‘‘हम चण्डीगढ में तब डटे रहेंगें, जब तक हमें एसवाईएल का पानी नहीं मिलता, हिन्दी भाषी क्षेत्र नहीं मिलते और नई राजधानी बनाने के लिए वित्तीय सहायता नहीं मिलती’’
हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा रखे प्रस्ताव का अनिल विज ने समर्थन किया
चण्डीगढ़, 5 अप्रैल : हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि पंजाब सरकार ने चण्डीगढ़ को लेकर जो प्रस्ताव पास किया है वो राजनीतिक प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि हम चण्डीगढ में तब डटे रहेंगें, जब तक हमें एसवाईएल का पानी नहीं मिलता, हिन्दी भाषी क्षेत्र नहीं मिलते और नई राजधानी बनाने के लिए वित्तीय सहायता नहीं मिलती तब तक हम यहीं पर डटे रहेंगे।
श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा रखे प्रस्ताव के संबंध में सदन के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा रखे प्रस्ताव का वे समर्थन भी करते हैं।
पंजाब के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए चण्डीगढ के मुददे को छेड़ने की कोशिश-विज
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जनती है कि उन्होंने रियायतें व वायदा करके सत्ता हथियाई है और वो वायदे पूरे नहीं कर सकते है। श्री विज ने कहा कि पंजाब के हालात श्रीलंका जैसे होने वाले हैं इसलिए अपने प्रदेश के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस मुददे को छेड़ने की कोशिश की गई है।
हरियाणा के साथ कभी भी इंसाफ नहीं हुआ- विज
सदन के सदस्यों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि ‘‘हमें इसको समझना चाहिए कि चार दिन की पार्टी अभी शिशुकाल में हैं और जिनके अभी दूध के दांत भी टूटे नहीं, और बातें चण्डीगढ की करते हैं’’। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ‘‘चण्डीगढ क्या ऐसे ही दे दिया जाएगा, मैं कहना तो नहीं चाहता हूं लेकिन शाश्वत सच है कि चण्डीगढ और हरियाणा के बंटवारे के लिए जितने भी आयोग पंजाब और हरियाणा के बनें, चाहे वो शाह कमीशन था, चाहे वो इराडी ट्रिब्यूनल था, चाहे राजीव-लोगांेवाल आवार्ड था, चाहे इंदिरा गांधी अवार्ड था, उनमें हरियाणा के साथ इंसाफ नहीं हुआ है’’। उन्होंने कहा कि ये साश्वत सच हैं, हमें इसको मानना चाहिए और हमें लंबी लंबी लडाईयां लडकर भी वहीं के वहीं खडे हैं।
‘‘हम अंदाजा नहीं लगा सकते, कि हरियाणा को एसवाईएल का पानी न मिलने से कितना आर्थिक तौर पर नुकसान हुआ’’-विज
श्री विज ने कहा कि ‘‘एसवाईएल से जो कि हमारा हक बनता है और हमें सारे ट्रिब्यूनल में 3.5 एमएएफ का पानी दिया गया है हम पानी आज तक ला नहीं सकें’’। उन्होंने कहा कि ‘‘हम अंदाजा नहीं लगा सकते है कि हरियाणा को उसका आर्थिक तौर पर कितना नुकसान हुआ हैं हमारे खेतों की प्यास जिस पानी से बुझनी थी वो खेत प्यासे रह गए’’।
‘‘हमारी इकोनोमिक ग्रोथ पंजाब से ज्यादा, आज हमने पंजाब से बडा बन कर दिखाया है’’-विज
गृह मंत्री ने हरियाणावासियों के परिश्रम की प्रंशसा करते हुए कहा कि ‘‘हरियाणा मेहनतकश लोगों का प्रदेश है और हरियाणा ने करके दिखाया है। जब 1966 में हरियाणा व पंजाब बना, तो हरियाणा की हालत ठीक नहीं थी लेकिन हरियाणा के लोगों ने हरियाणा को संवारा, तरक्की की बुलंदियों तक पहुंचाया और आज हालत ये है कि हम पंजाब से बडे नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘हमारी इकोनोमिक ग्रोथ पंजाब से ज्यादा है और आज हमने पंजाब से बडा बन कर दिखाया है’’।
‘‘चण्डीगढ अकेला मुदा नहीं, इसके साथ एसवाईएल का पानी, हिन्दी भाषी क्षेत्र, नई कैपीटल बनाने के लिए वित्तीय मदद जुडी हुई है’’-विज
श्री विज ने कहा कि ‘‘सदन यह स्वरूप देखकर आज मुझे अच्छा लग रहा है कि अपनी सब राजनीतिक विचारधाराओं को भुलाकर इस मुदे पर लडने के लिए साथ खडे हैं’’। उन्होंने कहा कि ‘‘हुडा साहब ने बाबुलंद कहा, उनकी पार्टी इस मुदे पर हर जगह पर जाने के लिए तैयार है हम तहेदिल से इसका स्वागत करते है’’। उन्होंने कहा कि ‘‘अच्छा लगता है कि जब देश व राष्ट्र का मुदा हो तो आपसी मुदे बीच में नहीं आने चाहिए’’। उन्होंने कहा कि ‘‘चण्डीगढ अकेला मुदा नहीं है इसके साथ एसवाईएल का पानी जुडा हुआ है, हिन्दी भाषी क्षेत्र जुडे हुए हैं और इसके साथ नई कैपीटल बनाने के लिए वित्तीय मदद जुडी हुई है’’। उन्होंने कहा कि ‘‘अगर हम नई कैपीटल बनाएं तो केन्द्र से कैपीटल का पैसा मिलना चाहिए ताकि उसकी मुताबिक हम नई कैपीटल बना सकें’’।
‘‘जब तक इन सारे मुदों का एकल फैसला नहीं होगा, हरियाणा यहां डटा रहेगा’’-विज
गृह मंत्री ने कहा कि ‘‘जब तक इन सारे मुदों का एकल फैसला नहीं होगा, हरियाणा यहां डटा रहेगा और चण्डीगढ से हरियाणा (अंगद) का पैर लगा रखा है और हरियाणा (हमारा) के पैर को कोई उखाड नहीं सकता’’।