केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने दस दिवसीय भव्य ‘लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता’ का उद्घाटन किया
लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता भारत की विरासत के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देगा
भारत भाग्य विधाता भारत की विविध संस्कृतियों को एक जगह पर लाया है: श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी
नई दिल्ली : भव्य लाल किला महोत्सव- भारत भाग्य विधाता, आज से शुरू हुआ और 3 अप्रैल, 2022 तक चलेगा। दस दिन तक चलने वाला यह महोत्सव 17वीं शताब्दी के प्रतिष्ठित स्मारक, लाल किला दिल्ली में आयोजित किया गया है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने आज महोत्सव का उद्घाटन किया।
इस महोत्सव में “मातृभूमि”-प्रोजेक्शन मैपिंग शो, यात्रा-360° मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव होगा। इसके अलावा एक सांस्कृतिक परेड, खाओ गल्ली, रंग मंच में लाइव प्रदर्शन, भारत के नृत्य, अनोखे वस्त्र, खेल मंच और खेल गांव तथा योग सहित मशगूल कर देने लायक कई तरह के अनुभव होंगे। इस आयोजन में पूरे भारत के 70 से अधिक कलाकार भाग लेंगे।
इस अवसर पर श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी ने नए भारत के निर्माण के लिए लाल किले से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को याद किया। उन्होंने कहा कि लाल किला न केवल एक स्मारक है, बल्कि एक जीवंत उदाहरण है, जो हर साल देश को अपने संकल्प, वादे और संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस आयोजन के माध्यम से भारत की विविध संस्कृति को एक जगह पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य में आने वाले बच्चों को बताना चाहिए कि हमें अपने गौरवशाली अतीत को सहेज कर रखना चाहिए ताकि वे भारत को दुनिया भर में नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम कर सकें।
लाल किले में भव्य महोत्सव- भारत भाग्य विधाता का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत किया जा रहा है। लाल किला उत्सव देश की विरासत का उत्सव मनाने के लिए आयोजित किया गया है। भारत भाग्य विधाता के तहत भारत के हर हिस्से की संस्कृति को दिखाया जाएगा। इस महोत्सव में 70 से अधिक कारीगर अपने शिल्प का प्रदर्शन कर रहे हैं।
लाल किले के “स्मारक मित्र”, डालमिया भारत लिमिटेड के साथ संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में इस भव्य कार्यक्रम की परिकल्पना की है।
लाल किला महोत्सव – भारत भाग्य विधाता आगंतुकों के लिए एक समृद्ध सांस्कृतिक दावत का वादा करता है और इसका उद्देश्य विरासत संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देना है।