सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के गुरुग्राम व फ़रीदाबाद मंडल प्रचार अमले की चार दिवसीय कार्यशाला शरू

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– धरातल पर जाकर लोगों में सरकार के प्रति विश्वास पैदा करने में सरकारी प्रचार अमले का अहम योगदान:  सुधीर सिंगला

गुरुग्राम,20 फरवरी। सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के गुरुग्राम व फरीदाबाद मंडल के अंतर्गत पडऩे वाले जिलों में विभाग की भजन पार्टियों तथा खण्ड प्रचार कार्यकर्ताओं की चार दिवसीय कार्यशाला रविवार को गुरुग्राम के स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् भवन में शुरू हुई। कार्यशाला के उद्धघाटन अवसर पर गुरुग्राम के विधायक श्री सुधीर सिंगला मुख्यातिथि व सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक डा कुलदीप सैनी विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।

श्री सिंगला ने कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करने उपरांत अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार प्रदेशवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निरंतर जनकल्याणकारी नीतियों व पारदर्शी सिस्टम का निर्माण कर रही है। ऐसे में आप सभी भजन पार्टियों व खंड प्रचार कार्यकर्ताओ की यह जिम्मेदारी है कि आप सरकार के जनसेवा कार्यों, उपलब्धियों व अंत्योदय के भाव के साथ बनाई गई नीतियों को आम जनता तक पहुँचायें ।

श्री सिंगला ने कहा कि धरातल पर जाकर लोगों में सरकार व उसकी नीतियों के प्रति विश्वास पैदा करने में आप सभी का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच चूंकि आप सरकार के नुमाइंदे के तौर पर जाते हैं, ऐसे में आप सभी को यह विशेष ध्यान रखना है कि आपके कार्यक्रम में मर्यादित भाषा का प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि आप अपने भजन व लोक गीतों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें व उन्हें बताए कि हमारी सोच में देश हित सर्वप्रथम होना चाहिए। साथ ही लोगों को यह समझाएँ कि कोई भी सरकारी सम्पत्ति को नुक़सान ना पहुँचायें, क्यों कि वो सम्पत्ति भी लोगों की अपनी सम्पत्ति है ।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ कुलदीप सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि आज भले ही आधुनिकता के परिवेश में प्रचार के विभिन्न माध्यम उपलब्ध है लेकिन भजन पार्टियों व खंड प्रचार कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला प्रचार सबसे प्रखर है। उन्होंने कहा कि आज आप लोगों की जिन लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा है उनके पास टीवी, रेडियो व मोबाइल जैसे बड़े संसाधन हैं लेकिन आपके पास जो लोक कला है उसकी तुलना किसी से नही की जा सकती। डॉक्टर सैनी ने लोकगीतों व लोक कला पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सीधे मन से मन का संबंध स्थापित करते हैं। यानी आप अपने गीतों व भजनों के माध्यम से जो कहना चाहते है वह सीधे श्रोताओं के मन मे उतरता है।

डॉक्टर सैनी ने कहा कि सरकार की उपलब्धियों को आंकड़ो के माध्यम से गीतों में पिरोना निश्चित ही एक मुश्किल कार्य है लेकिन विभाग के मेहनती कलाकार धरातल पर जाकर इस कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मुख्यतिथि को भजन पार्टी की विस्तृत कार्यशैली के बारे में भी अवगत कराते हुए कहा कि यह अनूठा प्रयोग करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य था जिसमें लोक कलाकारों द्वारा ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों को उन्ही की शैली में सरकार की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रचार अमला धरातल स्तर पर आम लोगों से जुड़ा होता है जो समय के अनुसार प्रचार माध्यमों में हो रहे बदलावों से भली भांति परिचित होता है। ऐसे में जरूरी है कि प्रचार अमले से फीडबैक लेकर स्वयं को अपडेट किया जाए। उन्होंने कहा कि इस चार दिवसीय कार्यशाला में सरकार की उपलब्धियों पर आकर्षक लोक गीत बनाएं और इन लोक गीतों को आकर्षक तरीके से जनता तक पहुचांए।

