-मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास जनता के लिए खोलने का ऐलान किया
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी @narendramodi ने नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने इस मौके पर मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास जनता के लिए खोलने का ऐलान किया . इसके उदघाटन के बाद प्रधानमन्त्री ने प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की सुरंग का निरीक्षण भी किया, इस दौरान उन्होंने आसपास गिरे हुए कागज के टुकड़े उठाकर स्वच्छ भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित की.
इस मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमन्त्री नरेंद मोदी ने कहा कि प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग, #PragatiMaidan से गुजरने वाली पुराना किला रोड के माध्यम से रिंग रोड को इंडिया गेट से जोड़ती है. छह लेन में इस विभाजित सुरंग के कई उद्देश्य हैं, जिसमें प्रगति मैदान की विशाल बेसमेंट पार्किंग तक पहुंच शामिल है. उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली, नोयडा, गाजियाबाद एवं देश भर से दिल्ली आने वाले लोगों को सुविधा होगी .
उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए बीते 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं. बीते 8 सालों में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का दायरा 193 किलोमीटर से करीब 400 किलोमीटर तक पहुंच चुका है. इतने कम समय में एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर को तैयार करना आसान नहीं था।
उनका कहना था कि ये नया भारत है. यह अब समस्याओं का समाधान भी करता है, नए संकल्प भी लेता है और उन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए अहर्निश प्रयास करता है। दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए बीते 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि बीते 8 सालों में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का दायरा 193 किलोमीटर से करीब 400 किलोमीटर तक पहुंच चुका है।पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान सबको साथ लेकर, सबको विश्वास में लेकर, सबका प्रयास का ही एक माध्यम है। कोई प्रोजेक्ट लटके नहीं, सारे डिपार्टमेंट तालमेल से काम करें, हर विभाग को पूरी जानकारी हो, यही सोच को लेकर गतिशक्ति का निर्माण हुआ है।
प्रधानमन्त्री ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए बीते 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। बीते 8 सालों में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का दायरा 193 किलोमीटर से करीब 400 किलोमीटर तक पहुंच चुका है। इतने कम समय में एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर को तैयार करना आसान नहीं था।