केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने “नशीली दवाओं के दुरुपयोग, इसकी चुनौतियां और नियमन” विषय पर संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी मार्गदर्शन और “नशा मुक्त भारत” के उनके दृष्टिकोण के अंतर्गत, सभी एजेंसियां, विभाग और मंत्रालय नशीली दवाओं के दुरूपयोग के खिलाफ कई ठोस और समन्वित क़दम उठा रहे हैं
मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार बहुत सख़्ती के साथ नारकोटिक्स की सप्लाई और स्मगलिंग को रोकना चाहती है और बहुत सहानुभूति के साथ, जो बच्चे इसका शिकार बने हैं, उन्हें इसकी आदत से बाहर लाने का प्रयास भी कर रही है
इसीलिए कई विभागों वाली एक समिति का गठन किया गया है और इन सबके बीच समन्वय कर एक मल्टीडायमेंशनल रणनीति बनाने और इसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव में नशामुक्त भारत का जो लक्ष्य भारत सरकार और राज्यों की सरकारों के सामने रखा है, उसे हासिल करने के लिए एक सामूहिक प्रयास करना चाहिए
हम सब समझते हैं कि नशे से और किस प्रकार के नशे से व्यक्ति, समाज और देश, तीनों का पतन होता है, इसीलिए इसे किसी भी तरह से हम सेकंड प्रायोरिटी पर नहीं ले सकते हैं
मोदी सरकार का दृढ़ निश्चय है कि सप्लाई और स्मगलिंग पर हम बहुत कठोरता के साथ कार्रवाई करेंगे
केन्द्रीय गृह मंत्री ने सदस्यों को बताया किया कि पिछले 3 वर्षों में अगर सिर्फ पांच प्रमुख ड्रग्स की बात करें तो लगभग 12,142* करोड़ रुपये मूल्य के 17,20,574 किलोग्राम ड्रग्स को जब्त किया गया
2011-13 में 2,98,000 किलोग्राम नशीली दवाओं को जब्त किया गया था, इनको जब्त करने की मात्रा में 4 गुना और मूल्य में 6 गुना की वृद्धि हुई है
अवैध फसल (अफीम, पोस्ता और भांग)की खेती के विनाश के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, वर्ष 2013 में 2100 एकड़, 2017 में 7,602 एकड़ और 2021 में 10,798 एकड़ भूमि में अफीम की खेती नष्ट की गई, इसी तरह 2013 में 1000 एकड़, 2017 में 8,515 एकड़ और 2021 में 26,717 एकड़ भूमि में भांग की खेती नष्ट की गई
दोहरे उपयोग वाली प्रिस्क्रिप्शन दवाओं और प्रीकर्सर रसायनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है
डार्क नेट और क्रिप्टो-करेंसी के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दों का समाधान करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है
पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों और लोक अभियोजकों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नशीले पदार्थों पर व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है
आज की तारीख में, भारत का 27 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता, 15 देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) तथा जर्मनी एवं सऊदी अरब के साथ सुरक्षा सहयोग पर दो समझौते किए गए हैं
आज 522 केंद्रों को सहायता प्रदान की जा रही है, ये सभी केंद्र जिओ-टैग्ड हैं ताकि इन केंद्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं का जरूरतमंद लोग आसानी से लाभ उठा सकें, ड्रग्स की मांग में कटौती के लिए एनजीओ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है
बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल के लिए 2016 में NCORD मेकैनिज्म का गठन किया गया, वर्ष 2019 में इसे चार स्तरीय व्यवस्था के रूप में सुदृढ़ किया गया है
इसमें शीर्ष स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, कार्यकारी स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय एन-कॉर्ड समिति और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय एन-कॉर्ड समिति शामिल हैं
NCORD मीटिंग्स में प्रत्येक स्तर पर जो भी निर्णय लिए जाते हैं उन्हें लागू करने के लिए समुचित प्रयास जा रहे हैं, साथ ही दिशा निर्देशों की अनुपालना समयबद्ध तरीके (Time Bound Manner) से सुनिश्चित की जा रही है
NCB डार्क नेट पर मादक पदार्थों की तस्करी के साइबर फुटप्रिंट ट्रैक करने के समाधान खोजने के लिए डार्काथॉन आयोजित कर रहा है
सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी को रोकने के लिए सरकार ने ढेर सारे कड़े उपाय किए हैं, बीएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न सीमा सुरक्षा बलों को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत मादक पदार्थों का निषेध करने का अधिकार दिया गया है
सीमा की विस्तृत भेद्यता मानचित्रण और विशेष निगरानी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, समुद्री मार्ग से तस्करी की समस्या को कम करने के लिए नवंबर, 2021 में एक बहु-एजेंसी समुद्री सुरक्षा समूह बनाया गया है
समुद्री पुलिस बल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से वर्ष 2005 से तटीय सुरक्षा योजना (सीएसएस) को चरणों में कार्यान्वित कर रहा है, यह योजना 9 तटीय राज्यों और 4 संघ राज्य क्षेत्र में लागू की गई है
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय सर्वेक्षण निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से प्राप्त सूचना के आधार पर 272 चिन्हित असुरक्षित जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है
इसके लिए 8,000 मास्टर स्वयं सेवकों का चयन किया गया है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है, विभिन्न कार्यकलापों के माध्यम से 2.39 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई गई है
अभियान की गतिविधियों में 92 लाख से अधिक युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और नशीले पदार्थों के सेवन के खिलाफ संदेश को फैलाया
लगभग 4,000 से अधिक युवा मंडल, नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों, युवा क्लबों को भी अभियान से जोड़ा गया है, इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 29.6 लाख से अधिक महिलाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है
देशभर में अब तक 55461 शैक्षिक संस्थानों में अभियान के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया है, 300 से अधिक छात्रों ने सोशल मीडिया इंटर्न के रूप में काम किया और अपने सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग करके देशभर में 17.5 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई
एक लघु फिल्म के माध्यम से अभियान के उद्देश्यों को 9 भाषाओं में सोशल मीडिया पर जारी किया गया है, साथ ही नशा-मुक्ति के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14446 भी संचालनरत है जो प्रारंभिक परामर्श और शीघ्र सहायता प्रदान करता है
हम सभी को सासंद होने के नाते भी इस अभियान को ताक़त देने के लिए अपने–अपने क्षेत्रों और इलाक़ों में मदद करनी चाहिए
परिणामों से मैं उत्साहित हूं और मुझे भरोसा है कि दृढ़ता के साथ हम और सफल होंगे
सदस्यों ने इन कदमों को उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को धन्यवाद दिया क्योंकि परामर्शदात्री समिति की बैठकों में ऐसे विषयों पर पहले कभी चर्चा नहीं की गई थी
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा, निसिथ प्रामाणिक और केन्द्रीय गृह सचिव भी उपस्थित थे।
अमित शाह ने सदस्यों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी मार्गदर्शन और “नशा मुक्त भारत” के उनके दृष्टिकोण के अंतर्गत, सभी एजेंसियां, विभाग और मंत्रालय नशीली दवाओं के दुरूपयोग के खिलाफ कई ठोस और समन्वित क़दम उठा रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के इस 75वें वर्ष में, हमारी सबसे बड़ी प्रायोरिटी नशीले पदार्थों के खिलाफ जंग की होनी चाहिए, जिनके हाथ में देश की बागडौर होगी, ऐसी हमारी युवा पीढ़ी को नशे से बचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि हमने यह तय किया है कि स्वतंत्रता के इस 75वें वर्ष में हमें यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘नशा-मुक्त भारत’ का जो विज़न हमें दिया है, इस अमृत काल में उसे हमें अपना संकल्प बनाना है।
