नई दिल्ली : अपनी तरह की प्रथम पहल के तहत ड्रैगन फ्रूट के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जीकेवीके कैम्पस, बेंगलुरू में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), बेंगलुरू क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरू और केएपीपीईसी के सहयोग से ‘ड्रैगन फ्रूट पर क्रेता-विक्रेता बैठक’ आयोजित की गई थी।
एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथु ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि ड्रैगन फ्रूट एवं मूल्य वर्धित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में और भी अधिक हितधारकों या संबंधित पक्षों से बातचीत की जाएगी और एक रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि इनका निर्यात बढ़ सके। उन्होंने उद्योग की मदद करने के लिए फलों के मापदंडों और मूल्य वर्धित उत्पादों के मानकीकरण के लिए आई.आई.एच.आर. के साथ सहयोग करने का संकेत दिया। इस बैठक में किसानों/एफपीओ और निर्यातकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान जेडीजीएफटी, केएपीपीईसी, यूएएस के पदाधिकारी उपस्थित थे। यूएएस(बी) के कुलपति डॉ. एस. राजेंद्र प्रसाद ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीनस्थ एक वैधानिक निकाय एपीडा दरअसल भारतीय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नोडल एजेंसी है और इसे बागवानी, फूलों की खेती या पुष्पकृषि, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, पोल्ट्री उत्पादों, डेयरी एवं अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने का दायित्व सौंपा गया है।
एपीडा ने वर्चुअल ट्रेड फेयर, फार्मर कनेक्ट पोर्टल, ई-ऑफिस, हॉर्टिनेट ट्रेसेबिलिटी सिस्टम, क्रेता-विक्रेता बैठकों, रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठकों, उत्पाद विशिष्ट अभियानों, इत्यादि के आयोजन के लिए अनेक वर्चुअल पोर्टल के विकास के जरिए अनगिनत निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियां और पहल की हैं। एपीडा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करता रहा है।