– हरियाणा साहित्य अकादमी व गाय और गाँव संस्था ने शरद पूर्णिमा के अवसर पर किया काव्य गोष्ठी का आयोजन
– द्रोणाचार्य कालेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में गुरुग्राम के 25 कवियों ने सहभागिता की
गुरुग्राम : जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये, जय बोलो बेईमान की, नर हो न निराश करो मन को, शक्ति और क्षमा, अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जंग नहीं होने देंगे, हम सब राही एक राह के, स्वप्न झरे फूल से जैसी पंक्तियाँ युक्त संदेशपरक व लोकप्रिय कविताओं ने आज गुरुग्रामवासियों के मन को खूब झकझोरा। दूसरी तरफ प्रकृति की गोद में बैठकर गुरुग्राम के कवियों ने राष्ट्रीय कवियों को उन्हीं की रचनाओं के माध्यम से भावांजलि दी। अवसर था हरियाणा साहित्य अकादमी एवं गाय और गाँव संस्था के संयुक्त तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित मुक्ताकाश काव्य गोष्ठी का ।
इस विशेष काव्य गोष्ठी में पहुंचे कवियों ने गोपाल दास नीरज, काका हाथरसी , हरिवंश राय बच्चन, सोहन लाल द्विवेदी, सुमित्रा नंदन पंत, मैथिली शरण गुप्त, अज्ञेय, सोम ठाकुर, सुभद्रा कुमारी चौहान , रामधारी सिंह दिनकर, अटल बिहारी बाजपेयी, सरीखे दिग्गज कवियों का स्मरण करते हुए उन्हें भावांजलि दी। यह आयोजन मंगलवार 19 अक्टूबर को रात्रि 9 बजे से द्रोणाचार्य कालेज के परिसर में किया गया । इसमें गुरुग्राम के लगभग 25 कवियों ने सहभागिता की।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेयी ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेत्री डॉ शिवानी मंगेश मौजूद थीं. रेडियो बूज़ के प्रबंध निदेशक मुकेश गंभीर , हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशिका डॉ मुक्ता , प्रख्यात कवयित्री ममता किरण भी विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गोष्ठी का संचालन साहित्यकार मदन साहनी ने किया।
कार्यक्रम का आरम्भ मौजूद अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर किया जबकि वीणा अग्रवाल ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से माँ शारदा का आवाहन किया। हरियाणा कला परिषद के पूर्व निदेशक व गाय और गांव मिशन के संयोजक अजय सिंहल ने विषय प्रस्तावना रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय कवियों को भावांजलि अर्पित कर उनका तर्पण करने के उद्देश्य से इस गोष्ठी का आयोजन किया गया है ।
मुक्ताकाश काव्य गोष्ठी के आरम्भ से ही कवियों ने कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं को मंच की ओर एकाग्रचित्त होने को मजबूर कर दिया। सविता स्याल ने काका हाथरसी, राजपाल यादव व लाडो कटारिया ने अटल बिहारी बाजपेयी, सुशीला यादव ने सुभद्रा कुमारी चौहान , नरेंद्र खामोश ने सोम ठाकुर, हरेन्द्र यादव , शकुन्तला मित्तल व रश्मि छिकारा ने रामधारी सिंह दिनकर, कृष्णलता यादव ने महादेवी वर्मा, दीपशिखा श्रीवास्तव ने सुमित्रा नंदन पंत, मुकेश गंभीर व ममता किरण ने अज्ञेय, डॉ मुक्ता व मीनू राठी ने हरिवंश राय बच्चन, सविता उपाध्याय ने सोहन लाल द्विवेदी, राम बहादुर सिंह ने मैथिली शरण गुप्त तथा मोनिका शर्मा, बिमलेन्दु सागर, लक्ष्मी शंकर बाजपेयी , राजेन्द्र निगम, इंदु निगम, शारदा मित्तल, मीना चौधरी ने नीरज जी की रचनाओं से उन महान कवियों की सूक्ष्म उपस्थिति का एहसास करा दिया. कई कवियों ने इस अवसर पर प्रकृति या आर्युवेद पर स्वरचित दोहा ,छंद व चौपाई प्रस्तुत कर उन विषयों के प्रति जागरूक करने की भी कोशिश की।
कार्यक्रम के पश्चात चंद्रमा की रश्मियों से युक्त खीर का वितरण किया गया तथा नवकल्प फाउंडेशन की ओर से डॉक्टर सुनील आर्य द्वारा अस्थमा के रोगियों को दवाई खीर के साथ दी गई।
गौ सेवा आयोग के सदस्य पूरन यादव लोहचब, शरद जिंदल, अनिल आर्य, डॉ सुनील आर्य, कृष्ण ढींगरा, सीमा शर्मा , संदीप शर्मा, सुधीर त्रिपुरारी, बी एल सिंगला, गौरव अरोड़ा, ओ पी अरोड़ा , भारती राव, आर के राव, अमित गोयल , शिवदत्त सहित नगर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अनिल श्रीवास्तव ने आमंत्रित अतिथिगण, कवि गण, श्रोताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।