भिवानी, 10 जून। संस्था, युवा वर्ग व औद्योगिक जगत के बीच आए अंतर को पूरा करना ही सही मायने में युवा वर्ग का कौशल विकास है। यह उद्गार आज आदर्श महिला महविद्यालय में आयोजित विस्तार व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल के सलाहकार अमित सिन्हा ने महाविद्यालय की प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहे।
अमित सिंहा ने कहा कि सर्वप्रथम युवा वर्ग अपनी क्षमता को पहचाने और आधुनिक व्यवसायिक जगत के साथ अपने आप को जोड़े जिससे व्यावसायिक जगत व युवा वर्ग दोनों की आवश्यकताएं पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि कौशल और ज्ञान दोनों को अलग-अलग रखना चाहिए क्योंकि कौशल अभ्यास से व ज्ञान अनुभव से बढ़ाया जा सकता है। आज के युवावर्ग को अपना दृष्टिकोण प्रबंधन करने के लिए संप्रेषण कौशल, नेतृत्व के गुण, टीम कौशल, सृजनात्मकता, तर्कसंगति, समस्या निवारण कौशल तथा परिवर्तनशीलता आदि का समावेश करना अत्यंत आवश्यक है। यह हमें पुस्तकों से नहीं मिल सकता। इन्हें अभ्यास द्वारा सीखा जा सकता है। उन्होंने टैक्सटाइल एवं ऑटोमोबाइल जगत में कौशल संबंधित आधुनिकता के बारे में भी प्रवक्ताओं को बताया।
वहीं छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि वह अपनी मन की आवाज सुने और भेड़चाल में शामिल न हो। महाविद्यालय से उन्होंने नए प्रकार के कोर्स जो ज्ञान व कौशल पर आधारित हो, उद्योगों एवं शिक्षण संस्थाओं को संयुक्त रूप से कार्य करने, लैंग्वेज प्रयोगशाला बनाने, बच्चों की समय-समय पर काउंसलिंग करने व छात्राओं के व्यक्तित्व निखारने की सलाह दी। उन्होंने रोजगार में उपलब्ध डाटा साइंस, एमआइएस, बैक ऑफिस आदि विभिन्न प्रकार के नए अवसरों की जानकारी भी दी।
नई शिक्षा नीति के बारे में प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस शिक्षा नीति के द्वारा युवावर्ग बहुविषयक शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा भी अर्जित कर सकता है। सी.बी.सी.एस. के बारे में भी उन्होंने विस्तृत रूप से बताया। इस अवसर पर डॉ. अजय बोहरा ने आर्गेनिक फार्मेसी से संबंधित स्वयं द्वारा किए गए शोध कार्य को महाविद्यालय की प्रवक्ताओं के साथ सांझा किया। श्री राज कसेरा ने ई-कंटैंट लेखन से संबंधित नए रोजगार के अवसरों के बारे में अपना अनुभव बताया।
महाविद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के महासचिव अशोक बुवानीवाला ने छात्राओं को कहा कि हमें कौशल युवावर्ग तैयार करना आवश्यक है। इसके लिए आज के युवावर्ग में सीखने की क्षमता व आदत को विकसित करना होगा। महाविद्यालय प्राचार्या रचना अरोड़ा ने कहा कि युवावर्ग जिस भी कार्य को करे वह उसमें अपनी पूर्ण रूचि दिखाकर उसे कौशल एवं ज्ञान के साथ आगे बढ़ाए। उन्होंने आदर्श महिला महाविद्यालय में छात्राओं के कौशल एवं शैक्षणिक विकास हेतु नि:शुल्क ‘समर कैंप’ में चलाई जा रही विभिन्न सायंकालीन कक्षाओं में हिंदी व अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने हेतु व्याकरण की कक्षाएं, कम्प्यूटर विभाग द्वारा कम्प्यूटर के मूल ज्ञान, ऑनलाइन पेमेंट, संगीत विभाग द्वारा गायन की विभिन्न शैलियों के साथ-साथ हारमोनियम वादन की प्रारंभिक कक्षाएं, गणित, रसायन एवं जीव विभाग द्वारा अतिरिक्त विषय संबंधित कक्षाएं, ललित कला विभाग द्वारा फैब्रिक पेंटिंग की कक्षाएं व छात्राओं को रोजगार के प्रति जागरूक करने हेतु कक्षाएं आदि के बारे में बताया।
इस अवसर पर महाविद्यालय द्वारा आयोजित जी.के. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम दस स्थान पर रही छात्राओं को महाविद्यालय द्वारा पुरस्कृत कर उनका उत्सावर्धन किया। प्रथम दस स्थान पर रही छात्राओं के नाम रितिका, भारती, वैशाली, अंकिता, आस्था, विनती, प्रिति, वंशिका, मनीषा, मिनाक्षी रहें। साथ ही युथ रैडक्रॉस क्लब द्वारा व विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहीं छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. सुमन जांगड़ा रही व आयोजनकर्ता डॉ. दीपू सैनी रही।