इस मौके पर गुडग़ांव में नियुक्त सूचना एवं जनसपंर्क विभाग के संयुक्त निदेशक रणबीर सिंह सांगवान ने आये हुए अतिथियो का स्वागत किया और चार दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चंडीगढ़ मुख्यालय से मिले निर्देशों के तहत प्रत्येक वर्ष प्रदेशभर में ऐसी मंडल स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। कोरोना के चलते पिछले दो साल में यह कार्यशाला का आयोजन नहीं हो पाया। अब महामारी का प्रकोप कम होने पर प्रचार अमले को अप्डेट करने के लिए कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में राज्य सरकार की नीतियों व उपलब्धियों के प्रचार को किस प्रकार से और अधिक प्रभावी बनाया जाए व मौजूदा वर्ष में सरकार द्वारा जनहित में लिए गए निर्णयों व बनाई गई नीतियों को गीतों का रूप प्रदान किया जाता है।

श्री सांगवान ने कहा कि ग्रामीण अंचल में जो लोग टीवी, रेडियों, समाचार पत्र या अन्य संचार माध्यमों से दूर रहते है उन तक सरकारी योजनाएं केवल इस प्रचार अमले के सदस्य ही पहुंचा सकते हैं। उन्होने कहा कि प्रचार अमले के सदस्य गांव के भोले-भाले लोगो को यह ज्ञान दे सकते हैं कि किस योजना का लाभ उन्हें कौन से विभाग से प्राप्त हो सकता है तथा उन्हें लाभ लेने के लिए किस अधिकारी से संपर्क करना होगा।
श्री सांगवान ने कहा कि समय की मांग के अनुसार विभाग को अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने प्रचार अमले से कहा कि यदि उन्हें लगता है फील्ड में कोई अच्छा कलाकार है जिससे वे सीखना चाहते है तो विभाग कार्यशाला में ऐसे रिसोर्स पर्सन को अवश्य आमंत्रित करेगा ।

कार्यशाला में गुरुग्राम के वरिष्ठ रंगकर्मी महेश वशिष्ठ ने अपने व्यख्यान में कहा कि गीत और संगीत इंसान की जन्मजात फितरत है। आप जीवन में कितने भी भाषण या प्रवचन सुन लीजिए आपकी यादों में वही चीज रहेगी जो संगीतबद्ध है। उन्होनें कहा कि बदलते समय के साथ संगीत के क्षेत्र में भी काफी बदलाव हुए है। आज के परिवेश में आप अपनी मर्यादा का स्तर गिराकर जल्दी प्रसिद्ध हो सकते हैं लेकिन वो प्रसिद्धि बरकार नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि खराब होकर प्रसिद्धि पाना यह सफलता का सबसे सुगम मार्ग है लेकिन संयम व मर्यादित व्यवहार से सफल होना यही जीवटता है।

श्री वशिष्ट ने मानव जीवन में संगीत के सफर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी ज्ञान की सबसे बड़ी किताब प्रकृति है। प्रकृति हमारे जीवन में कला का सबसे बड़ा स्रोत है। जो प्रकृति के जितने नजदीक रहेगा उसकी कला में उतना ही निखार कर आएगा। श्री वशिष्ठ ने इस दौरान कलाकारों से बातचीत कर उनकी संगीत को लेकर विभिन्न शंकाओं व जिज्ञासाओं का समाधान कर उनका ज्ञानवर्धन किया।

इस मौके पर विभाग के गीत एवं नाटक अधिकारी रहे राजबीर भारद्वाज सहित कई हरियाणवी फिल्मो के गीत लिख चुके मांगे राम खत्री भी उपस्थित थे जो अपने अनुभवों को सांझा करने के साथ साथ अच्छे गीतों की रचना करने में उनकी मदद भी करेंगे।

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