क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर में ऐसा होते देखा है ? अगर नहीं तो चले आइये गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर !

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सुभाष चौधरी 

गुरुग्राम :  क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर की सबसे व्यस्ततम और मुख्य सड़क पर 1 वर्षों तक पेयजल आपूर्ति पाइपलाइन टूटने से लगातार पेयजल बर्बाद होते देखा है ? अगर नहीं  ! तो चले आइए देश के सबसे तेज गति से आर्थिक विकास करने वाले हरियाणा राज्य की व्यावसायिक राजधानी गुरुग्राम में . साइबर सिटी के नाम से प्रसिद्ध इस औद्योगिक शहर में 1 दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारी मौजूद हैं लेकिन यहां की सबसे व्यस्त न्यू रेलवे रोड पर आप यह नजारा देखकर इस शहर की बदहाल व्यवस्था पर थोड़ा आंसू बहा सकेंगे.  जी हां न्यू रेलवे रोड पर  स्थित टैम्पो स्टैंड के पास लगभग 1 वर्ष से पेयजल आपूर्ति पाइपलाइन में लीकेज है जिसने सड़क पर गड्ढे बनाने और पेयजल आपूर्ति की बर्बादी का 1 वर्ष का रिकॉर्ड कायम कर लिया है। अब यह दूसरे वर्ष में प्रवेश करते हुए अपना दूसरा रिकॉर्ड बनाने को अग्रसर है और संभव है लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी यह घटना दर्ज होन के काबिल बन जाय .

क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर में ऐसा होते देखा है ? अगर नहीं तो चले आइये गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर ! 2यही नहीं आसपास के दुकानदारों और यहां से गुजरने वाले हजारों वाहन चालकों का कहना है कि पिछले 1 वर्ष से लगातार गुरुग्राम नगर निगम, गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जी एम् डी ए ), जिला उपायुक्त गुरुग्राम और गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला को तो लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत कर इसकी मरम्मत कराने की गुहार लगाते ही रहे साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी कई बार इस संबंध में ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी गई। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री और सभी अधिकारी डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने में अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकते उनमें से किसी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से की गई इस शिकायत पर अब तक कोई तवज्जो नहीं दी है। यहाँ यह भी जानना दिलचस्प है यह स्थान स्थानीय विधायक सुधीर सिंगला के आवास से भी बहुत अधिक दूरी पर नहीं है इलाके का पार्षद भी आसपास ही रहते हैं .  क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर में ऐसा होते देखा है ? अगर नहीं तो चले आइये गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर ! 3

एक आवाज संस्था जो लगातार शहर में जन समस्याओं को सामाजिक और प्रशासनिक फॉर्म पर ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यम से उजागर करने को सक्रिय रहती है ने लगातार इस मामले को लेकर सभी संबंधित पक्षों को सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगाते हुए इस स्थिति में सुधार लाने की मांग की. लेकिन अब तक न तो नगर निगम का ध्यान इस ओर गया है और ना ही पीडब्ल्यूडी जो इस सड़क का मालिक है का भी ध्यान इस दिशा में गया। निगम के चीफ इंजिनियर से लेकर पी डब्ल्यू डी के अधीक्षण अभियन्ता तक इस शहर में तैनात हैं और दिन रात शहर को सुविधा संपन्न बनाने की चिंता में लगे रहते हैं.

क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर में ऐसा होते देखा है ? अगर नहीं तो चले आइये गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर ! 4यह बात भी सोचने योग्य है कि इस सड़क से प्रतिदिन दर्जनों अधिकारी अपने गाड़ियों में बैठकर गुजरते होंगे और सड़क पर जमा पानी एवं गड्ढे का दर्शन भी अवश्य उनको होता होगा लेकिन किसी ने इस अव्यवस्था को सुधारने की दिशा में अब तक नहीं सोचा।

कहना न होगा कि गुरुग्राम का प्रशासनिक तंत्र किस कदर निष्क्रिय और संवेदनहीन है इसका स्पष्ट प्रमाण गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर लगभग 1 वर्ष से सड़क पर बहता पेयजल और गड्ढे दे रहे हैं। कहते हैं प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता ?  यह कहावत इस मामले में पूरी तरह चरितार्थ होती दिख रही है और जनता इस स्थिति को झेलने को मजबूर है।क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर में ऐसा होते देखा है ? अगर नहीं तो चले आइये गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर ! 5

