नई दिल्ली : देश में राजनीतिक हलचल तेज है. एक तरफ उत्तर प्रादेश में सपा भाजपा के बीच एक दूसरे के नेताओं को तोड़ने की कोशिश और वाक् युद्ध जारी है तो दूसरी तरफ़ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातर अपनी पार्टी को विस्तार देने के लिए अलग अलग राज्यों में कई नेताओं को टीएमसी में शामिल करने में जुटी हुई हैं. इसका एक दिलचस्प नजारा आज भी दिल्ली में देखने को मिला जब कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, पार्टी की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व महासचिव पवन वर्मा आज तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. तीनों ही नेताओं को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं ही पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई . इनमे से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व सलाहकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य पवन वर्मा पार्टी विरोधी बयान के लिए 2020 में जद यू से निष्कासित कर दिए गए थे.
पत्रकारों से पवन वर्मा ने कहा कि मैंने टीएमसी ज्वाइन किया है. जेडीयू छोड़ने के बाद काफी गहराई में जाने के बाद राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सरकार को लोकतांत्रिक ढंग से चुनौती देना जरूरी है. उम्मीद करता हूं कि साल 2024 में ममता बनर्जी राष्ट्रीय चुनाव जीतकर दिल्ली में होंगी.
कभी भाजपा और फिर कांग्रेस पार्टी में रहे पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने टीएमसी में शामिल होने के बाद कहा कि ममता बनर्जी ने जमीन पर उतर कर लड़ाई लड़ी है. मैंने भी हमेशा यही प्रयास किया है कि लोगों के लिए लड़ाई सीधे जमीन पर उतर के लड़ी जाए. जो लोग देश को विभाजित करने का काम कर रहे हैं उनके खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा. उल्लेखनीय है कि कीर्ति आजाद 1983 की क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य थे. बिहार की दरभंगा संसदीय सीट से तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए. 2014 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर आम चुनाव लड़ा था .
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टिकट वितरण में पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्हें कांग्रेस से बाहर हो अगये थे . कांग्रेस छोड़ने के बाद इस साल फरवरी में उन्होंने अपनी पार्टी ‘‘अपना भारत मोर्चा’’ बनाया था .
वह हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं और किसी समय राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे. सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब तंवर को हरियाणा में पार्टी के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.