प्रधानमंत्री ने प्रयागराज का दौरा किया : लाखों महिलाएं उपस्थित थीं, एसएचजी) को 1,000 करोड़ रु हस्तांतरित किए

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प्रधानमंत्री ने व्यवसाय प्रतिनिधि-सखियों को पहले महीने का मानदेय हस्तांतरित किया और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के 1 लाख से अधिक लाभार्थियों को भी धनराशि हस्तांतरित की

प्रधानमंत्री ने पूरक पोषण निर्माण की 200 से अधिक इकाइयों की आधारशिला रखी

“मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसे कार्यक्रम गांव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रहे हैं”

“डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है; उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी”

“महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैपिंयन मानता हूं; ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह हैं””

“बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें; इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है; देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है”

“माफिया राज और अराजकता के ख़त्म होने का सबसे बड़ा फायदा यूपी की बहनों और बेटियों को मिला है”

नई दिल्ली :   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज का दौरा किया और महिलाओं को विशेष रूप से जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के बैंक खातों में 1,000 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की, जिससे एसएचजी की लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को लाभ मिलेगा। धनराशि का यह हस्तांतरण दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत किया जा रहा है, जिसमें 80,000 एसएचजी, सामुदायिक निवेश कोष (सीआईएफ) के अंतर्गत 1.10 लाख रुपये प्रति एसएचजी और 60,000 एसएचजी, चक्रीय निधि (रिवाल्विंग फंड) के रूप में 15,000 रुपये प्रति एसएचजी प्राप्त कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 20,000 व्यवसाय प्रतिनिधि-सखियों (बीसी-सखियों) के खातों में पहले महीने के मानदेय के रूप में 4,000 रुपये हस्तांतरित करके बीसी-सखियों को प्रोत्साहन प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 1 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 20 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि हस्तांतरित की। प्रधानमंत्री ने पूरक पोषण निर्माण की 202 इकाइयों की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने हिंदी साहित्य के महान रचनाकार आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक मां गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है। उन्होंने कहा कि आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों को पूरा देश देख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसे कार्यक्रम,  जिसके तहत उन्होंने आज राज्य की एक लाख से अधिक लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपये हस्तांतरित किए, गांव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान द्वारा लिंग चयनात्मक गर्भपात को रोकने के लिए समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कई राज्यों में बेटियों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा हमने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में डिलीवरी और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान 5 हज़ार रुपये महिलाओं के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, ताकि वो उचित खान-पान का ध्यान रख सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनने से, उज्ज्वला योजना के तहत गरीब से गरीब बहनों को गैस कनेक्शन की सुविधा मिलने से,घर में ही नल से जल आने से, बहनों के जीवन में सुविधा भी आ रही है और उनकी गरिमा में भी वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा। घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। खेत है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम। नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का। दशकों से, घर और संपत्ति को केवल पुरुषों का अधिकार माना जाता था। आज हमारी सरकार की योजनाएं, इस असमानता को भी दूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार बिना किसी भेदभाव, बिना किसी पक्षपात के बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र के संबंध में अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय किया है। पहले बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल ही थी। बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि माफिया राज और अराजकता के खत्म होने का सबसे बड़ा फायदा यूपी की बहनों और बेटियों को मिला है। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के साथ-साथ अधिकार भी हैं। आज यूपी में संभावनाएं भी हैं और व्यापार भी है। मुझे पूरा विश्वास है कि जब हमारी माताओं, बहनों का आशीर्वाद है, इस नए यूपी को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता।”

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