बादशाहपुर में 800 साल पुराना किला अधिकारी व नेताओं की मिलीभगत से गायब : आरटीआई एक्टिविस्ट एस के शर्मा

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– राष्ट्रीय धरोहर की लूट की जांच होनी चाहिए : डॉ सारिका वर्मा , आम आदमी पार्टी बादशाहपुर

-तत्कालीन पार्षद, अधिकारी व सांसद की भूमिका कि भी हो जांच : महावीर वर्मा आम आदमी पार्टी गुडगांव 

गुरुग्राम 18 जून :  मुगलों के जमाने का बादशाहपुर किला अब गायब हो चुका है. आरटीआई एक्टिविस्ट एस के शर्मा ने पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाई है कि बादशाहपुर किला गुम हो गया है, इसकी जांच कराई जाए. उन्होंने बताया 1965-66 में कागजों में बादशाहपुर किला खड़ा हुआ था लेकिन 2016 के कागजों में जमीन जिला गुड़गांव बोर्ड के अधीन हो गई है. उन्होंने यह खुलासा प्रेसवार्ता में की .

उन्होंने बताया कि 2010 की निगम के सेटेलाइट इमेज के मुताबिक यह खिला खड़ा हुआ था.  2016 तक किला पूरी तरह गायब हो गया था. आरटीआई के जरिए यह पता लगा है 2016 से कई करोड़ रुपए का काम गुरुग्राम निगम करवा चुका है जिसमें नाली, सीवर, सड़कों पर टाइलें लगाना इत्यादि शामिल है.

बादशाहपुर में 800 साल पुराना किला अधिकारी व नेताओं की मिलीभगत से गायब : आरटीआई एक्टिविस्ट एस के शर्मा 2प्रेसवार्ता में आम आदमी पार्टी बादशाहपुर अध्यक्ष डॉ सारिका वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय धरोहर इस तरह जनता के नाक के नीचे से गायब हो गई. यह अविश्वसनीय लगता है.  उन्होंने बताया कि हम जब बादशाहपुर गांव गए तो किले का खंडहर भी दिखाई नहीं दिया.  ऐसा लगता है कि  वहां पर किला कभी था ही नही.  उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय अफसरों ने राजनीतिक पार्टियों के संरक्षण में भू माफिया के साथ मिलकर देश की धरोहर चुरा ली है.

उन्होंने बताया कि गुड़गांव उपायुक्त के नाम एनजीटी का आर्डर है कि बादशाहपुर किले के आसपास अवैध निर्माण हटाया जाए. डॉ सारिका ने बताया उपायुक्त कि डीसी निशांत कुमार यादव ने आश्वासन दिया है  कि इस मामले की जाँच के बाद इस पर चर्चा करेंगे. बादशाहपुर में 800 साल पुराना किला अधिकारी व नेताओं की मिलीभगत से गायब : आरटीआई एक्टिविस्ट एस के शर्मा 3

आम आदमी पार्टी के गुडगांव अध्यक्ष महावीर वर्मा ने कहा कि कमाल की बात है इतना बड़ा किला गायब हो गया और स्थानीय प्रशासन को कोई खबर भी नहीं है.  2010-2016 के बीच किसकी भागीदारी से किला तोड़कर कॉलोनी काटी गई.  इसकी पूरी तरह जाँच होनी चाहिए .  उन्होंने प्रशसन से मांग की कि जिन लोगों ने राष्ट्रीय धरोहर लूटकर कॉलोनी काटी है उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी मांग की कि जिन अफसरों ने उस समय आवाज नहीं उठाई, जिन पार्षद, विधायक और सांसद के कार्यकाल में यह चोरी हुई है उनकी भूमिका की भी जाँच होनी चाहिए.

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