शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए योग को अपनाना अत्यंत आवश्यक : अशोक बुवानीवाला

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-सीबीएलयू द्वारा आयोजित चौथी अंर्तमहाविद्यालय प्रतियोगिता में आदर्श महिला महाविद्यालय वियजी

-बेस्ट योगी का पुरस्कार प्रीति (यू.टी.डी.) को मिला

भिवानी, 11 दिसम्बर। शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए हमें अपने जीवन में योग को अपनाना अत्यंत आवश्यक हैं। ये उद्गार चौ. बंसी लाल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित चौथी अंर्तमहाविद्यालय योग प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि अशोक बुवानीवाला ने कहें। आदर्श महिला महाविद्यालय में आयोजित इस प्रतियोगिता का शुभारंभ उपस्थित अतिथियों द्वारा मां शारदे के समक्ष द्वीप प्रज्जवल्लित कर किया गया। तदोपरांत सूर्य नमस्कार के साथ प्रतियोगिता का आरंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्यातिथि अशोक बुवानीवाला के साथ विशिष्ट अतिथि सीबीएलयू से डीन विद्यार्थी कल्याण परिषद् एवं खेल अध्यक्ष डॉ. सुरेश मलिक एवं डीएसओ प्रीतम सिंह भी उपस्थित रहे।

शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए योग को अपनाना अत्यंत आवश्यक : अशोक बुवानीवाला 2समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि अशोक बुवानीवाला ने उपस्थित छात्राओं को योग गतिविधियों में निरंतर भागीदारी रखने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि योग के माध्यम से आप न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं अपितु मानसिक तनाव से भी मुक्त रहते है। उन्होंनें कहा कि जो बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में हैं उन्हें योग गतिविधियों में अवश्य भाग लेना चाहिए। क्योंकि योग से एकाग्रता बढ़ती हैं जिससे विद्यार्थी स्वस्थ तन और मन के साथ जीवन में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगें।

उन्होंने योग प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी छात्राओं को बधाई दी और कहा कि प्रतियोगिता में जुडऩा आवश्यक हैं। इसमें हार-जीत मायने नहीं रखती। यदि हम प्रतियोगिताओं से जुड़े रहेगें तो कभी ना कभी सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंनें महाविद्यालय में सामुहिक योग कार्यक्रम चलाने की भी प्रेरणा दी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेश मलिक ने खेल क्षेत्र की गतिविधियों में आदर्श महिला महाविद्यालय के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हमें योग एवं खेल-कूद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। आज के तनाव युक्त वातावरण में खेल कूद के माध्यम से हम न केवल शारिरिक रुप से स्वस्थ रहेंगें अपितु मानसिक रुप से भी स्वस्थ रहेंगें। साथ ही उन्होंनें ‘खेलों इंडिया’ प्रतियोगिता में महाविद्यालय के योगदान की सराहना की और बच्चों को योगा के महत्व के बारे में विस्तृत रुप से बताया और इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए योग को अपनाना अत्यंत आवश्यक : अशोक बुवानीवाला 3

महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. रजनी राघव ने योग और सहयोग की बात करते हुए मुख्य अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय उन्हें कर्मठ एवं जुझारु व्यक्ति बताते हुए छात्राओं के साथ सांझा किया और कहा कि योग जीवन का दर्शन है जो मनुष्य को आत्मा के साथ जोड़ता हैं। प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों से पाँच टीमों ने भाग लिया।

इसमें तकनीकी विशेषज्ञ एवं निर्णायक मंडल में डॉ. विरेन्द्र सिंह जीएस तोशाम, डॉ. सुनील शर्मा प्रवक्ता, सुनील भारद्वाज, सीबीएलयू से श्रीमती रेनू योगा कोच, श्रीमती पिंकी योगा कोच व महेन्द्र सिंह योगा कोच रहें। प्रतियोगिता का आयोजन आदर्श महिला महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. रजनी राघव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विभाग सयोंजिका नीलम गुप्ता व कार्यक्रम सयोंजिका डॉ. निशा शर्मा, शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्षा सोनम व योगा कोच महेन्द्र सिंह द्वारा किया गया।

उद्घाटन समारोह में महाविद्यालय की छात्रा सुशीला व साधना ने योग की झलकियां प्रस्तुत की और स्वयं सेविकाओं के द्वारा देशप्रेम से ओत-प्रोत नृत्य प्रस्तुत किया गया।  कार्यक्रम में महाविद्यालय से समस्त शिक्षक एवं गैर-शिक्षक वर्ग उपलब्ध रहा।

ये रहा परिणाम :

प्रतियोगिता के विभिन्न मुकाबलों की विस्तृत जानकारी देते हुए महाविद्यालय प्रेस प्रभारी गायत्री आर्या ने बताया कि योग प्रतियोगिता में पहली प्रतियोगिता आदर्श महिला महाविद्यालय भिवानी एवं विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के बीच हुई। दूसरी प्रतियोगिता एम.एन.एस., जी सी. भिवानी व राजीव गांधी महिला महाविद्यालय के बीच हुई। तीसरी प्रतियोगिता एम.एम. झोझुकलां व जी.सी.बाढडा के बीच हुई।

प्रतियोगिता में आदर्श महिला महाविद्यालय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान पर अपना कब्जा किया। वहीं राजीव गांधी महिला महाविद्यालय द्वितीय, एम.एम. झोझूकलां तृतीय रहा। बेस्ट योगी का पुरस्कार प्रीति (यू.टी.डी.) को मिला।

अंतर विश्वविद्यालय योगा प्रतियोगिता के लिए प्रीति (यू.टी.डी.) से साधना व ललिता ए.एम.एम.बी. से, कृष्णा व अनु एम.एन.जी.सी. से व कमल राजीव गांधी से चयनीत हुए। गायत्री आर्या ने बताया कि प्रतियोगिता में पश्चिमोतान आसन, कर्णपीड़ासान, पूर्णमस्त्येन्द्रासन, उठितपदहाथ आसन, वातायानआसन, अद्र्धपथपदमोतासन, उठितपदहाथ आसन, पूर्णभुज्ड़ासन, पूर्णधनुरासन, नटराक्षआसन, एकपदरापाक्षआसन की योग मुद्राओं को सम्मिलित किया गया।

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