वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आकड़ों के बाउंसर से विपक्ष को घायल कर दिया, लोकसभा से वाक आउट कर गई कांग्रेस

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सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आम बजट 2022- 23 पर बहस का विस्तार से जवाब दिया और आंकड़ों के आधार पर विपक्ष की बोलती बंद कर दी.  लगभग पौने 2 घंटे के अपने लंबे जवाब में कई बार कई सवालों को लेकर उनकी विपक्ष के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई.  वित्त मंत्री ने एक तरफ यूपीए शासनकाल में हुए  1 दर्जन से अधिक बड़े-बड़े घोटाले की चर्चा की तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी सरकार की दर्जनों योजनाओं का ब्यौरा रखते हुए देश की आर्थिक व्यवस्था को समृद्ध बताया.  उन्होंने रोजगार सृजन को लेकर विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों का भी जवाब दिया जबकि महंगाई को लेकर यूपीए शासनकाल के दौरान  और वर्तमान शासन काल  के उपभोक्ता महंगाई सूचकांक  का तुलनात्मक तथ्य रखते हुए कांग्रेस पार्टी को संसद से वाकआउट करने पर मजबूर कर दिया.  वित्त मंत्री ने एफडीआई और विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक तेज गति से रिकवरी होने का दावा किया.

 

उल्लेखनीय है कि गत 1 फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23  पेश किया था. परंपरा के अनुसार आम बजट पर  लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में बहस कराई जाती है.  इसमें पक्ष और विपक्ष के सांसद  सरकार की नीतियों  का विश्लेषणात्मक तथ्य और सुझाव रखते हैं और चर्चा के अंत में वित्त मंत्री सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों का विस्तार पूर्वक जवाब देते हैं.  लोकसभा में आम बजट पर  लगभग साढ़े 13 घंटे से भी अधिक समय तक चर्चा चली.  गुरुवार देर शाम केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जवाब दिया.

 

वित्त मंत्री ने खासकर कांग्रेस पार्टी की ओर से उठाए गए सवालों को लेकर विपक्ष पर तगड़ा हमला बोला.  उन्होंने यूपीए शासनकाल 2004 से 2014 के बीच हुए दर्जनों बड़े घोटाले की चर्चा करते हुए उसे देश के लिए अंधकार या राहुकाल बताया .  गौरतलब है कि चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल को राहु काल की संज्ञा दी थी.  इसके जवाब में ही आज वित्त मंत्री ने उनके शासनकाल की याद दिलाते हुए  2 अंकों वाली महंगाई दर,  कोयला घोटाला,  2G स्कैम,  अंतरिक्ष देवास स्कैम और 2008 के दौरान ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस में बदहाल आर्थिक व्यवस्था का जिक्र करते हुए विपक्ष को आईना दिखाया.

 

 

 सीतारमन ने कहा कि देश के लिए वर्तमान समय वास्तव में अमृत काल है क्योंकि दर्जनों लोकहित की योजनाएं पिछले 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू की है.  इनमें जन धन योजना,  आत्मनिर्भर भारत योजना,  स्टार्टअप इंडिया,  मेक इन इंडिया,  महिला सशक्तिकरण योजना,  किसानों के लिए आर्थिक सहायता योजना,  स्व निधि योजना,  स्ट्रीट वेंडर्स कल्याण योजना,  पीएम आवास योजना,  हर घर बिजली योजना,  नल से जल योजना,  एमएसएमई सेक्टर को आर्थिक सहयोग देने वाली योजना,  औद्योगिक विकास के लिए शुरू की गई कई बड़ी पी एल योजना और देश के टायर दो एवं तीन स्तर वाले शहरों के आधुनिकीकरण की योजना को विस्तार से रखा. 

 

 वित्त मंत्री ने कहा कि जन धन योजना में अब तक 44. 58 करोड़ अकाउंट खुल चुके हैं  जबकि इन अकाउंट में 1.57 लाख करोड़ राशि जमा हुई है.  इनमें से 55. 6  प्रतिशत अकाउंट महिलाओं द्वारा खोले गए हैं.  उन्होंने 44 यूनीकार्न और कंपनियों की चर्चा की जबकि  स्वामित्व योजना में 33 करोड़ लोगों के जुड़ने की बात की.  प्रधानमंत्री आवास योजना के मामले में उन्होंने कहा कि अब तक तीन करोड़ आवास स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से दो करोड़ आवास लोगों को आवंटित कर दिए गए.

