-नगर निगम से कई बार शिकायत की लेकिन हालात पूर्ववत
-कई कालोनियों के लोगों की आवाजाही बाधित
-रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित,घंटों लगते हैं जाम
-ड्रेन निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग करने की शिकायत
-लोगों ने की जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग
गुरुग्राम : विकास के नाम पर किसी मध्यमवर्गीय कालोनी की किस कदर उपेक्षा होती है इसका नजारा अगर देखना हो तो चले आइये लाइन पार राजेन्द्र पार्क – सूरत नगर इलाके में. जिला प्रशासन हो या नगर निगम इस कालोनी के लोगों के साथ दोयम दर्जे के नागरिक की तरह व्यवहार करता है. मूलभूत सुविधाओं में फिसड्डी इस इलाके को उनके हाल पर छोड़ देना निगम का नियम बन गया है. लोग शिकायत करते रहते हैं लेकिन समस्याओं का निराकरण करने की कोई जहमत उठाता है. आज स्थिति यह है कि इस इलाके के लोगों की आवाजाही का एक मात्र रास्ता ड्रेन बनाने के नाम पर पूरी तरह खोद कर रख दिया है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं और दूसरी तरफ काम की गति कछुए से भी धीमी चाल से . बदहाल स्थिति से बाहर आने को छटपटा रहे हजारों परिवारों की यह कालोनी लावारिश हालत में है.
दौलताबाद फ्लाईओवर राजेंद्रा पार्क से लेकर धनवापुर गांव जाने वाली मुख्य सड़क जर्जर हालत में है. इस रोड़ के बारे में कई बार निगम को शिकायत की गई लेकिन गुरुग्राम प्रशासन का ध्यान इसकी तरफ नहीं जा रहा है. सड़क में भूमिगत काम इतना अव्यवस्थित हो रहा है किसी भी समय कोई भी बड़ा हादसा इस रोड पर हो सकता है. इलाके के लोग कहते हैं कि यह रोड केवल धनवापुर गांव से राजेंद्रा पार्क एरिया की तरफ ही नहीं जा रहा बल्कि निर्माधीण द्वारिका एक्सप्रेस वे को भी जोड़ता है. एक तरफ दौलताबाद फ्लाईओवर का गलत निर्माण और दूसरी तरफ इसको जोड़ने वाला संपर्क मार्ग बदहाल, इस इलाक के लोग हर रोज घंटों जाम में फंसे रहने को मजबूर हैं.
इस रास्ते पर राजेन्द्र पार्क, सूरत नगर फेज एक और दो , टेकचंद नगर और धनवापुर के साथ साथ इस पर बसे बड़े बड़े एपार्टमेंट भी हैं जो आज इस हालत में ठगा सा महसूस कर रहे हैं. यहां की सभी कॉलोनियों के निवासी कई बार गुरुग्राम प्रशासन से इस सड़क के गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं. न तो राजनेता और न ही गुरुग्राम प्रशासन कोई भी ध्यान दे रहा है.
आसपास की सभी कॉलोनियों के निवासी दुखी और परेशान हैं क्योंकि इनके रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. इस सड़क पर स्थापिर दुकानें और अन्य व्यवसाय भी ठप है जबकि दैनिक जरूरतों के लिए लोगों को आने जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. सभी लोगों के आने जाने में बहुत परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
भाईचारा सामाजिक संगठन सूरत नगर फेज- 2 गुरुग्राम के मुकेश सिंगल ने बताया कि इस रोड पर ड्रेन बनाने का जो काम चल रहा है, वह बहुत ही स्लो है. पूरे रोड पर मिट्टी चारों तरफ फैली हुई है. रास्ते बंद हैं. जल जमाव से लोगों को यह पता नहीं चल पाता है कि कहना गड्ढे हैं. इससे आये दिन दो पहिये और चार पहिये वाले दुर्घटना ग्रस्त होते रहते हैं. उनकी शिकायत है कि जिस अधिकारी की देखरेख इस को बनाया जा रहा है वह काम ठीक ढंग से नहीं करा रहे हैं.
सोमबीर शर्मा ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से भी बहुत सी लापरवाही दिखाई दे रही है. उनका कहना है कि इस रोड पर अंडर ग्राउंड कंस्ट्रक्शन का बोर्ड भी नहीं लगाया है, जो बड़े हादसे को न्योता दे रहा है. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इसके निर्माण के लिए घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है क्योंकि रोड़ की तरफ का एक हिस्सा धंस सकता हैं. भविष्य में कोई भी बड़ा हादसा इस रोड पर हो सकता है.
