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अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर हरियाणा सरकार के अड़ियल रवैये के खिलाफ आन्दोलन पर उतारू थे बिजली कर्मी
यूनियन ने 22 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल करने का ऐलान किया था
बिजली मंत्री के साथ गुरुग्राम में हुई एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के नेताओं की बैठक
सुभाष चौधरी
गुरुग्राम :(HSEB workers strike) हरियाणा के बिजली कर्मियों ने अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया है। इस घोषणा से प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली है जबकि सरकार और एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के बीच उत्पन्न गतिरोध समाप्त होने के संकेत मिले हैं। सरकार के अड़ियल रवैए के कारण यूनियन ने 22 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल करने का ऐलान किया था।
आज की बैठक में क्या हुआ ?
एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के प्रदेश उप महासचिव मुकेश भयाना ने बताया कि बिजली कर्मियों की 15 सूत्री मांग को लेकर प्रदेश सरकार से लगातार बातचीत चलती रही थी. लेकिन सरकार यूनियन की मांग पर तवज्जो नहीं दे रही थी. सरकार के अड़ियल रवैया के कारण एचएसईबी वर्कर्स यूनियन ने सर्वसम्मति से 22 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया था.
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला के साथ गुरुग्राम में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र सिंह बेनीवाल, महासचिव सुनील खटाना, मुख्य संगठन कर्ता महावीर पहलवान और यूनियन की वार्ता समिति के सभी सदस्यों ने अहम बैठक की.
इस बैठक में बिजली मंत्री ने यूनियन की मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया. उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री ने यूनियन से वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की दृष्टि से 22 फरवरी की हड़ताल का आह्वान वापस लेने की अपील की।
बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला की अपील पर एचएसईबी वर्कर यूनियन ने फिलहाल 22 फरवरी की हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है . यूनियन के महासचिव सुनील खटाना ने बताया कि बिजली मंत्री के साथ हुई बैठक सकारात्मक रही है। यूनियन की अधिकतर मांगों के प्रति उन्होंने आश्वस्त किया है. लेकिन इन पर अंतिम फैसला बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और बिजली निगमों के एमडी के साथ होने वाली बैठक में लिया जाएगा.
बिजली मंत्री क्या बोले ?
इस संबंध में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने मीडिया को बताया कि बिजली विभाग के एससी एस पी के दास 1 सप्ताह की छुट्टी पर हैं. उनके वापस आने के बाद बिजली कर्मियों की मांगों पर विचार के लिए बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें यूनियन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिजली कर्मियों की मांग पर अमल करने के लिए वित्तीय और तकनीकी पहलुओं का विश्लेषण करना होगा.
उन्होंने कहा कि इनमें से जो मांगे व्यवहारिक होंगी. उस पर विचार किया जाएगा. उनका कहना था कि प्रदेश सरकार बिजली कर्मियों के साथ बातचीत का क्रम जारी रखना चाहती है। सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार रहती है लेकिन धमकी के आगे नहीं झुकेगी. उनकी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा.
यूनियन की क्या है मांग ?
उल्लेखनीय है कि एचएसईबी वर्कर्स यूनियन की ओर से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में अपनी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए 22 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल करने का नोटिस दिया गया था। एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के महासचिव सुनील खटाना के अनुसार उनकी 15 सूत्री मांगों में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को रद्द करने , पुरानी पेंशन को बहाल करने ,सभी कर्मचारियों को रिस्क अलाउंस देने , कच्चे कर्मचारियों को योग्यता अनुसार समान काम समान वेतन का लाभ देने , कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने ,
निजीकरण पर रोक लगाकर स्थाई भर्ती करने व ठेकेदारी प्रथा को बंद करने, एक्स ग्रेशिया पॉलिसी बिना किसी शर्त के लागू करने, क्लीनिकल कर्मचारियों को भी तकनीकी कर्मचारियों की तर्ज पर वर्दी देने, पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर व्हीकल अलाउंस बढ़ाए जाने, आरटीएस एक्ट को वापस लेने, कैशलैस मेडिकल कार्ड को हरियाणा सरकार की वेबसाइट से लिंक किए जाने,
सभी रेगुलर कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बिजली की 1000 फ्री यूनिट का लाभ देने, वंचित कर्मचारियों को इंटर यूटिलिटी बदलने का एक मौका देने, नवनियुक्त एलडीसी एवं यूडीसी को अपने गृह जिला में नियुक्त करने और फीचरिंग के दौरान खत्म किए गए पदों को दोबारा लागू करने की मांग प्रमुख है।
वार्ता विफल होने पर फिर हो सकती है हड़ताल :
प्रदेश के बिजली मंत्री रंजीत सिंह चौटाला के साथ आज गुरुग्राम में हुई बैठक के बाद एचएसईबी वर्कर्स यूनियन ने 22 फरवरी की हड़ताल तो स्थगित कर दी है लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर आने वाले समय में सरकार के साथ उनकी मांगों को लेकर सहमति नहीं बनती है तो यूनियन हड़ताल पर जाने का ऐलान पुनः कर सकती है।
इस ऐलान से फिलहाल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को राहत तो मिली है लेकिन आने वाले समय में तापमान बढ़ने के साथ ही अगर सरकार और बिजली यूनियन के बीच तकरार बढ़ी तो लोगों को गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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