग पर हजारों की संख्या में ट्वीट किए जा रहे हैं। भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया है। बड़ी बात ये है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने न तो इसकी पुष्टि की है और न ही इसका खंडन किया है।
पूर्व सांसद स्वामी ने लिखा है कि चीन को लेकर एक नई अफवाह है, जिसकी जांच की जानी चाहिए। क्या शी जिनपिंग नजरबंद हैं? माना जा रहा है कि जब जिनपिंग हाल ही में समरकंद में थे, तब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उसके बाद अफवाह है कि उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया।
चीन के भी कई यूजर्स देश में तख्ता पटल की आशंका जताते हुए पोस्ट कर रहे हैं। ये भी दावा किया जा रहा है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शी जिनपिंग को राष्ट्रपति के पद से हटा दिया है और सत्ता अपने हाथ में ले ली है। ये भी कहा जा रहा है कि अब ली कियाओमिंग चीन के नए राष्ट्रपति बनाए हैं।
चीन पब्लिक सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के पूर्व वाइस मिनिस्टर सन लिजुन को मौत की सजा सुनाई गई है। लिजुन पर अपने पद का गलत फायदा उठाने का आरोप था। अपने 20 साल के कार्यकाल के दौरान सन ने 646 मिलियन यूनान (700 करोड़ रुपए) की रिश्वत ली और भ्रष्टाचार फैलाया। शिन्हुआ न्यूज की 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सन को अनुशासन और कानूनों के गंभीर उल्लंघन करने की वजह से कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया गया था।
सिर्फ सन का मामला ऐसा पहला नहीं है जो सामने आया है। बल्कि इससे पहले 21 सितंबर को भी ऐसा ही एक केस हुआ है, जिसमें तीन पुलिस चीफगोंग डाओन, डेंग ह्यूलियन और लियू जीनयुन को भ्रष्टाचार के आरोप में 2 साल की कैद और उसके बाद मौत की सजा सुनाई है। चीन के पूर्व न्याय मंत्री और चीन के सबसे शक्तिशाली पुलिस प्रमुखों में से एक फू झेंगहुआ को 22 सितंबर को चीन के पीपुल्स कोर्ट ऑफ चांगचुन ने 17.3 मिलियन अमरीकी डालर (138 करोड़ रुपए) के भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के लिए मौत की सजा सुनाई है। इन सभी प्रमुखों पर जिनपिंग विरोधी होने का आरोप है। सभी पर जिनपिंग के खिलाफ चलने वाले “राजनीतिक गुट” का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया है।