खादी ने लक्मे फैशन वीक 2022 में सभी का दिल जीता
आकर्षण का केंद्र कंगना रनौत ने खादी के टिकाऊपन को लाजबाव बताया
नई दिल्ली :: खादी, जिसे आजादी के ताने-बाने के साथ-साथ स्वदेशी, टिकाऊपन और सादगी का भी प्रतीक माना जाता है, ने गुरुवार को नई दिल्ली में चल रहे लक्मे फैशन वीक 2022 में एक विशेष प्रस्तुति के साथ वैश्विक फैशन जगत में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने खादी इंडिया के लिए सभी के आकर्षण का केंद्र बनकर रैंप वॉक किया। इस अवसर पर बड़े ही आकर्षक ढंग से उनका साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित छह डिजाइनरों यथा मोसी ट्रोरे, अभिषेक गुप्ता बनारस, अनाविला, अंजू मोदी, चारु पाराशर और रीना ढाका ने भी दिया। यह पहली बार हुआ है कि पेरिस के एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइनर मोसी ट्रोरे ने खादी फैशन शो में भाग लिया है। मोसी ने अपने डिजाइनों में वास्तु-संबंधी रूपरेखा के साथ सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
यह दूसरी बार हुआ है जब खादी ने लक्मे फैशन वीक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है; इससे पहले वर्ष 2018 में ऐसा देखने को मिला था। खादी इंडिया शो का आयोजन भारतीय फैशन डिजाइन परिषद (एफडीसीआई) द्वारा किया गया। एमएसएमई राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना और एमएसएमई सचिव श्री बी बी स्वैन इस अवसर पर उपस्थित थे।
कंगना रनौत ने रैंप पर अपनी शानदार उपस्थिति से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कंगना रनौत ने धूमिल सफेद रंग की खादी जामदानी साड़ी पहन रखी थी, जिसे पश्चिम बंगाल का एक प्राचीन शिल्प माना जाता है। कंगना रनौत ने खादी को सबसे टिकाऊ वस्त्र के रूप में बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने युवाओं से ‘केवल स्वदेशी’उत्पादों को ही खरीदने का अनुरोध किया।
कंगना ने कहा, “रैंप पर वापस आना और खादी जैसी खास चीज के लिए वापसी करना तो और भी खुशी की बात है। पूरी दुनिया अब भारतीय कपड़ों, विशेषकर खादी के बारे में चर्चा कर रही है, जो बुनियादी वस्त्र होने के साथ-साथ हमारी त्वचा के अनुकूल और पर्यावरण अनुकूल भी है। भारतीय वस्त्र हजारों वर्षों से अस्तित्व में हैं। जब हम खादी खरीदते हैं, तो हम न केवल अपने प्राचीन शिल्प को बहाल करने में मदद करते हैं, बल्कि इसके साथ ही देश में अनगिनत लोगों के लिए आजीविका भी सृजित करते हैं। जब भी आप कोई चीज खरीदें, तो यह सुनिश्चित करें कि वह मेड इन इंडिया ही हो। खादी ही हमारी विशिष्ट पहचान होनी चाहिए।”
श्री सक्सेना ने खादी को सबसे टिकाऊ और सादगी भरा, लेकिन फैशनेबल वस्त्र बताया। उन्होंने कहा, “खादी आधुनिक इतिहास में एकमात्र ऐसा उत्पाद है जो टिकाऊ चीज के रूप में समय की कसौटी पर खरा उतरा है। खादी राष्ट्र का ताना-बाना है और इसमें लाखों लोगों के जीवन में आमूलचूल बदलाव लाने की उत्कृष्ट क्षमता है।”
खादी इंडिया कलेक्शन अपने विशिष्ट रंगों और रूपरेखा एवं सौंदर्य आकर्षण के साथ भारतीय उत्कृष्टता का प्रतीक साबित हुआ। डिजाइनरों ने प्राकृतिक सफेद और काले रंग के साथ-साथ जीवंत रंगों का भी इस्तेमाल किया। समसामयिक नजरिए के साथ समस्त खादी इंडिया कलेक्शन के तहत सदैव टिकाऊ माने जाने वाले खादी वस्त्रों को एक नए फैशनेबल वस्त्र के रूप में पेश किया गया।