श्री शाह ने सदस्यों से कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार बहुत सख़्ती के साथ नारकोटिक्स की सप्लाई और स्मगलिंग को रोकना चाहती है और बहुत सहानुभूति के साथ, जो बच्चे इसका शिकार बने हैं, उन्हें इसकी आदत से बाहर लाने का प्रयास भी कर रही है। इसीलिए कई विभागों वाली एक समिति का गठन किया गया है और इन सबके बीच समन्वय कर एक मल्टीडायमेंशनल रणनीति बनाने और इसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव में नशामुक्त भारत का जो लक्ष्य भारत सरकार और राज्यों की सरकारों के सामने रखा है, उसे हासिल करने के लिए एक सामूहिक प्रयास करना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि हम सब समझते हैं कि नशे से, और, किस प्रकार के नशे से व्यक्ति, समाज और देश, तीनों का पतन होता है और इसीलिए इसे किसी भी तरह से हम सेकंड प्रायोरिटी पर नहीं ले सकते हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय का दृढ़ निश्चय है कि सप्लाई और स्मगलिंग पर हम बहुत कठोरता के साथ कार्रवाई करेंगे, मगर कुछ चुनौतियां भी हैं। हमारा देश सबसे बड़े अफ़ीम उत्पादक क्षेत्र जिसे दुनिया गोल्डन क्रेसेंट (अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान) के नाम से भी जानती है और गोल्डन ट्राएंगल (थाईलैंड,लाओस एवं म्यांमार शामिल) के बीच स्थित है। गृह मंत्री ने सदस्यों को बताया किया कि पिछले 3 वर्षों में 12,142*करोड़ रुपये मूल्य की 17,20,574 किलोग्राम प्रमुख नशीली दवाओं को जब्त किया गया। उन्होने कहा कि 2011-13 में 2,98,000 किलोग्राम नशीली दवाओं को जब्त किया गया था, इनको जब्त करने की मात्रा में 4 गुना और मूल्य में 6 गुना की वृद्धि हुई है। श्री अमित शाह ने कहा कि आज की तारीख में, भारत का 27 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता, 15 देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) तथा जर्मनी एवं सऊदी अरब के साथ सुरक्षा सहयोग पर दो समझौते किए गए हैं।
श्री शाह ने कहा कि अवैध फसल (अफीम, पोस्ता और भांग)की खेती के विनाश के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होने कहा कि वर्ष 2013 में 2100 एकड़, 2017 में 7,602 एकड़ और 2021 में 10,798 एकड़ भूमि में अफीम की खेती नष्ट की गई। इसी तरह 2013 में 1000 एकड़, 2017 में 8,515 एकड़ और 2021 में 26,717 एकड़ भूमि में भांग की खेती नष्ट की गई। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी को रोकने के लिए सरकार ने ढेर सारे कड़े उपाय किए हैं। बीएसएफ,एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न सीमा सुरक्षा बलों को एनडीपीएस अधिनियम,1985 के तहत मादक पदार्थों का निषेध करने का अधिकार दिया गया है। सीमा की विस्तृत भेद्यता मानचित्रण और विशेष निगरानी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। समुद्री मार्ग से तस्करी की समस्या को कम करने के लिए नवंबर, 2021 में एक बहु-एजेंसी समुद्री सुरक्षा समूह बनाया गया है। समुद्री पुलिस बल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से वर्ष 2005 से तटीय सुरक्षा योजना (सीएसएस) को चरणों में कार्यान्वित कर रहा है। यह योजना 9 तटीय राज्यों और 4 संघ राज्य क्षेत्र में लागू की गई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल के लिए 2016 में NCORD मेकैनिज्म का गठन किया गया। वर्ष 2019 में इसे चार स्तरीय व्यवस्था के रूप में सुदृढ़ किया गया है। इसमें शीर्ष स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, कार्यकारी स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय एन-कॉर्ड समिति और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय एन-कॉर्ड समिति शामिल हैं। नोडल एजेंसी के तौर पर NCB(Narcotics Control Bureau)है। उन्होने कहा कि NCORD मीटिंग्स में प्रत्येक स्तर पर जो भी निर्णय लिए जाते हैं उन्हें लागू करने के लिए समुचित प्रयास जा रहे हैं। साथ ही दिशा निर्देशों की अनुपालना समयबद्ध तरीके (Time Bound Manner) से सुनिश्चित की जा रही है। NCB डार्क नेट पर मादक पदार्थों की तस्करी के साइबर फुटप्रिंट ट्रैक करने के समाधान खोजने के लिए डार्काथॉन आयोजित कर रहा है। डार्क नेट और क्रिप्टो-करेंसी के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दों का समाधान करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है साथ ही पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों और लोक अभियोजकों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नशीले पदार्थों पर व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। दोहरे उपयोग वाली प्रिस्क्रिप्शन दवाओं और प्रीकर्सर रसायनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है।
