नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी की ताबूत में उनके ही बड़े नेताओं ने वर्षों तक मलाई खाने के बाद अब एक से बढ़ कर एक कील ठोंकनी शुरू कर दी है. खबर है कि ग्रुप 23 को हवा देने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. यह जगजाहिर है कि गुलाम नबी आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे. आजाद ने अपने इस्तीफे की वजहों का उल्लेख करते हुए पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है जो अब सोशल मिडिया पर वायरल हो राह है.
गुलाम नविन आजाद ने ईद पत्र में राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने इस खत में अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर बचकाना व्यवहार करने का आरोप लगाया है. श्री आजाद लम्बे समय से गांधी परिवार से नाराज चल रहे थे. उन्होंने 22 अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ मिल कर सोनिया गांधी को खुला पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी की निष्क्रियता के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया था और पूर्णकालिक अध्यक्ष के निर्वाचन की मांग की थी. इसके बाद कई बैठकें हुईं और अंततः अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा की गई लेकिन अभी तक मामला लंबित है. दूसरी तरफ आजाद की राज्यसभा सदस्यता समाप्त होने की बाद उन्हें पुनः टिकट नहीं दिया गया. समझा जाता है कि इससे उनकी नाराजगी बढती गई .
आभी हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें उसी दिन इस पद पर नियुक्त किया गया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था.
बताया जाता है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर, कांग्रेस की ‘खस्ता हालात’ और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है. सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा है, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया. उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी.
गुलाम नबी आजाद ने यूपीए शासन काल में पीएम मनमोहन सिंह की केबिनेट में पारित अध्यादेश की कापी को राहुल गांधी द्वारा फाड़ने की घटना का भी जिक्र पत्र में किया है. उन्होंने इसको ही साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह बताया है.
गौर करने वाली बात्याह है कि कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उन्होंने कहा था कि जी -23 समूह पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है और पार्टी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरेगी. उन्होंने पार्टी की गतिविधियों से उन्हें ‘‘निरंतर बाहर रखे जाने एवं अपमान” का हवाला देते हुए पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था.