भिवानी, 20 फरवरी। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने शहरी निकाय विभाग की ओर से डेवलमेंट जार्च के रेट में 10 से 20 गुना से भी अधिक वृद्धि करने के फैसले को जनविरोधी बताते हुए प्रदेश सरकार से इसे वापिस लेने की मांग की है। बुवानीवाला ने कहा कि इस फैसले से आम आदमी की कमर टूटने वाली है। उन्होंने कहा कि शहरी नागरिकों पर ये फैसला जबरदस्ती थोपा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगर निगम क्षेत्रों में रह रहे लोगों से सरकार अब भारी-भरकम डेवलपमेंट चार्ज वसूलेगी। जिसके कारण 100 वर्ग मीटर प्लाट का नक्शा पास कराने के लिए सरकारी खाते में दो लाख रुपए जमा कराने होंगे। साथ ही पहले से जमा विकास शुल्क वाले खाली प्लाटों पर भी निर्माण के पूर्व डिफरेंस रकम देने के बाद ही कंस्ट्रक्शन की अनुमति मिलेगी।
बुवानीवाला ने कहा कि ये जनविरोधी फैसला आम जनता से फिरौती वसूलने जैसा है। उन्होंने कहा कि पुराने शहरी क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया है जिस कारण पहले से जमा खाली प्लाटों का भी नए रेट से भुगतान करना होगा और पुराने भवनों के पुनर्निर्माण पर भी बढ़ी दर से शुल्क देना होगा। बुवानीवाला ने कहा कि शहरी क्षेत्र के लोगों के मोबाइल पर गृहकर के साथ भारी भरकम राशि के डेवलपमेंट चार्ज जोड़े जाने के एसएमएस भी भेजे जाने लगे हैं जिसके बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई।
बुवानीवाला ने आारोप लगाते हुए कहा कि नगर निकायों की ओर से शहर के लोगों को परेशान किया जा रहा है। पहले लोग गृहकर को ठीक कराने के लिए चक्कर काटने पड़े। अब निगम ने गृहकर के साथ डेवलपमेंट चार्ज, पानी व सीवर के बिल जोडक़र भेज दिए गए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले 2 वर्षों से बदहाल आम जनता शहरी विभाग के इस फैसले का बोझ उठाने में सक्षम नहीं है। स्थिती ये बन गई है कि शहरी नागरिकों को अब या तो कर्ज उठाकर या फिर उसी संपति को बेचकर ये शुल्क भुगकतना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों में भी डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर इतनी भारी भरकम वसूली नहीं की जा रही है जितनी प्रदेश सरकार करने जा रही है। प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों ने भी डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर इतना भारी-भरकम बोझ प्रदेश की जनता पर कभी नहीं डाला था। वर्तमान भाजपा-जजपा सरकार का ये जनविरोधी फैसला क्रूरतम है, जिसे जल्द से जल्द वापिस लेकर आम जनता को राहत दी जानी चाहिए।