कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने डेवलपमेंट चार्ज बेताहाशा बढाने का किया विरोध : भाजपा-जजपा सरकार पर बोला तीखा हमला

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haryana news नई दिल्ली :(haryana news )  कांग्रेस पार्टी ने  हरियाणा में डेवलपमेंट चार्ज में बेतहाशा वृद्धि का प्रबल विरोध करते हुए भाजपा जजपा सरकार की नीतियों की तीव्र आलोचना की है. पार्टी के राष्ट्रीय मिडिया हेड रणदीप सुरजेवाला ने ने हरियाणा सरकार के 18 फरवरी 2022 के आदेश की चर्चा करते हुए कहा कि  खट्टर-दुष्यंत सरकार का यह आदेश शहरियों पर कमरतोड़ मार है. इस सरकार ने लोगों के घर बनाने के सपने को तोड़ा  है . उन्होंने कहा कि हरियाणा में  100 गज के प्लाट की भी नक़्शा पास की फ़ीस अब बढ़ कर ₹2,00,000 (₹2 लाख) हो गई ।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विकास शुल्क को कलेक्टर रेट से जोड़ कर  10 गुना तक वसूलना “तुग़लकी” फ़ैसला है उन्होंने भाजपा जजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तानाशाही फ़रमान वापस लें या गद्दी छोड़ें। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में विकास” गुम है  और विकास शुल्क 10 गुना बढ़ा दिया .

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि भाजपा-जजपा सरकार ‘दानवी फ़रमान’ को फौरन वापस लें, नहीं तो हर शहर में व्यापक जन आंदोलन होगा!  खट्टर – दुष्यंत सरकार हरियाणवियों को “घर से बेघर” करने पर तुले.  जनता से “लूट, खसूट और वसूली” ही भाजपा-जजपा का धर्म व ध्येय बन गया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी हरियाणा के शहरों व कस्बों में रहने वाले लोगों को घर से बेघर करने पर उतारू है। 18 फ़रवरी 2022 को भाजपा-जजपा सरकार के ताजा जारी ‘दानवी फ़रमान’ के अनुसार नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगमों में ‘विकास शुल्क’ अब दस गुना बढ़ाकर ‘कलेक्टर रेट’ का 5% कर दिया है। यानि अब 100 वर्ग गज के मकान का नक्शा पास करवाने के लिए भी ₹1,50,000-₹2,00,000 तक फीस देनी पड़ेगी.

उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इस आदेश के अनुसार अगर किसी शहरी ने पहले से ही मकान बना और नक्शा पास करवा ‘विकास शुल्क’ दे रखा है और यदि वह ‘रिवाईज़्ड बिल्डिंग प्लान’ या ‘ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट’ के लिए दरख्वास्त देगा, तो उसे भी पहले से जमा किया गया विकास शुल्क काटकर नई बढ़ी दरों पर, यानि कलेक्टर रेट पर ‘विकास शुल्क’ जमा करना होगा.

उन्होंने यह कहते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि गांव के लाल डोरा में जो मकान, दुकान इत्यादि नगर परिषद या नगर निगम की सीमा में आ जाते हैं, पहले उन पर ‘विकास शुल्क’ नहीं लगता था। अब लाल डोरा में आने वाली संपत्तियों पर भी कलेक्टर रेट पर ‘विकास शुल्क’ देना पड़ेगा.

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