‘एनीमिया मुक्त- फरुखनगर’ अभियान के तहत किए गए कार्यों की उपायुक्त ने की समीक्षा

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– स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा ‘डिलोइट’ नामक कंपनी के सहयोग से फरुखनगर खंड के 3 गांव में चलाया जा रहा है अभियान

गुरुग्राम 12 सितंबर। गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने आज फरुखनगर खंड के 3 गांव नामतः ताज नगर, सुल्तानपुर तथा पातली हाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग के ‘एनीमिया मुक्त फरुखनगर ‘अभियान के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में ‘एनीमिया मुक्त महिलाएं – परिवार को बचाएं’ थीम पर आधारित इस अभियान को सफल बनाने का आमजन विशेषकर महिलाओं व बच्चों से आहवाहन किया। इस अभियान को सफल बनाने में ‘डिलोइट’ नामक कंपनी द्वारा विशेष रूप से सहयोग दिया जा रहा है।

बैठक में ‘एनीमिया मुक्त-फरुखनगर’ अभियान के तहत फरुखनगर खंड के 3 गाँव में लगाए जा रहे शिविरों से महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी मिले नतीजों तथा महिलाओं व बच्चों में हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार लाने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि गुरुग्राम को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए जरूरी है कि लोग अपने खान-पान की आदतों में व्यवहारिक सुधार करें। यह अभियान महिलाओं विशेषकर बच्चों के लिए चलाया जा रहा है ताकि वे स्वस्थ रहें। यदि समाज में महिलाएं व बच्चे स्वस्थ होंगे तो उनका शरीर स्वस्थ व निरोग होगा। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं व बच्चों में खून की कमी होगी तो निश्चित तौर पर ही वे अन्य बीमारियों से जल्दी ग्रसित है। शरीर में रक्त की कमी होना अन्य बीमारियों को आमंत्रित करता है और यदि व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाए तो उसका हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। बैठक में बताया गया कि इस अभियान के तहत जिला के 3 गांव ताज नगर, सुल्तानपुर तथा पातली हाजीपुर में शिविर लगाए जा रहे हैं।

इन शिविर के आयोजनों में ‘डिलोइट’ नामक कंपनी द्वारा विशेष रुप से सहयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा महिलाओं को हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार लाने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जा रही है। शिविर में महिलाओं के रक्त की जांच करते हुए उन्हें अलग-अलग श्रेणियों माइल्ड(कम), मॉडरेट(ठीक) तथा सीवीयर(बहुत कम) में बांटकर उनका हिमोग्लोबिन लेवल में सुधार लाने के लिए उनका खानपान संबंधी मार्गदर्शन किया जाता है। इसके अलावा, उन्हें हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार लाने के लिए दवाएं आदि भी दी जाती है।

डिलाइट कंपनी की एसोसिएट डायरेक्टर रावी शर्मा ने बताया कि शिविर के उपरांत भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम द्वारा उन लोगों की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है जिनका हिमोग्लोबिन लेवल जांच के दौरान कम अथवा ठीक पाया गया था। उनसे ना केवल दवाओं आदि के बारे में पूछा जाता है बल्कि खानपान संबंधी भी उन्हें जानकारी दी जाती है । इसके बाद निर्धारित समय अवधि के बाद इन महिलाओं के रक्त की दोबारा जांच की जाती है ताकि पता लगाया जा सके कि उनके हिमोग्लोबिन लेवल में कितना सुधार हुआ है। महिलाओं को हिमोग्लोबिन स्तर में सुधार लाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है जिसमें उन्हें हिमोग्लोबिन लेवल में सुधार लाने संबंधी आवश्यक जानकारी दी जाती है।

बैठक में उपस्थित सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि ‘एनीमिया फ्री फरुखनगर’ अभियान के तहत लोगों को खानपान की आदत में सुधार लाने के लिए इसे बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि वे इसे मेंटेन कर सकें। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत आशा वर्करों द्वारा घर-घर जाकर भी महिलाओं की मॉनिटरिंग की जाति है। इसके अलावा , इस अभियान के तहत क्षेत्रवार टीमें गठित की गई है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिन महिलाओं में हीमोग्लोबिन स्तर में तेजी से सुधार हुआ है ,उन्हें एनीमिया चैंपियन बनाते हुए उनकी सफलता की कहानी लोगों से सांझा की जाएगी।

एसएमओ डॉ नीरू यादव ने बताया कि हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार लाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति पांच पत्ते पुदीना के जरूर ले । इसके अलावा, दालो आदि का सेवन करते हुए उसमें नींबू अवश्य डालें। उन्होंने बताया कि नींबू ,संतरा,गुड़,चना तथा केला शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार लाने में काफी सहायक हैं। उन्होंने आमजन का आवाहन करते हुए कहा कि वे अच्छा व पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाए और कभी भी हरी सब्जी के साथ डेयरी के उत्पादों जैसे दूध ,दही या लस्सी आदि का सेवन ना करें।

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