-डीसी निशांत कुमार यादव ने जिला स्तरीय विजिलेंस कमेटी की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
गुरुग्राम, 02 जुलाई। जिला स्तरीय विजिलेंस कमेटी की मासिक बैठक उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कमेटी को एक पखवाड़ा के भीतर दो व सब डिविजन कमेटी को हर सप्ताह दो निरीक्षण या जांच करनी ज़रूरी हैं। जिला में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों तथा विकास संबंधी परियोजनाओं के सुचारू रूप से संचालन के साथ इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्यों के तहत यह मासिक बैठक लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित की गई थी।
डीसी श्री यादव ने बैठक में जिला स्तरीय व उपमंडल स्तर पर गठित की गई विजिलेंस कमेटियों के कार्यों की समीक्षा करने उपरान्त संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में विजिलेंस की निरीक्षण प्रक्रिया को और गति देने की आवश्यकता है। ऐसे में जिला स्तर की विजिलेंस कमेटी प्रत्येक पखवाड़ा व उपमंडल स्तर की विजिलेंस कमेटी प्रत्येक सप्ताह सरकारी कार्यालयों में दो -दो सरप्राइज विजिट अवश्य करें। उन्होंने कहा कि जरूरी नही है कि विजिलेंस कमेटियां भ्रष्टाचार की ही जांच करें, वे अपनी विजिट के दौरान उस कार्यालय में कार्य क्रियान्वयन की प्रक्रिया सहित सम्बंधित कार्यालय के हाजरी रजिस्टर की भी जांच करें। इसके अतिरिक्त वे अपने अधिकार क्षेत्र में चल रहे किसी भी विभाग के विकास कार्यों की आकस्मिक जांच कर उसकी निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री का सैंपल लेकर उसकी गुणवत्ता की भी जांच कर सकते हैं।
डीसी श्री यादव ने बैठक में उनके कार्यालय में विजिलेंस कमेटियों द्वारा भेजी जा रही रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भविष्य में जो भी जांच रिपोर्ट भेजें उसमे संबधित व्यक्ति के खिलाफ क्या एक्शन लेना है उसकी साफ व क्लीयर रिपोर्ट भेजें ताकि उस पर त्वरित रूप से कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कमेटी के सदस्यों को उनके अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया कि विजिलेंस कमेटी विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज को सरप्राइज चेक करने के साथ साथ जनसेवा से जुड़े विभाग जिनमें स्कूल, पीएचसी, अन्य स्वास्थ्य संस्थान, राजस्व, स्थानीय निकाय, विकास एवं पंचायत, परिवहन विभाग, पुलिस थाना आदि में विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों के कृत्यों या अनदेखी, गलत आचरण व ड्यूटी के प्रति लापरवाही की जांच करने में सक्षम हैं।
साथ ही विकास परियोजनाओं में सामग्री की गुणवत्ता, आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व कालाबाजारी, फसल खरीद सीजन के दौरान मंडियों में निरीक्षण व भौतिक सत्यापन, खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन, मिलावट आदि के साथ ही जनहित से संबंधित मामलों की जांच करें। उन्होंने बताया कि एक करोड़ रुपए तक के ग्रुप बी, सी और डी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच भी ज़िला स्तरीय कमेटी कर सकती है। उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के सेक्शन 17ए का जिक्र करते हुए कहा कि एक करोड़ रुपए तक के ग्रुप सी और डी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच ज़िला स्तरीय कमेटी कर सकती है लेकिन मामले में दोषी अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए यह कमेटी उपायुक्त को अनुशंसा करेगी। वहीं एक करोड़ रुपए से अधिक राशि के भ्रष्टाचार के मामले मुख्यसचिव को भेजे जाएँगे। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा किसी भी विभाग में जांच के लिए उसके विभाग प्रमुख को सूचना देना व उसको जांच में शामिल करना आवश्यक होगा।
– सभी कमेटियां प्रत्येक माह की 07 तारीख तक उपायुक्त कार्यालय में भेजें अपनी रिपोर्ट
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त श्री विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि उपमंडल स्तर व जिला स्तर की कमेटी की प्रत्येक माह की संकलित रिपोर्ट विजिलेंस विभाग के मुख्यालय को भेजी जाएंगी। ऐसे में सभी कमेटियाँ अपनी रिपोर्ट प्रत्येक माह की सात तारीख तक उपायुक्त कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें। एडीसी ने कहा कि सभी कमेटियों की कार्यशैली को सुचारू रखने के लिए उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में प्रत्येक माह समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाएगी।
बैठक में गुरुग्राम की एसडीएम श्रीमती अंकिता चौधरी, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, नगराधीश दर्शन यादव सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।