टीसीपी विभाग पारदर्शिता के साथ हरियाणा में रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा : देवेंद्र सिंह
डेवलेपर तथा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के बीच का विवाद सदा के लिए खत्म हो : गोयल
हरेरा का उद्देश्य घर खरीदारों के हितों की रक्षा के साथ-साथ रीयल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा देना : डॉ खंडेलवाल
गुरुग्राम। हरियाणा में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग पूरी पारदर्शिता के साथ काम करते हुए रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है। हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने गुरुग्राम में आयोजित की जा रही अर्बन डेवलपमेंट कॉन्क्लेव में यह बात कही। शहरी विकास के लिए भावी योजना और रेरा एक्ट के क्रियान्वयन में चुनौतियां पर आयोजित दो दिवसीय शहरी विकास सम्मेलन के पहले दिन हरियाणा अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट तथा रेरा एक्ट 2016 के तहत कॉमन एरिया की परिभाषा को लेकर रीयल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों ने मंथन किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ता है। ऐसे में विभाग राष्ट्रीय विकास योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए एनसीआर योजना बोर्ड के साथ भी काम कर रहा है। सिस्टम को और बेहतर करने के लिए विभाग अधिक से अधिक डिजिटल तकनीक का प्रयोग कर रहा है।
राजस्थान रेरा के चेयरमैन एनसी गोयल ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में हरियाणा हमेशा अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में इस क्षेत्र में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र के प्रमोटर को सुविधाएं देने के साथ-साथ हित धारको के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो, इसके लिए हरियाणा रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट 2016 लागू किया गया है।
श्री गोयल ने सुझाव दिया कि अगर प्रमोटर कॉमन एरिया के संबंध में कोई बदलाव करना चाहता है तो उसके संशोधित नक्शे पर दावे व आपत्तियां मांगने का सिस्टम होना चाहिए। अगर बदलाव में हित धारक को कोई परेशानी नहीं है तो इसकी अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें ऐसी योजना बनानी चाहिए कि डेवलपर तथा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के बीच का विवाद सदा के लिए खत्म हो।
हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉक्टर केके खंडेलवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य के लिए शहरी विकास सम्मेलन का आयोजन किया है। हरेरा का मुख्य उद्देश्य है कि घर खरीदारों के हितों की रक्षा के साथ-साथ रीयल एस्टेट उद्योग के विकास को गति मिले। उन्होंने कहा कि राज्य में कॉमन एरिया के लिए और अधिक स्पष्ट परिभाषा के लिए राज्य सरकार को कुछ संशोधन करने पड़ सकते हैं। हरेरा का मकसद है कि किसी के अधिकार को प्रभावित किए बिना सभी को सहूलियत मिले।
विभाग के महानिदेशक श्री के मकरंद पांडुरंग, प्राइमस पार्टनर्स की एमडी आरती ने भी अपना संबोधन दिया।
पैनलिस्ट में उत्तर प्रदेश रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार, बिहार रेरा के चेयरमैन नवीन वर्मा, झारखंड रेरा की चेयरपर्सन सुश्री सीमा सिन्हा, तमिलनाडु रेरा के सदस्य सुनील कुमार के अलावा रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़ी अन्य हस्तियां शामिल थी। वहीं कर्नाटक रेरा के चेयरमैन किशोर चंद्रा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे।
कार्यक्रम में लीगल एजुकेटर के तौर पर एडिशनल एडवोकेट जनरल आलोक सांगवान तथा एडिशनल एडवोकेट जनरल अंकुर मित्तल भी मौजूद थे।