ट्रैक्टर चालक की बेटी ईतू , खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सबसे कम उम्र की कबड्डी खिलाड़ी बनीं

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नई दिल्ली /पंचकुला :   झारखंड की ईतू मंडल ने शनिवार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पहला गेम खेलने से पूर्व ही रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कर लिया। मात्र 13 साल की उम्र में युवा खेलों के इस संस्करण में कबड्डी खिलाड़ियों का सामना करने वाली ईतू सबसे कम उम्र की कबड्डी प्रतियोगी है।

एक ट्रैक्टर चालक की बेटी ईतू मंडल को सिर्फ आठ साल की आयु में ही कबड्डी से गहरा लगाव हो गया था। अपने आस-पास की सभी ताकतवर महिलाओं से प्रभावित होकर वह अंडर -18 युवा टीम का हिस्सा बनने के लिए तेजी से आगे बढ़ी है।

 

मेरे माता-पिता मेरे लिए चिंतित थे, लेकिन मैं कभी डरी नहीं। ईतू ने महाराष्ट्र के खिलाफ अपनी टीम के पहले मैच के तुरंत बाद यह बात कही।

हालांकि ईतू मंडल का ‘रिकॉर्ड’ ज्यादा दिन नहीं टिक सकता है। उससे पांच साल छोटी उसकी बहन को भी कबड्डी का खेल पसंद है और वह पहले से ही एक अच्छी कबड्डी खिलाड़ी बनने की कोशिश कर रही है।

झारखंड के दुमका जिले में मधुबन गांव की निवासी ईतू ने कहा कि मैं अपने परिवार में सबसे बड़ी हूं और मेरे माता-पिता आगे बढ़ने में मेरा पूरा सहयोग करते हैं। उन्होंने मुझ पर परिवार की जिम्मेदारियां निभाने का कोई दबाव नहीं डाला है।

ईतू को इस खेल में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन वह पहले से ही जानती है कि एक बार जब वह अपने भविष्य में कोई निर्णय लेगी तो उसे आगे क्या करना है।

ईतू ने बताया कि वह एक कोच बनना चाहती है। उसने कहा कि जैसे ही मैं खेल के बारे में पर्याप्त सीख लूंगी, तो मैं कोचिंग देना शुरू कर दूंगी। मैं युवाओं के साथ काम करना चाहती हूं, उन्हें कबड्डी के खेल में आगे बढ़ाने में मदद करना चाहती हूं।

हाल के वर्षों में कबड्डी देश में एक बड़ा खेल बनकर उभरा है। इसने न केवल ग्रामीण भारत में युवाओं को एक बड़ा मंच दिया है बल्कि कई लोगों को मेगा स्टार में बदल दिया है। उनमें से कुछ रातों-रात सुपर रिच भी बन गए हैं।

2016 में, महिलाओं के लिए एक पेशेवर कबड्डी लीग भी शुरू की गई, जो युवा लड़कियों को खेल के लिए आकर्षित करती है।

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