 

 उनका कहना था कि पीएलआई योजना के तहत थर्मल पावर प्लांट के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है जबकि 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल,  चार मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क,  टायर दो एवं तीन स्तर के शहरों  में आधारभूत संरचनाओं को आधुनिक बनाने पर बल दिया जा रहा है.

 

 उन्होंने कहा कि डिजिटल एजुकेशन,  डिजिटल करेंसी,  डिजिटल बैंकिंग,  एनीमेशन, विजुअल इफैक्ट्स, गेमिंग और डिजिटल मीडिया जैसे क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की दिशा में सरकार अग्रसर है.  उन्होंने कहा कि बहुत जल्द 5G टेक्नोलॉजी भी देश में शुरू हो जाएगी जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा. 

 

 उनका कहना था कि केवल एक पीएलआई योजना में अगले 5 वर्षों में 60 लाख रोजगार का सृजन करने की बात की गई है न की सभी योजनाओं को मिलाकर.  उनका कहना था कि रोजगार को लेकर विपक्ष की आशंका निर्मूल है क्योंकि इसके लिए कई बड़ी योजनाएं पहले से चल रही हैं जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा.  उन्होंने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी के इंप्लीमेंटेशन से,  खेलो इंडिया फिटनेस इंडिया योजना,  डेढ़ लाख पोस्ट ऑफिस को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने,   स्टार्ट अप इंडिया,  एग्रो स्टार्टअप,  एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने की योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार सुजन होंगे.

 

 आम बजट में बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी  और शशि थरूर द्वारा उठाए गए सवालों का आकड़ों के सहारे जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना अमेरिकी एवं यूरोपियन अर्थव्यवस्था के साथ की.  उन्होंने कहा कि  भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिकी और यूरोपियन देशों की तुलना में बेहद तेज गति से रिकवरी कर रही है.  उन्होंने वर्ष 2008 में वैश्विक मंदी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के हालात की तुलना कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक स्थिति से की.  उन्होंने तत्कालीन उपभोक्ता महंगाई सूचकांक और वर्तमान उपभोक्ता महंगाई सूचकांक के आंकड़े रखते हुए विपक्ष को निरुत्तर कर दिया.  उनका कहना था कि यूपीए शासनकाल में  वर्ष 2008 में उपभोक्ता महंगाई सूचकांक 9.1  प्रतिशत था जबकि वर्तमान में यह 6.2  प्रतिशत है.  उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में तब की परिस्थिति की तुलना में बेहतर तरीके से अर्थव्यवस्था को मैनेज किया गया. 

 

 उन्होंने महंगाई के मामले पर भी विपक्ष के तर्क को यह कहते हुए निराधार बता दिया कि 2008- 09  के दौरान महंगाई दर दोहरे अंक में थी जबकि अभी सिंगल डिजिट में है.  हालांकि उन्होंने माना कि इस मामले पर सरकार को अभी बहुत कुछ करना है और इसके लिए सरकार संजीदा है.  उन्होंने कहा कि महंगाई को नियंत्रित करने की दृष्टि से ही खाद्य तेल का आयात करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने देश के करंट अकाउंट .9  प्रतिशत सरप्लस होने की बात की.  वित्त मंत्री ने रियल जीडीपी ग्रोथ दर का तुलनात्मक विश्लेषण भी संसद में रखा.  उनका कहना था कि यूपीए शासनकाल में एफडीआई 8.3  बिलियन यूएस डॉलर था जबकि वर्तमान में यह 80.1  बिलियन यूएस डॉलर है.

 

 वित्त मंत्री ने बजट पर भी चर्चा का जवाब देते हुए कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाने के पीछे केंद्र सरकार की सोच का उल्लेख भी किया.  उनका तर्क था कि रिवेन्यू एक्सपेंडिचर में खर्च करने से रिकवरी एक रुपए में से केवल 45 पैसे होने का अनुमान लगाया गया जबकि कैपिटल एक्सपेंडिचर करने से एक रु से 2.45  रुपए  की रिकवरी होने की संभावना है.  साथ ही दूसरे वर्ष इससे 3. 14  रुपए रिकवरी होने की संभावना है.  इसलिए कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. 

 

वित्त मंत्री ने रिवेन्यू डिफिसिट लगातार कम होने का दावा किया जबकि वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े, बजट और इकोनामिक सर्वे में मिस मैच होने संबंधी विपक्षी सांसदों के सवालों का भी तर्कपूर्ण जवाब दिया.  उन्होंने स्पष्ट किया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का आकलन उनके अपने श्रोत पर आधारित होता है जबकि बजट का आकलन एनएसओ के आंकड़े पर आधारित होता है. 

