गुरुग्राम, 5 दिसम्बर : ऊर्जा समिति द्वारा 14 दिसम्बर को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ मनाया जायेगा। इस दिवस की मान्यता के अनुसार लोगो को ऊर्जा संरक्षण के लिए जागृत किया जायेगा। लोगों को बिजली बचत की जानकारी दी जाएगी।
समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण एवं बचत पर आधारित इस ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ की शुरुआत कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए गीता जयंती महोत्सव एवं विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, वाणिज्यिक और परिवहन क्षेत्रों से की जाएगी। इसमें घरेलु व व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली, पानी, तेल, गैस, पैट्रोल व डीजल को सुरक्षित करने तथा पर्यावरण के अनुकूल सौर ऊर्जा को अपनाने की प्रेरणा देकर जागृत किया जायेगा। अनेक संसाधनों के आधार पर बिजली की प्रति यूनिट की खपत के आकड़ों की जानकारी दी जाएगी।
बिजली, पानी, तेल, गैस, पैट्रोल व डीजल के संरक्षण की विस्तृत जानकारी और प्रचार सामग्री जन-जन तक पहुंचाकर लोगों में ऊर्जा सरक्षण हेतू जागरूकता पैदा करना ही इस ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ का उद्देश्य है। सौर ऊर्जा को अपनाकर भी इस ऊर्जा का संरक्षण होगा और प्रदूषण पर भी नियन्त्रण हो सकेगा।
केंद्र सरकार, विद्युत मंत्रालय द्वारा इस दिवस पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार एवं राष्ट्रीय एनर्जी एफिशिएंसी इनोवेशन अवार्ड दिए जाएंगे।
हमारी सरकार भी लगभग पांच करोड़ रूपये प्रति मैगावाट विद्युत हमारे घर तक पहुंचाने में खर्च करती है और प्रत्येक वर्ष हजारों करोड़ रूपए विदेशी मुद्रा में पैट्रोलियम उत्पादों को आयात करने में खर्च करती है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार हजारों करोड़ रूपए सब्सिडी के रूप में खर्च कर रही है। सरकार द्वारा उजाला योजना के तहत एलईडी और ऊर्जा की कम खपत करने वाले उपकरण भी सस्ती दर पर दिए जा रहे हैं। आप और हम सब मिल कर अपने वाहनों में ईधन एंव घरों में ऊर्जा बचाने के उपयोग को अपनाकर विदेशी मुद्रा के खर्च को कम करने में सहायता कर सकते हैं। ऊर्जा समिति सभी से ऊर्जा संरक्षण एवं बचत की अपील करती है।
समिति के महासचिव ने बताया कि इसमें बहुत से स्वयं सेवक शामिल होंगे और ऊर्जा संरक्षण की प्रेरणा देंगे। आज प्रत्येक व्यक्ति ऊर्जा पर आधारित वस्तुओं का इस्तेमाल कर रहा है, प्रत्येक को इस ऊर्जा का संरक्षण करना जीवन जीने के लिए आवश्यक है एवं जिन्दगी के साथ-साथ ही इनकी बचत की जानी चाहिए। सभी मिलकर ऊर्जा का संरक्षण करके पर्यावरण संतुलन में सहयोग करें।