धान की खेती छोड़ कर अन्य फसल अपनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी : डीसी गुरुग्राम

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गुरुग्राम, 03 जुलाई। गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में घटते भूजलस्तर व जल संरक्षण के मद्देनजर हरियाणा सरकार द्वारा “मेरा पानी मेरी विरासत” योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसान भाइयों को धान की जगह अन्य फसल लेने पर प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। डीसी श्री यादव ने जिला के किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी जीवन में जल की महत्ता को समझते हुए फसल विविधीकरण पर ध्यान दें।

उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर मौजूद किसी भी जीवन के लिए पानी बेहद आवश्यक है। ऐसे में भविष्य में पानी से जुड़ी चिंताओं को ध्यान रखते हुए हम सभी को इसके संरक्षण की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने इन्हीं उद्देश्यों के साथ वर्ष 2020-21 में मेरा पानी मेरी विरासत योजना की शुरुआत की थी। योजना के माध्यम से जल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे लोगों व संस्थाओं को विभिन्न प्रकार के अनुदान दिए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिला का कोई किसान धान की फसल को छोड़ कर अन्य फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग, मोठ, उड़द, ग्वार, सोयाबीन तिल, मूंगफली, अरंडी या बागवानी से सम्बन्धित फसल लेता है तो प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

डीसी श्री यादव ने बताया कि यदि किसी किसान ने पिछले वर्ष धान की बजाए अन्य फसल ली हो और इस बार भी उसी खेत पर अन्य फसल बोएगा तो भी उनको प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि धान के बदले खाली खेत छोड़ने वाले किसान को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

इसकी पुष्टि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग , बागवानी विभाग, पटवारी, नम्बरदार व सम्बन्धित किसान की गठित कमेटी द्वारा की जाएगी। पुष्टि के उपरांत प्रोत्साहन राशि की अदायगी ई पेमेंट के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व बागवानी विभाग , गुरुग्राम से सम्पर्क किया जा सकता है।

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