सूरत नगर निवासी डॉ विजेंद्र का कहना है कि आम जनमानस को इस रास्ते पर निकलने के लिए बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि यह रोड रोज एक बड़े खतरे को न्योता देता है. उन्होंने शिकायत की कि इससे पहले धनवापुर पाठक अंडरपास जो बन रहा है उससे भी लम्बे समय से सूरत नगर निवासियों के निकलनेके लिए कोई रास्ता नहीं है. इस रास्ते से लाखों लोग हर रोज अपने किसी ना किसी काम के लिए गुजरते हैं क्योंकि इस रास्ते से लोग दिल्ली की और भी जाते हैं जबकि गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्र में भी जाने का यह रास्ता है. सभी लोगों को आने जाने में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
इसी इलाके के निवासी तिलक राज दिक्षित का कहना है कि हर दिन वाहनों का घंटो जाम लगा रहना यहाँ की नियति बन गई है. स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, आदि जाने में सभी आसपास की कॉलोनी के वासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस पर ट्रैफिक का दबाव इस लिए भी अधिक रहत है क्योंकि यह रास्ता द्वारका एक्सप्रेस-वे को भी जोड़ता है.
जगबीर दिक्षित कहते हैं कि यह रोड धनवापुर गांव , राम विहार ,सूरत नगर फेस,2, सूरत नगर फेस 1, पूरा राजेन्द्र पार्क और भी बहुत सी कॉलोनियों को जोड़ता है. इस रास्ते पर किया बड़ी बड़ी बिल्डिंग, ज़ारा ग्रुप, गोदरेज समीट सेक्टर 104 एक्सटेंशन भी है. कीचड़ और गंदगी आम लोगों के लिए मुसीबत से कम नहीं है जो बहुत सी बीमारियों को न्योता दे रही है.
वेद जांगड़ा ने कहा कि आसपास की कॉलोनियों के छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं पुरुष बुजुर्ग आदि बहुत सी बीमारियों से ग्रस्त भी हैं. इस रोड के दोनों तरफ गंदगी का अम्बार लगा हुआ है. सीवर,ड्रेन लाईन का काम शुरू करने के लिए पूरे रस्ते को खोद रखा है. पूरे गुरुग्राम से यहां से हर रोज हज़ारों गाड़ियां निकलती हैं जो निर्माणाधीन द्वारिका एक्सप्रेस वे पर जाती हैं. इस रोड़ पर हर दिन जाम से जूझना पड़ता है.
राजेश राय कहते हैं कि इस इलाके में अधिकतर श्रमिक वर्ग रहता है जो पैदल साइकिल से चल कर अपनी फैक्ट्री में जाते हैं. पैदल चलने वालों को तो इस कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है. शिकायत के बावजूद इस रास्ते पर किसी भी बड़े अधिकारी की नजर नहीं गई है.
राजेश यादव ने कहा कि यह क्षेत्र भी गुरुग्राम का भाग है फिर भी इस प्रकार की उपेक्षा की जा रही है. लोग अब इस हालात से त्रस्त हो चुके हैं. इस सम्बन्ध में मुकेश सिंगला ने नगर निगम को सोशल मिडिया के माध्यम से भी शिकायत की है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि यह रोड वार्ड नंबर 11, 12 को जोड़ता है.
इलाके के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि इसलिए इतनी बड़ी आबादी का जीवन स्तर सुधारने के लिए इस समस्या को अपने संज्ञान में लें और इस पर तुरंत उचित कार्रवाई करवाएं. इसके निर्माण की गति तेज कर लोगों को समस्या से निजात दिलाये . सूरत नगर फेस 2, गुरुग्राम से सामाजिक भाईचारा संगठन के मुकेश सिंगला, सोमबीर शर्मा, डॉक्टर विजेंदर,समाजसेवी जगबीर दीक्षित, राजेश यादव,राजेश राय, वेद जांगड़ा, सुरेश खेरी, राकेश सिंगला,समाजसेवी तिलक दीक्षित एवं समस्त आसपास के कॉलोनी के निवासियों ने गुरुग्राम शहर के प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई है कि इस रोड की साफ-सफाई की उचित व्यवस्था करवाई जाये आसपास की कालोनियों के निवासियों की आवाजाही आसान हो सके.