श्री शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की मांग में कटौती के लिए भी पहल की गई है। एकीकृत व्यसनी पुनर्वास केन्द्रों (आईआरसीए) का संचालन और रखरखाव किया जा रहा है और आज 522 केंद्रों को सहायता प्रदान की जा रही है।सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय सर्वेक्षण निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)से प्राप्त सूचना के आधार पर 272 चिन्हित असुरक्षित जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है। इसके लिए 8,000 मास्टर स्वयं सेवकों का चयन किया गया है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है, विभिन्न कार्यकलापों के माध्यम से 2.39 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई गई है। श्री शाह ने कहा कि अभियान की गतिविधियों में 92 लाख से अधिक युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और नशीले पदार्थों के सेवन के खिलाफ संदेश को फैलाया। लगभग 4,000 से अधिक युवा मंडल, नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों, युवा क्लबों को भी अभियान से जोड़ा गया है। उन्होने कहा कि इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 29.6 लाख से अधिक महिलाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है। देशभर में अब तक 55461 शैक्षिक संस्थानों में अभियान के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया है। 300 से अधिक छात्रों ने सोशल मीडिया इंटर्न के रूप में काम किया और अपने सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग करके देशभर में 17.5 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई। श्री अमित शाह ने कहा कि एक लघु फिल्म के माध्यम से अभियान के उद्देश्यों को नौ भाषाओं में सोशल मीडिया पर जारी किया गया है। साथ ही नशा-मुक्ति के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14446 भी संचालनरत है जो प्रारंभिक परामर्श और शीघ्र सहायता प्रदान करता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये अभियान कोई सरकार अकेले नहीं चला सकती, बहुत सारे प्रयास इसके अंतर्गत हुए हैं और परिणाम भी अच्छे आए हैं। हम बच सकते हैं, क्योंकि हमारे यहां बच्चे अकेले नहीं रहते, अभिभावकों के साथ रहते हैं, क़ानून में जो उचित परिवर्तन होना है, उस पर भी विचार करना है। उन्होने कहा कि हम सभी को सासंद होने के नाते भी इस अभियान को ताक़त देने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों और इलाक़ों में मदद करनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि मैं परिणामों से उत्साहित हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि हम दृढ़ता के साथ और सफल होंगे।
श्री शाह ने सदस्यों से इस विषय पर अपने सुझाव देने के लिए कहा। सदस्यों ने इन कदमों को उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को धन्यवाद दिया क्योंकि परामर्शदात्री समिति की बैठकों में ऐसे विषयों पर पहले कभी चर्चा नहीं की गई थी। सदस्यों ने कहा कि वे आने वाले समय में और अधिक जानकारी प्रदान करेंगे और अगर ज़रूरत होगी, तो इस विषय पर समिति की आगामी बैठकों में चर्चा की जा सकती है।
गृह मंत्री ने सदस्यों को सूचित किया कि उनके बहुमूल्य सुझावों पर मंत्रालय द्वारा विचार किया जाएगा। उन्होंने सदस्यों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
*जब्त की गई दवाओं के मूल्य की गणना वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा जारी रिवॉर्ड गाइडलाइन 2017 के आधार पर की गई है जो वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में कम हो सकती है।