एनवाईकेएस के युवा स्वयंसेवकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का पायलट प्रोजेक्ट शुरू

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मुख्य बातें:

  • इस पहल का उद्देश्य 1.4 से 2 मिलियन युवाओं को जीवन से जुड़े आवश्यक कौशल एवं व्यक्तित्व विकासराष्ट्र निर्माणनागरिकों के साथ जुड़ावसामुदायिक एकजुटतासामुदायिक सेवा और सशक्तिकरण के साधनों के बारे में व्यापक पैमाने पर प्रशिक्षित करना है।
  • प्रायोगिक प्रशिक्षण का हिस्सा बनने वाले 100 स्वयंसेवक जल्द ही दस लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने की नींव रखेंगे: श्री अनुराग ठाकुर

 नई दिल्ली :   केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज एनवाईकेएस युवा स्वयंसेवकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण के प्रायोगिक (पायलट) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर युवा कार्यक्रम विभाग की सचिव श्रीमती उषा शर्मा, क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य (प्रशासन) श्री प्रवीण परदेशी, युवा कार्यक्रम विभाग के संयुक्त सचिव श्री नितेश कुमार मिश्रा और मंत्रालय के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे। यह प्रशिक्षण युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय (एमओवाईएएस) द्वारा संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (यूनीटार) स्थित डिफीट –एनसीडी पार्टनरशिप, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और क्षमता निर्माण आयोग, भारत सरकार के बीच समग्र समन्वय के साथ आयोजित किया गया है।

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इस अवसर पर बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मोदी सरकार भारत के युवाओं को कुशल बना रही है और उन्हें वैश्विक बाजार की जरूरतों के हिसाब से रोजगार के लिए तैयार कर रही है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, सेवा क्षेत्र और कुल मिलकर संपूर्ण अर्थव्यवस्था में युवाओं, शिक्षितों, कुशल श्रमशक्ति को काम पर रखे जाने की अपार संभावनाएं हैं और भारत इस मांग को पूरा करने के लिए कुशल श्रमशक्ति का एक विशाल संसाधन विकसित कर रहा है। इतना ही नहीं, हमने एक मजबूत इकोसिस्टम भी बनाया है जो स्टार्टअप्‍स को पोषित करता है और हमारे युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करता है।

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श्री ठाकुर ने कहा, “भारत की वर्तमान युवा आबादी लगभग 230 मिलियन है। इतने व्यापक स्तर की जनसांख्यिकीय शक्ति के पास राष्ट्र के उत्थान और सभी के जीवन – स्तर को ऊपर उठाने का सामर्थ्य है। युवाओं में देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने की असीम क्षमता है। 21वीं सदी में भारत को एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है जिसके लिए पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है और इसमें युवा अहम भूमिका निभा सकते हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि युवा स्वयंसेवकों ने कोविड महामारी के दौरान अपनी बहुमूल्य सेवाएं दीं और साहसिक कार्यों का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक स्वयंसेवक के रूप में उनके कौशल को विकसित करने में मदद करेगा ताकि वे पूरी प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र की सेवा कर सकें। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इससे उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर उभरने और भविष्य का नायक बनने की यात्रा शुरू करने में मदद मिलेगी।

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जैसाकि प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर दोहराया है कि युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव को श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।

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श्री ठाकुर ने कहा, “यूनिटार और मंत्रालय के बीच की यह साझेदारी युवा प्रतिभागियों के व्यक्तित्व विकास और उनकी आजीविका पर स्थायी प्रभाव डालेगी, साथ ही राष्ट्र निर्माण और समृद्धि को भी बढ़ावा देगी।” केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “यह भारत के युवाओं को सशक्त बनाने और समान विचारधारा वाले, उत्साही लोगों का एक नेटवर्क बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत के युवा इस देश का भविष्य हैं और हमें उनमें निवेश करना चाहिए।” श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस प्रायोगिक (पायलट) प्रशिक्षण की सामग्रियों का चयन सावधानीपूर्वक किया गया है और इसमें वर्चुअल रियलिटी जैसी नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रायोगिक (पायलट) प्रशिक्षण का हिस्सा बनने वाले 100 स्वयंसेवक जल्द ही दस लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने की नींव रखेंगे।

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श्री ठाकुर ने कहा, “व्यक्तिगत प्रगति और सामूहिक स्थितियों में सफलता के लिए आलोचनात्मक सोच की मजबूत क्षमता, पारस्परिक कौशल और नेतृत्व संबंधी क्षमताएं सबसे जरूरी हैं। यह प्रशिक्षण इन कौशलों के निर्माण पर केन्द्रित होगा।”

युवा कार्यक्रम विभाग की सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 12-15 दिनों वाले स्व-गतिशील एवं ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से भारत के युवाओं की पृष्ठभूमि और उनके कौशल की विस्तृत श्रृंखला के अनुरूप संवादात्मक, संवादात्मक उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग करते हुए आयोजित किया जाएगा। शुरुआत में यह प्रशिक्षण अंग्रेजी और हिंदी भाषा में उपलब्ध होगा। बाद में, क्षेत्रीय भाषाओं में भी यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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