 

 वित्त मंत्री ने मनरेगा सहित कई योजनाओं में अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित करने के सवाल का भी आंकड़ों के माध्यम से जवाब दिया.  उन्होंने कहा कि कई योजनाएं ऐसी हैं जिनमें बजट आवंटन अगर कम है तो उसे ऑन डिमांड बढ़ाया जाता है.  अपने इस तर्क के संबंध में उन्होंने मनरेगा,  सोशल वेलफेयर स्कीम,  एजुकेशन,  हेल्थ,  एससी एसटी,  एमएसएमई मुद्रा योजना,  फर्टिलाइजर सब्सिडी योजना और खाद्य सुरक्षा योजना के लिए बजट आवंटन और ऑनडिमांड दिए गए वास्तविक आवंटन के पिछले कई वर्षों के आंकड़े रखते हुए विपक्षी सांसदों की आशंका को साफ कर दिया.

 

 सरकारी कंपनियों की बदहाली के सवाल पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कांग्रेस पार्टी को यूपीए शासनकाल में की गई बद इन्तजामी के लिए आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कटघरे में खड़ा कर दिया.  उन्होंने कहा कि 2004 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को लाभकारी कंपनी के रूप में यूपीए सरकार को सौंपा था जिसे यूपीए शासनकाल में जानबूझकर बर्बाद कर दिया गया.  उन्होंने दावा किया कि आज दोनों कंपनियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण दोबारा पुनर्जीवित हो गई है और लंबे समय बाद पहली बार लाभ में आ गई है.  उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में 2010 के दौरान वार्षिक लाइसेंस के लिए रीइंबर्समेंट का वायदा किया गया था लेकिन यह नहीं किया गया उल्टे एमटीएनएल से ऑक्शन प्राइस के रूप में 11000 करोड रुपए भुगतान करने के लिए बाध्य कर दिया गया . वित्त मंत्री ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने तीन तीन बार इसकी  एक्सपेंशन के लिए टेंडरिंग प्रोसेस को जानबूझकर डिले किया और पोस्टपोंड किया जिसके कारण बीएसएनल की हालत बदतर हुई.  उन्होंने कहा कि 2005 में बीएसएनल की मार्केट शेयर 19% थी जबकि तत्कालीन सरकार के  असहयोगात्मक रवैया के कारण यह केवल 7.96  प्रतिशत रह गया. 

 

 उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अक्टूबर 2019 में इसको पुनर्जीवित करने के लिए 69000 करोड रुपए दिए.  वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों का पैसा भी दिया.  सभी प्रकार के उच्च ब्याज दर वाले कर्ज से भी इस कंपनी को मुक्ति दिलाई गई.  अब बीएसएनल को 4G तकनीक दे दी गई है जल्द ही इसे 5G भी दिया जाएगा. वित्त मंत्री के तीखे  तेवर पर कांग्रेस पार्टी के सांसद हंगामा करने लगे.  वित्त मंत्री ने उन्हें बीएसएनएल और एमटीएनएल के मुद्दे पर पिछला रिकॉर्ड खंगालने और इसका जवाब देने की विपक्ष को चुनौती दी.  नोकझोंक काफी बढ़ गई और अंततः कांग्रेस पार्टी के सांसद लोकसभा से वाकआउट  कर गए.

 

 इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें  यह कहते हुए ललकारा कि  जब प्रधानमंत्री पर अनाप-शनाप आरोप लगाते हैं तो उन्हें भी उनके तर्क और आंकड़े को सुनने की सहनशीलता दिखानी चाहिए. उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस पार्टी को वास्तविकता का सामना करने का नैतिक बल नहीं है. 

उन्होंने चर्चा के दौरान रक्षा क्षेत्र के लिए बजट आवंटन का सवाल खड़ा करने के लिए विपक्ष की जमकर आलोचना की.  उन्होंने खासकर कांग्रेस पार्टी के सांसदों को रक्षा क्षेत्र के मामले में राजनीति नहीं करने की नसीहत दी.  उन्होंने कहा की डिफेंस सेक्टर के लिए सरकार हमेशा आर्म्ड फोर्सेस हेड क्वार्टर की ओर से दिए गए सुझाव के आधार पर ही निर्णय लेती है.  इसलिए विपक्ष का अनाप-शनाप सवाल निराधार है .

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