– पत्रकार मुकेश भारद्वाज अपने नये उपन्यास “मेरे बाद” को लेकर फिर चर्चा में
-यह उपन्यासस थ्रिलर सस्पेंस के साथ जासूसी के अद्भुत कारनामों पर है आधारित
-इसके मुख्य किरदार में है अभिमन्यु, जो एक मशहूर जासूसी एजेंट है
नई दिल्ली : इस उपन्यास की कहानी कुछ इस तरह है, कहानी की शुरूआत में एक अधेर उम्र के व्यक्ति की मौत हो जाती है। शुरू शुरू में तो लोग इस मौत को साधारण मौत समझते हैं लेकिन जैसे जैसे कहानी आगे बढती है मौत की गुत्थी् अनलुझी पहेली बनती चली जाती है। ऐसे में मौत की गुत्थीह सुलझाने के लिए अभिमन्युै नामक एजेंट सामने आता है, जो परत दर परत इसकी तफतीश में लग जाता है और इस तरह पता चलता है कि यह साधारण मौत नहीं बल्कि आत्म हत्याइ है। आखिर उस अधेर उम्र ने आत्महहत्या क्यों की, इस साजिश के पीछे कौन कौन शामिल है वगैरह वगैरह यह तो उपन्याीस पढने के बाद ही पता चलेगा।
यश पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस रोमांच व थ्रिल से भरपूर उपन्याास में एक ऐसी मौत की पहेली है जिसे पन्ना् दर पन्नाक आप पढते चले जाएंगे आपको बोझिल बिल्कुल महसूस नहीं होगा। इसमें कुल 43 चैप्टर है । हर एक चैप्टर में एक अनोखी कहानी आपके आंखों के सामने पन्ने में समेटे होगी। जासूसी दुनिया के अभिमन्यु को समझना है तो इस किताब को एक बार जरूर पढ़े। कुल मिलाकार उपन्यास ” मेरे बाद” में रहस्य रोमांच और सनसनीखोज दास्तान का अद्भुत मिश्रण आपको पढने को मिलेगा।
इस उपन्यास के कुछ अंश :
जासूसी के पेशे में कदम जमा रहे अभिमन्यु के आत्मविश्वास ने वशिष्ठ परिवार से लेकर आरामतलब पुलिस महकमे को परेशान कर दिया। किशोर वशिष्ठ की मौत की जगह पर वो न आता तो पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान कर केस बंद कर देती और पूरा परिवार बुजुर्गवार के अंतिम संस्कार में जुट चुका होता। ऐसा क्या है अभिमन्यु में जो पुलिस से लेकर वकील की दलील पर भारी पड़ता है।
कभी कासानोवा चार्म को भुनाता तो कभी घोर नैतिक हो जाना। पंजाब की मिट्टी का बेलौस युवा दिल्ली के कमीनेपन का अदरक की चाय की चुस्कियों की तरह मजा ले रहा था।
स्मार्टफोन और तकनीक के हवाले हुई इस दुनिया में अपराध आज भी उतना तकनीकी नहीं है। क्रूर सा दिखता इंसान मक्खी भी मारने में परहेज करता तो कोई नरम दिल की पहचान वाला इंसान को मार कर ही अपना बदला पूरा समझता है। अभिमन्यु को पता है कि अपराध को समझने के लिए इंसान और उसके परिवेश को समझना होगा। जासूसी की दुनिया के इस नए किरदार से रूबरू होईए।\