अगर बात की जाए पिछले 5 से 7 वर्षों की तो न जाने हरियाणा में जन समस्याओं के समाधान के लिए कितने ऐप, वेबसाइट और अन्य शिकायत निवारण के प्लेटफार्म क्रिएट कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई.  इस प्रकार के दर्जनों डिजिटल माध्यम बना कर वाहवाही लूटने  और  केंद्तर सरकार से पुरस्कार लेने पर अबतक  लाखों व करोड़ों खर्च किये जा चुके हैं. लेकिन सब के सब कोरा बकवास साबित हुआ है. अगर नहीं तो इस समस्या को लेकर नगर निगम या फिर जिला प्रशासन संजीदगी अवश्य दिखाता। यहां हमेशा ढाक के तीन पात ही दीखते हैं क्योंकि अधिकारियों की नजर जनता को सुविधाएं मुहैया कराने पर नहीं बल्कि अपनी माली हालत सुधारने पर ज्यादा रहती है. जगजाहिर है कि यहाँ तैनात हर अधिकारी प्रॉपर्टी डीलिंग में ज्यादा समय देते हैं जबकि जनता जाए भाड़ में। यहाँ से ट्रान्सफर होने के बाद उनकी आय और संपत्ति की निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो शायद कोई मिले जो अरबपति नहीं बनता .

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आसपास के दुकानदार बताते हैं कि यहां से गुजरने वाली पेयजल की पाइप लाइन में लीकेज है जिससे 1 वर्ष से भी अधिक समय से पानी लगातार व्यर्थ बहता रहता है। लगातार पानी खड़ा रहने से सड़कों में गड्ढे हैं जहां से गुजरने में वाहनों को अनावश्यक तौर पर अपनी गति धीमी करनी पड़ती है. परिणामतः यातायात जाम की स्थिति अक्सर इस जगह देखने को मिलती है। मौसम चाहे कोई भी हो यहां आपको सालों भर पानी खड़ा दिखेगा। जनता शिकायत करते हुए थक चुकी है. बारंबार प्रशासन से अपने अधिकार के लिए बेचारगी के भाव में अपील कर रही है. लेकिन अधिकारी और कर्मचारी बेफिक्र अपनी धुन में मस्त हैं और जनता त्रस्त है।

भला हो एक आवाज जैसी संस्था का जिसके सदस्य इन हालात को देखकर भी शिकायतें करते थकते नहीं है अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन लगातार कर रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे गुरुग्राम प्रशासन की तासीर अनदेखी करना बन गई है क्योंकि यहां जब तक बड़ा हादसा ना हो तब तक  प्राशासनिक तंत्र सक्रिय नहीं होते और सक्रिय भी अगर होंगे तो विषम परिस्थिति के लिए किसी आम आदमी को ही जिम्मेदार ठहरा कर उसके खिलाफ कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ लेंगे. क्या आपने किसी अंतर्राष्ट्रीय शहर में ऐसा होते देखा है ? अगर नहीं तो चले आइये गुरुग्राम के न्यू रेलवे रोड पर ! 7

इस शहर की मुख्य सड़क की यह हालत तो तब है जब गुरुग्राम में महीने में कम से कम 8 से 10 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं पधारते रहते हैं और अक्सर आलीशान पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में उनका प्रवास भी होता है. बड़े अधिकारियों के साथ उनकी बैठकों का दौर भी चलता है. अधिकारी उन्हें सब कुछ ठीक है और विकास द्रुत गति से चल रहा है इसका आश्वासन भी देते हैं.  लेकिन प्रशासन की सक्रियता का उदाहरण सामने है. वैसे गुरुग्राम न्यू रेलवे रोड का यह मामला तो एक छोटी सी बानगी है. अगर आप इस शहर की चारों दिशाओं का संजीदगी से मुआयना कर लें तो संभव है व्यवस्था से आपका भरोसा सदा के लिए उठ जाएगा ।

बहरहाल शहर की जनता ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और लगातार इस मुद्दे को लेकर ट्वीट पर ट्वीट किए जा रही है.  इस आशा और उम्मीद के साथ कि कभी न कभी तो नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों की नींद टूटेगी और हालात बदलेंगे या हरियाणा सरकार का सफ़ेद हाथी जी एम् डी ए  इसकी खोज खबर लेगा ।

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