हरियाणा में सरकारी नौकरियों में घोटाले के विरोध में गुरुग्राम् के सैकड़ों युवाओं का लघु सचिवालय पर प्रदर्शन : मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग

Font Size

सुभाष चौधरी

गुरुग्राम्। हरियाणा में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर प्रदेश के युवा अब आंदोलित हो उठे हैं। पहले एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी को रिश्वत के पैसों सहित गिरफ्तार करने और अब सोनीपत में गिरफ्तार किये गए रोबिन नामक व्यक्ति के खुलासे से वर्तमान भाजपा सरकार के पारदर्शी भर्ती के दावे पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। एचपीएससी और एचपीएसएससी के अभ्यर्थियों ने बड़ी संख्या में गुरुग्राम् जिला उपायुक्त कार्कोयालय में तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सैकड़ों की संख्या में शहर में प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे युवाओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पिछले छह से सात सालों की भर्ती की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की।

हरियाणा में सरकारी नौकरियों में घोटाले के विरोध में गुरुग्राम् के सैकड़ों युवाओं का लघु सचिवालय पर प्रदर्शन : मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग 2एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी एक एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके कार्यालय में ही लाखों रुपये सहित गिरफ्तर करने का मामला अब और तूल पकड़ने लगा है। इससे हरियाणा की भाजपा सरकार के पारदर्शी भर्ती करवाने के दावे की पोल खुल गई।भर्ती प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता की जांच के क्रम में सोनीपत से गिरफ्तार रोबिन ने तो सरकार की नींद उड़ाने वाले तथ्यों का खुलासा कर दिया। उसने हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन और अन्य भर्तियों में सैकड़ों की भर्ती पैसे लेकर करवाने का दावा किया है। इससे हुए चौकाने वाले खुलासे से प्रदेश के उन लाखों युवाओं का सपना चकनाचूर हो गया जो अपने मेरिट पर सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे थे।हरियाणा में सरकारी नौकरियों में घोटाले के विरोध में गुरुग्राम् के सैकड़ों युवाओं का लघु सचिवालय पर प्रदर्शन : मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग 3

पिछले दो वर्षों से भी अधिक से समय से सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले अधिकतर युवा अब निराश होने लगे हैं। कारण है कि अधिकतर युवा अभ्यर्थियों को नॉर्मलाईजेशन का बहाना बना कर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। अभ्यर्थी ललित स्वामी का कहना है कि परीक्षा के लिए जब आवेदन करते हैं तो उस समय नियम व शर्तें इस प्रकार की नहीं होती हैं। लेकिन परीक्षा के बाद उन्हें ऐसे नियम का हवाला देकर नकार अनुत्तीर्ण घोषित किया जाता है जो पहले से बताया नहीं जाता है। स्टाफ सलेक्शन कमीशन की ओर से आज तक नॉर्मलाईजेशन की परिभाषा नहीं बताई गई है। बिना कारण के बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों को अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता है जबकि अधिकतर ने अच्छे अंक प्राप्त किये हैं।

हरियाणा में सरकारी नौकरियों में घोटाले के विरोध में गुरुग्राम् के सैकड़ों युवाओं का लघु सचिवालय पर प्रदर्शन : मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग 4पंकज यादव का कहना है कि इस नॉर्मलाइजेशन की आड़ में हरियाणा में भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार का सरकारी नौकरियों की भर्ती में बोलबाला हो रहा है इसका साफ संकेत एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर की रिश्वत के पैसों सहित हुई गिरफ्तारी और सोनीपत से गिरफ्तार रोबिन के खुलासे से साफ मिल रहा है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि एक तरफ योग्य युवक-युवतियों को बेमतलब की शर्तों के आधार पर परीक्षा के बाद मनमानी शर्तें थोपते हुए नौकरी हासिल करने की आवश्यक से वंचित किया जा रहा है और दूसरी तरफ सरकार पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया होने के दावे कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवा इस स्थिति से बेहद निराश हैं क्योंकि प्रदेश सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं इससे युवाओं को अपना भविष्य अंधकारमय लगने लगा है।

 

भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही अभ्यर्थी पुष्पा का कहना है कि उन्हें अब हरियाणा सरकार की जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं रह गया है क्योंकि पिछले लंबे समय से इस मामले पर लीपापोती की जा रही है। बावजूद इसके कि एचपीएससी कार्यालय में ही कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी स्वयं रिश्वत की मोटी रकम के साथ गिरफ्तार किए गए जबकि सोनीपत से रिश्वत के सहारे लोगों को नौकरियां दिलाने का दावा करने वाले भी सामने आ चुके हैं। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि अब आखिर सरकार को किस प्रकार के प्रमाण की आवश्यकता है।

इसी तरह एक और अभ्यर्थी रानी ने आशंका व्यक्त की कि हरियाणा सरकार इस रिश्वतखोरी के मामले को दबाना चाहती है क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरतने की कारगुजारी पिछले कई वर्षों से चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के हमले को लगता है कि पारदर्शी जांच कराने से सरकार और कमीशन में बैठे कई बड़े लोग इसमें शामिल पाए जा सकते हैं। इससे हरियाणा सरकार की किरकिरी होगी। अपनी छवि बचाने के लिए युवाओं के भविष्य को दाव पर लगाया जा रहा है। उनका कहना है कि इस मामले से पूरी तरह पर्दा तभी उठेगा जब पिछले 7 वर्षों में अब तक हुई सभी प्रकार की सरकारी नियुक्तियों की जांच सीबीआई से कराई जाए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की जांच एजेंसी से अब हरियाणा के युवाओं का विश्वास उठ गया है।

इस पूरे मामले को लेकर गुरुग्राम जिला के सैकड़ों युवक एवं युवतियों ने शहर में प्रदर्शन किया सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर गुरुग्राम के जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में युवाओं की और से मुख्यमंत्री को उनके पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के दावे की याद दिलाते हुए कहा गया है कि जिस तरह आपने नकल के मामले में विधानसभा से कानून पारित करवाकर लोगों को आश्वस्त किया उसी तरह स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की भर्ती में हुए अब तक के घोटाले का भी पर्दाफाश कर हरियाणा के लोगों को पारदर्शी व्यवस्था का विश्वास दिलाएं ज्ञापन में एचपीएससी और एचपीएसएससी के अभ्यर्थियों ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। युवाओं ने ज्ञापन में पिछली भर्तियों को रद्द करते हुए दोबारा परीक्षा आयोजित करवाने की भी मांग की है।

उल्लेखनीय है कि एचपीएससी और एचपीएसएससी की भर्ती में रिश्वतखोरी की जांच कराने को लेकर आज हरियाणा प्रदेश के सभी जिले में हजारों युवक-युवतियों ने प्रदर्शन किया और संबंधित जिला उपायुक्तों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदेश के सभी जिले के युवा इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने पर बल दे रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से अब तक इस मामले पर कोई अधिकृत बयान नहीं आया है लेकिन आज प्रदेश के हजारों युवाओं के सड़क पर उतरने से सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें पैदा होना लाजमी है।

आशंका इस बात की प्रबल है कि अगर मुख्यमंत्री की ओर से युवाओं को आश्वस्त करने वाले कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए तो यह मामला बड़े आंदोलन का स्वरूप ले सकता है। हरियाणा में अब तक वर्तमान भाजपा सरकार जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शी भर्ती होने के दावे करती रही है उस पर प्रश्न चिन्ह लग गया है जबकि युवा वर्ग आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं। संभावना इस बात की भी प्रबल है कि युवा वर्ग पिछली भर्तियों को कैंसिल करवाने और दोबारा से परीक्षा आयोजित करवाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में सरकारी नौकरियों में पर्ची और खर्ची का मामला बेहद पुराना है। यहां शिक्षक भर्ती मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र सहित कई लोगों को घोटाले के आरोप में सजा काटनी पड़ी है। अब एक बार फिर एचपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी रिश्वत के पैसों सहित गिरफ्तार होने से पुराने इतिहास में एक और नई कड़ी जुड़ गई है। प्रदेश के लोगों को इस बात का बेसब्री से इंतजार है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।

You cannot copy content of this page