नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में संभावित विधान सभा चुनावों की तैयारी को लेकर भाजपा ने एक अहम फैसला लिया है। पार्टी नेतृत्व ने अपने 100 सांसदों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है । बताया जाता है कि पार्टी हाई कमान सभी 100 सांसदों को चुनाव संपन्न होने तक उसी राज्य में बने रहने और उन्हें दी गई जिम्मेदारी निभाने को कहा है।
मिडिया की खबरों के अनुसार इन सभी 100 सांसदों को पार्टी ने संसद के शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों के लिए सदन में मौजूद नहीं रहने की छूट दी है। सांसदों की इस सूची में लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों के सांसद है। हालांकि संसद का शीतकालीन सत्र अभी चल रहा है जो 23 दिसंबर को समाप्त होगा. जाहिर है पार्टी के इस फरमान से अब भाजपा के ये 100 सांसद सोमवार से संसद नहीं आएंगे।
पार्टी नेतृत्व ने इस बात का अवश्य ध्यान रखा है कि सांसदों को उनके पड़ोसी राज्य की ही जिम्मेदारी दी जाय लेकिन इसमें क्षेत्र विशेष में जातीय समीकरणों का फार्मूले का भी ख़याल रखा गया है। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के सांसदों को पंजाब में भेजने की तैयारी है जबकि दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के कुछ सांसदों को उत्तराखंड जाने का निर्देश दिया गया है।
इस फरमान में महाराष्ट्र के सांसदों को गोवा की जिम्मेदारी दी गई है। मणिपुर में असम और उत्तर-पूर्व के अन्य राज्यों के सांसदों से पार्टी के लिए काम करने को कहा गया है.
पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी की दृष्टि से कई हिस्सों में बांटकर अलग-अलग राज्यों के सांसदों की ड्यूटी लगाई गई है जहाँ 403 सीटें हैं । बिहार के सांसदों को पूर्वा यूपी के जिलों में कैम्प करने को कहा गया है.