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गुरुग्राम 21 फरवरी (haryana news): सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के गुरुग्राम व फरीदाबाद मंडल के अंतर्गत पड़ने वाले जिलों की भजन पार्टियों तथा खंड प्रचार कार्यकर्ताओं की चार दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन सोमवार को विशेषज्ञों ने प्रचार अमले को संगीत को बेहतर करने और प्रचार को प्रभावी बनाने के गुर सिखाए।
यह कार्यशाला सिविल लाइन्स स्थित स्वंतत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल परिसर में आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला के दूसरे दिन राजकीय महाविद्यालय सैक्टर-14 के संगीत प्राध्यापक लोकेश ने प्रचार अमले को संगीत की बारिकियां समझाई और स्वयं भी वाद्य यंत्रों पर धुन बजाकर गीत गाने की शैली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने स्वयं हरियाणा की बेटियों की उपलब्धियांे पर एक गीत प्रस्तुत भी किया।
उन्होंने कहा कि प्रचार अमले को राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम तथा राष्ट्रीय गान ना केवल अच्छी तरह याद हो बल्कि उसका प्रस्तुतिकरण भी सही ढंग से हो , उसमें उच्चारण तथा शब्दों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। श्री लोकेश ने संगीत में प्रयोग होने वाली मात्राओं के बारे में जानकारी दी और भजनपार्टियों से गीतों का मुखड़ा और अंतरा सुनकर उनका अभ्यास भी करवाया।
संगीत विशेषज्ञ डॉक्टर लोकेश ने प्रचार अमले को संगीत की विधाओं , स्वरों की बारीकी से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने मन से किसी स्वर व संगीत को बनाते हैं तो वह अपने आप में एक अनूठी पहल बन जाती है। सभी कलाकारों को पूरी श्रद्धा से अपने स्वर गाने चाहिएं जिससे कि सुनने वाले आनन्द महसूस कर सकें व गाते समय ध्यान रखा जाए कि उसमें कोई भी अभद्र भाषा का प्रयोग ना हो ।
पूर्व जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी रणबीर सिंह दहिया ने इस मौके पर बताया कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की भजन मंडली अपने प्रचार प्रसार का कार्य धरातल पर करती हैं जिससे कि सरकार की उपलब्धि जनता के बीच में पहुंच पाती है। उन्होंने कहा कि ये प्रचार मंडलियां गांव-गांव जाकर सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियांे के बारे में भी लोगों को जागरूक करती हैं। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क विभाग सरकार की आंख ,नाक व कान होता है जोकि सरकार की योजनाओं के बारे में लोगो को जागरूक करते हैं।
संयुक्त निर्देशक रणवीर सिंह सागवान ने कहा कि समय की मांग के अनुसार विभाग को समय-समय पर ऐसी कार्यशाला की जरूरत होती है जिससे कि विभाग के प्रचार अमले के कर्मचारियों को सरकार की उपलब्धियों बारे पूर्ण रूप से जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर विभाग के गीत एवं नाटक अधिकारी रहे राजबीर भारद्वाज व कई हरियाणवी फिल्मों के लिए गीत लिख चुके मांगेराम खत्री भी उपस्थित रहे जिन्होंने अपने अनुभवों को सांझा करने के साथ-साथ अच्छे गीतों की रचना करने में कलाकारों की मदद की।
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