मुख्यमंत्री ने राखीगढ़ी में संरक्षित साइट की खुदाई कार्य में तेजी लाने को कहा

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मुख्यमंत्री ने राखीगढ़ी में संरक्षित साइट की खुदाई कार्य में तेजी लाने और इस ऐतिहासिक साइट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने राखीगढ़ी को पुरातत्व स्थल के रूप में विकसित करने के संबंध में राखीगढ़ी में अधिकारियों के साथ की अहम बैठक

पुलिस महानिदेशक से बात कर इस साइट की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी – मुख्यमंत्री

विस्थापितों के पुनर्वास के लिए दीर्घकालीन पुनर्वास नीति की जाए तैयार – मनोहर लाल

नीति बनाते ऐसे परिवारों की आवासीय सुविधा के साथ-साथ उनके आजीविका के साधन भी सुनिश्चित करने पर दिया जाए ध्यान – मुख्यमंत्री

राखीगढ़ी में ग्रामीणों को होम स्टे नीति के तहत दिए जाएंगे लाइसेंस – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 10 सितंबर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राखीगढ़ी में संरक्षित साइट की खुदाई के कार्य को तेज गति से पूरा किया जाए। साथ ही इन ऐतिहासिक साइट की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए ताकि कोई व्यक्ति इन साइट को नुकसान न पहुंचा पाए। हरियाणा सरकार की ओर से इस कार्य में हर संभव सहायता दी जाएगी।

        मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज राखीगढ़ी में निर्माणाधीन म्यूजियम भवन में इस क्षेत्र को पुरातत्व स्थल के रूप में विकसित करने के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए दिए। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र बबली भी उपस्थित रहे।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी का ऐतिहासिक महत्व है, इसलिए इन माउंड्स की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक से बात कर यहां पर पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भी अपनी ओर से प्राइवेट गार्ड की तैनाती सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि संरक्षित क्षेत्र में मिट्टी की खुदाई न हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।

विस्थापितों के पुनर्वास के लिए दीर्घकालीन पुनर्वास नीति की जाए तैयार

        मुख्यमंत्री ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राखीगढ़ी के सभी 11 माउंड्स के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास के लिए एक दीर्घकालीन पुनर्वास नीति तैयार की जाए। नीति बनाते समय यह अवश्य ध्यान रखा जाए कि ऐसे परिवारों की आवासीय सुविधा के साथ-साथ उनके आजीविका के साधन भी सुनिश्चित हो। पुनर्वास के लिए स्थानीय विधायकों, पंच-सरपंचों के सहयोग से ग्रामीणों से बातचीत कर उनके लिए व्यवस्था की जाए।

        उन्होंने कहा कि ऐसे विस्थापित परिवारों, जो पशुपालन का काम करते हैं, उनके लिए पंचायत और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से एक योजना बनाएं। इसके तहत, पंचायत की जमीन पशुपालन विभाग को पट्टे पर दी जाए और पशुपालन विभाग इस जमीन पर 10 – 20 पशुओं के लिए संयुक्त शेड या अलग-अलग छोटे शेड का निर्माण करें। तदानुसार इन शेड को ऐसे परिवारों को पशुओं के लिए दिया जा सकता है।

राखीगढ़ी में ग्रामीणों को होम स्टे नीति के तहत दिए जाएंगे लाइसेंस

        मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा होमस्टे नीति तैयार की गई है, जिसके तहत ग्रामीण अपने घरों में एक या दो कमरों का उपयोग टूरिस्ट के ठहराव के लिए कर सकेंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से विधिवत लाइसेंस दिए जाएंगे। इस होमस्टे नीति से राखीगढ़ी के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

        उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में होमस्टे कल्चर को प्रचलित करना है, ताकि एक और जहां स्थानीय लोगों को नया रोजगार मिले, वहीं टूरिस्ट को भी हरियाणा की संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिले। उन्होंने टिक्कर ताल (मोरनी) का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर लगभग 30 परिवारों को होमस्टेट नीति के तहत लाइसेंस दिए गए हैं और वे उसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

राखीगढ़ी तक सड़क तंत्र किया जाए मजबूत

        मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राखीगढ़ी तक हांसी, जींद और बरवाला तीनों तरफ से सड़क तंत्र मजबूत किया जाए। इसके अलावा, गैबीनगर (किनर) से राखीगढ़ी तक लगभग साढे 5 किलोमीटर की सड़क का चौड़ाकरण और सुधारीकरण किया जाए। इसके लिए अतिरिक्त जमीन ई – भूमि पोर्टल के माध्यम से जल्द खरीदी जाए।

        उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी के बारे में नेशनल हाईवे और राज्य हाईवे पर साइन बोर्ड लगाई जाए। इसके अलावा, हरियाणा पर्यटन निगम के परिसरों और अन्य पर्यटन स्थानों पर राखीगढ़ी के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित किया जाए ताकि प्रदेश व देश के लोगों को राखीगढ़ी के बारे में जानकारी मिल सके और आगामी दिनों में राखीगढ़ी में पर्यटन को बढ़ावा मिले।

राखीगढ़ी की खुदाई से मिली कलाकृतियों की सूची तैयार करें

मनोहर लाल ने कहा कि राखीगढ़ी की खुदाई से मिली सभी कलाकृतियां राष्ट्र की संपत्ति है, इसलिए इन्हें न केवल संरक्षित करने बल्कि सुरक्षित रखने की भी आवश्यकता है।

        मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी में खुदाई से मिली कलाकृतियों व अन्य पुरानी वस्तुओं की सूची तैयार करें। इसके अलावा, यदि ग्रामीणों के पास भी ऐसी कलाकृतियां मौजूद हैं तो उनकी भी एक सूची तैयार की जाए।

        उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से बातचीत कर इन कलाकृतियों को म्यूजियम में रखने की व्यवस्था की जाए और ग्रामीणों को बताएं कि म्यूजियम में कलाकृतियां देने वाले व्यक्ति का नाम भी प्रदर्शित किया जाएगा।

        मुख्यमंत्री ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राखीगढ़ी के संरक्षित क्षेत्र के अंदर जो तालाब है मौजूद है उनके सौंदर्य करण के लिए अनुमति दी जाए और और डिजाइन तैयार कर तालाब प्राधिकरण को दिया जाए।

        बैठक में बताया गया कि राखीगढ़ी साइट के कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा समन्वय कमेटी बनाई गई है और प्रदेश सरकार की ओर से टास्क फोर्स गठित की गई है। बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा राखीगढ़ी के सभी माउंट का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके अलावा, म्यूजियम की वॉक-थ्रू डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

बैठक में विधान सभा उपाध्यक्ष  रणबीर गंगवा, सांसद बृजेंद्र सिंह,  राज्यसभा सांसद मेजर जनरल (सेवानिर्वित) डी पी वत्स, विधायक  विनोद भ्याना,  जोगीराम सिहाग,  राम कुमार गौतम, पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, मुख्यमंत्री के प्रधान ओएसडी  नीरज दफ्तुआर, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  अंकुर गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  अनिल मलिक, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव श्री एम डी सिन्हा, फरीदाबाद मंडल, फरीदाबाद के आयुक्त  विकास यादव, विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक  संजय जून, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के महानिदेशक  पी सी मीणा, हिसार मंडल, हिसार की आयुक्त गीता भारती, हिसार के उपायुक्त उत्तम सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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